देवास

शिव महापुराण का श्रवण करने से सभी पाप नष्ट हो जाते है: आचार्य आकाश जी

कबीर मिशन समाचार
जिला देवास

सोनकच्छ। एक बार ब्रह्मा जी विष्णु के पास गए भगवान विष्णु से बोले मैं सबसे बड़ा हूं, जगत पिता हूं, आप मुझे देखकर खडे़ नही हुए और ना ही हमारा सम्मान किया। इसी बात पर ब्रह्मा और विष्णु का युद्ध हो गया और देवताओं में भी हाहाकार मच गया।

अब क्या होगा सभी देवताओं ने जाकर भगवान भोलेनाथ से स्तुति करते हुए कहा कि, है भगवन आप ही इस युद्ध को रोक सकते हैं, भगवान विष्णु व ब्रह्मा जी ने अस्त्र चलाये है। कहते हैं दोनों के बीच में जब एक ज्योतिर्लिंग प्रकट हुआ तब युद्ध बंद हो गया था। ब्रह्मा-विष्णु जब इस लिंग का पता लगाने के लिए गए पर पता नहीं लगा पाए।

उसी लिंग से भूत भावन भोलेनाथ प्रकट हो गए, भोलेनाथ ने काल भैरव को प्रकट किया। सबसे उत्तम जो पुराण है वह शिव महापुराण है। जिसमें वेदांत का सार सर्वस्य है। तथा वक्ता और श्रोता के समस्त पापों को उद्धार कराने वाला है। जीवन में मनुष्य ने कैसे भी पाप किए हो भूल से भी एक बार शिव महापुराण की कथा श्रवण कर ले तो उसके पाप समस्त नष्ट हो जाते हैं।

सब लिंगो में सबसे श्रेष्ठ पार्थेश्वर शिवलिंग का पूजन करना चाहिए। यह बात अधिक मास के उपलक्ष चल रही श्री शिव महापुराण कथा के दुसरे दिन वृंदावन से पधारे आचार्य आकाश दुबे जी ने भक्तों को सुनाई। कथा श्री नागर चित्तौड़ा जाग्रती महिला मंडल के तत्वाधान में श्री चित्तौड़ा धर्मशाला के चल रही है। दुसरे दिन की कथा का भक्तों ने तन्मयता से आनंद लिया। अंत आरती व प्रसादी का वितरण किया गया। जानकारी देते आचार्य श्री ने बताया कि, कथा के तीसरे दिन शुक्रवार को सती चरित्र के साथ पार्वती जी के दुसरे जन्म की कथा विस्तार पुर्वक सुनाई जावेगी।

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