पचोर /सत्येंद्र जाटव मध्य प्रदेश
के राजगढ़ जिले में दो मंत्री हैं और 12 साल से अधिक सांसद श्री रोडमल नागर है लेकिन किसान आज भी अपनी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए भी नेताओं की तरफ देख रहा है सबसे ज्यादा दुर्दशा
इसी राजगढ़ की हो रही है दुर्भाग्य से अगर पंचायत में किसानों की फसलों में या घर मकान में आग लग जाए तो पंचायत के अधिकारी कर्मचारी और जनता आज पड़ोस के नगर पंचायत पर निर्भर होते हैं या खुद की जान जोखिम में डालकर आग बुझाने का प्रयास करते हैं
लेकिन यहां के मंत्री अधिकारी और नेता विधायक सांसद लोग गंभीरता से ध्यान न देते हुए एक पंचायत को फायर सेफ्टी फायर ब्रिगेड का इंतजाम तक नहीं कर पा सके क्या पड़ोस की नगर पंचायत पर निर्भर होना पड़ता है
राजगढ़ जिले में 622 पंचायत है दमकल सिर्फ निकायों के पास किसान अपनी जान को जोखिम में डालकर आग बुझाते हैं ग्रामीणों द्वारा आग लगने के दौरान जान का जोखिम लेना पड़ता है और आग बुझाने का प्रयास किया जाता है किसानों का कहना है कि आग
लगने पर मोटर चालू करें या बाल्टियों से मोटर पंप चालू करके आग बुझाने का प्रयास करते हैं लेकिन यह प्रयास कगार साबित नहीं हो पाते हैं क्योंकि आपका प्रकोप बहुत तीव्रता से पड़ता है एक खेत पर आग लगने पर अनेकों खेतों में आग लगने की संभावना अधिक रहती है
दरअसल सूचना मिलने में भी समय लगता है इसीलिए प्रत्येक गांव पंचायत में भी दमकल या फायर सेफ्टी के उपकरणों की व्यवस्था की जाना चाहिए या टैंक करो की व्यवस्था होना चाहिए के कुछ पंचायत में पानी के टैंकर तक की व्यवस्था नहीं है
एक गंभीर विषय है आखिर कृषि प्रधान देश है किसान देश का मालिक है लेकिन सबसे ज्यादा आज किसान बेरोजगार मजदूर युवा बेरोजगार आज परेशान है कृषि प्रधान देश होने के बाद भी आज किसानों की सबसे ज्यादा दुर्दशा देखने को मिल रही है