सरस्वती स्कूल भरतगढ़ में 15 दिवसीय व्यक्तित्व विकास शिविर का समापन।सरस्वती विद्या मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भरतगढ़ दतिया में 15 दिवसीय चल रहे व्यक्तिगत विकास शिविर का
गुरुवार को समापन हुआ समापन समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलन एवं सरस्वती वंदना के साथ हुआ । इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित श्री केदार सिंह जी गुर्जर (मा. जिला सरसंघचालक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जिला दतिया), श्री पंचम सिंह जी कौरव(अध्यक्ष केशव बाल विकास समिति), श्री राघवेंद्र सिंह जी सेंगर
(सचिव केशव बाल विकास समिति) श्री मनोज जी गुप्ता (प्राचार्य/प्रबंधक केशव बाल विकास समिति) मंचासीन रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता केशव बाल विकास समिति के अध्यक्ष श्री पंचम सिंह जी कौरव ने की एवं अतिथि परिचय प्राचार्य/प्रबंधक श्री मनोज जी गुप्ता द्वारा कराया गया
तथा अतिथि स्वागत श्रीमती कामिनी सिंह राठौड़ एवं श्री मनोज भटनागर द्वारा किया गया। श्री मनोज जी गुप्ता द्वारा इस कार्यक्रम की प्रस्तावना रखी गई श्री मनोज गुप्ता ने शिविर में 15 दिवस में की गई विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया और विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न विधाओं में प्राप्त किए गए प्रशिक्षणों को उपयोगी बताया। जिसमें प्रतिदिन
विभिन्न प्रकार की गतिविधियां कराई जाकर विद्यार्थी को विभिन्न विधाओं में दक्ष किया जा रहा था इन विधाओं में दक्ष होकर विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रकार की विधाओं का प्रस्तुतीकरण परीक्षण के अंतिम दिन प्रदर्शित किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि जिला सरसंघचालक श्री केदार सिंह जी गुर्जर ने कहा कि शिविर पूर्ण रूप से सफल रहा है तथा विद्यार्थियों की प्रतिभा
निखर के सामने आई है जिसको विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुतीकरण करके प्रस्तुत किया गया उन्होंने भैया बहनों द्वारा विभिन्न विधाओं के प्रस्तुतीकरण की सराहना की तथा उन्होंने यह भी कहा की शिक्षा के क्षेत्र में या प्रशिक्षण के क्षेत्र में छात्र, शिक्षक, अभिभावक महत्वपूर्ण कड़ी होते हैं अगर एक भी कड़ी कमजोर हो तो विद्यार्थी का विकास नहीं हो पता हर किसी क्षेत्र में इन
तीनों की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण होती है तथा शिक्षा एवं व्यक्तित्व विकास के लिए महत्वपूर्ण गुण होता है नियमित रहना और किसी चीज को सीखने के लिए जरूरी है कि हम उसे चीज का नियमित अभ्यास करें। उन्होंने अपने उद्बोधन में यही भी कहा कि विद्या भारती के समस्त विद्यालयों में सीखने के साथ-साथ संस्कार भी सिखाए जाते हैं।
वर्तमान परिस्थितियों में मातृभाषा के साथ-साथ अन्य भाषाओं का ज्ञान भी हमें होना चाहिए तथा बुद्धि के विकास के साथ-साथ विद्यार्थी का शारीरिक विकास होना भी जरूरी है जीवन में विद्यार्थी को सहनशील संस्कारवान एवं धैर्यवान होना चाहिए तथा विद्यार्थी को हर विधाओं में 100% होना चाहिए।
व्यक्तित्व विकास शिविर में भाग लेने वाले लगभग 151 विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत किया गया। तथा व्यक्तित्व विकास शिविर में प्रशिक्षण दे रहे समस्त शिक्षकों को भी मुख्य अतिथि द्वारा सम्मानित किया गया। विभिन्न विधाओं में विद्यार्थियों ने प्राप्त प्रशिक्षण में शिक्षकों एवं विशेषज्ञों के द्वारा विद्यार्थियों को खेलकूद
(थांग-ता, जूडो),घोष, संगीत, कंप्यूटर, चित्रकला, अंग्रेजी संभाषण, ए.टी.एल., नृत्य, आत्मरक्षा आदि अनेकों विधाओं में सहभागिता करवाई जाकर प्रशिक्षण दिया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री पंचम सिंह जी गौरव ने अपने आशीष वचन में कहा कि विद्या भारती द्वारा चलाए जा रहे इस प्रकार के प्रशिक्षणों से विद्यार्थियों
को बहुत लाभ हो रहा है जिससे वह एसजीएफआई एवं खेलो इंडिया जैसे बड़े मंचों पर गोल्ड मेडल सिल्वर मेडल आदि प्राप्त कर सरस्वती स्कूल भरतगढ़ का नाम रोशन कर रहे हैं। व्यक्तित्व विकास शिविर के समापन समारोह में बड़ी संख्या में विद्यार्थी एवं पालकगण मौजूद रहे। पालकों ने भी शिविर को सफल बताया है।
अंत में आभार श्रीमती कामिनी सिंह राठौड़ द्वारा प्रकट किया गया। इस अवसर पर विभिन्न विधाओं में भाग लेने वाले भैया बहन एवं उनके अभिभावक तथा विद्यालय के समस्त आचार्य दीदी उपस्थित रहे।