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धार। दलितों से किसी ने बात की तो 25 हजार का जुर्माना- मांगरोद गांव के हिन्दू

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दबंगो ने किया दलितो का सामाजिक बहिष्कार, मामला धार जिले की पिथमपुर तहसील के ग्राम मांगरोद का है।

यहां की शासकीय भूमि पर वर्षों से सर्वजाति के लोग मांगलिक कार्य करते आ रहे हैं। पूर्व में दलित और सवर्ण समाज में आपस में भाईचारा था।

कुछ दिन पूर्व यहां गांव में आये पुजारी जगदीश भारती (मंगलनाथ गुरु) ने गांव की समरसता में जहर घोल दिया। उसने उच्च वर्ग के लोगों से कहा कि बलाई चमार को अपने पास मत बैठाया करो। तुम लोग राजपुत हो। इन्हें तुम्हारे पास बैठाने से तुम्हारा धर्म नष्ट हो जायेगा। इस प्रकार के भड़काऊ बयान से गांव का उच्च वर्ग दलितो को घृणा की दृष्टि से देखने लगा।

उक्त शासकीय भूमि पर पूजारी ने बिना शासन की अनुमति के निर्माण कार्य शुरू किया। पूजारी ने कहा कि यह निर्माण सभी लोगों के मांगलिक कार्यों में आयेगा। सभी से निर्माण कार्य का चंदा लिया किन्तु दलितों से नहीं लिया । उन्हें कहा कि आप लोग गरीब हो इसलिए तुमसे चंदा नही लेंगे। यह जगह सभी के लिए मांगलिक कार्यों में काम आयेगी। 15/2/23 को दलित परिवार में विवाह समारोह हेतू उक्त जगह मांगने पर पूजारी ने मना कर दिया और कहा कि यह जगह बलाई चमार हरिजन के लिए नहीं है। आप लोगों को कोई भी कार्यक्रम करना है तो गांव से बाहर जाकर करो। इस मामले की शिकायत दलितों ने थाना सागोर पुलिस को की ।

इस बात से नाराज होकर यहां गांव के दबंग लोगों ने पंचायत बुलाई और दलित परिवारों का सामाजिक बहिष्कार करने की घोषणा की और दलित परिवारों का हुक्का पानी बंद कर दिया गया। कई दिनो से गांव की शासकीय दुग्ध डेरी से दलितों को दुग्ध नहीं देते। किराने की दुकान से सामान नही देते। और नाई ने बाल काटने से मना कर दिया । आटा चक्की पर आटा पिसने से मना कर दिया और तो ओर गांव कि पंचायत में उच्च वर्ग के लोगों ने आपस में तय किया कि यदि गांव में किसी ने दलितों से आर्थिक व्यवहार या बातचीत की तो 25000/- रुपये जुर्माना लगेगा।

इस घटना से पीड़ित व्यथित दलितो ने अखिल भारतीय बलाई महासंघ की धार महिला जिला अध्यक्ष प्रेमलता पंवार के माध्यम से दलित नेता मनोज परमार को सुचना दी । आज सेकड़ो की संख्या में दलित समाज के लोग दलित नेता मनोज परमार के नेतृत्व में कलेक्टर कार्यालय पहुंचें और जमकर नारेबाजी करते हुये। जातिवाद मुर्दाबाद, दलित अत्याचार बंद करो के नारों से धार जिला कलेक्टर कार्यालय गुंजायमान कर दिया।

अब सवाल यह है कि कहा है संविधान?


कलेक्टर की अनुपस्थिति में डिप्टी कलेक्टर नेहा शिवहरे ने ज्ञापन लिया। इस दौरान डिप्टी कलेक्टर ने तहसीलदार विनोद राठौर को बुला लिया। तहसीलदार को देखते ही दलितो का आक्रोश फूट पड़ा। क्योंकि तहसीलदार के क्षेत्र सादलपुर में 5 दिन पूर्व दलित व्यक्ति के शव को श्मशान में जलाने नहीं दिया गया था।

उस बात को बीते आज 5 दिन हो गये परन्तु आरोपी की गिरफ्तारी अभी तक नही हुई। न ही शमशान भूमि का विवाद सुलझा। इस बात को लेकर प्रदर्शनकारियो ने तहसीलदार विनोद राठौर को घेरा परन्तु राठौर निशब्द थे। मामले को बिगड़ता देख डिप्टी कलेक्टर ने मैदान सम्भाला और समझाईश देते हुवे। कार्यवाही का आश्वासन दिया ।

तत्पश्चात आन्दोलनकारियों ने SP कार्यालय का घेराव किया और एडिशनल SP निलेश्वरी डाबर को ज्ञापन देते हुये। शमशान विवाद में फरार आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग की और अधिकारियों को बताया कि सादलपुर थाना क्षेत्र के एकलारा गांव में दलितों को शासकीय शमशान में जलाने नही देते। मन्दिर में जाने नही देते ।
दलित की बनोली या बारात निकालने नही देते। ऐसी यातनाओं से पीड़ित लोग हिन्दू धर्म से दूर हो रहे। उन्हें अपने मौलिक अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है।

इससे हिन्दू धर्म और समाज दोनों का ही नुकसान है। इसलिये समाज को बाटने वाले आरोपियों पर कड़ी कार्यवाही कि जाए ताकि दूसरे किसी गांव में ऐसी घटना दुबारा न हो।

इस अवसर पर सम्भागीय अध्यक्ष महेश मालवीय, जिला अध्यक्ष सुभाष सोलंकी, महिला तहसील अध्यक्ष चंदा मालवीय, रोहित आंजना, महेन्द्र सुनेल, दिलीप वर्मा, सचिन सिंदल, समर्थ सुनेल, लखन देपाले, आदित्य चौहान, लक्ष्मण खेड़े, दिनेश हिरवे, पटवारी राजाराम जी चौहान, किशोर जी पहलवान,महेश जी चौहान, सुभाष जी सोलंकी, लोकेश जी पंवार, लाखन जी सोलंकी, देवीलाल जी जाटवा, सोहन जी पंवार, अर्पित जी सोलंकी, धर्मेन्द्र जी सोलंकी, कमलेश जी लाला पाटीदार, रोहित जी सिंधिया,

भरत जी जाधव, विक्की जी ठाकूर, दिनेश जी हिरवे, आकाश जी, रितिक जी, श्री राम जी,अनिल जी, बलराम जी, विशाल जी पंवार, धीरज जी सेंदल, महेंद्र जी सेंदल, विष्णु जी सोलंकी, दशरथ जी सोलंकी, पवन जी सोलंकी, ईश्वर जी पंवार, रोहित जी सेंदल, बबलू जी पंवार, शुभम जी सेंदल, गजेंद्र जी सेंदल, प्रदीप जी सोलंकी आदि दलित समाज के सैकड़ों लोग उपस्थित थे ।

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