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धार की भोजशाला में मां सरस्वती की प्रतिमा रखने का प्रयास, जाली काटी….पुलिस जुटी जांच में

कबीर मिशन समाचार

हिंदू संगठन का कहना स्वयं प्रकट प्रतिमा फिर रखी जाए
पुलिस ने कहा भोजशाला की तार फेसिंग काटी
पुलिस जांच कर कार्रवाई के लिए जुटी


धार। ऐतिहासिक व संरक्षित इमारत भोजशाला में अचानक मां वाग्‍देवी की मूर्ति के प्राक्‍टय होने का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर रविवार सुबह से इस तरह के फोटो-वीडियो और मैसेज वायरल हो रहे है। प्रशासन ने इस घटना को शरारती तत्‍वों की कारस्‍तानी बताया है। बताया जा रहा है कि अलसुबह 3-4 बजे के आसपास किसी अज्ञात व्‍यक्ति ने भोजशाला के पीछे स्थित जाली को काटकर गर्भगृह वाले स्‍थान पर मां वाग्‍देवी की प्रतिमा को रखने का प्रयास किया। घटना की जानकारी मिलने पर प्रशासन और पुलिस के तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे और मूर्ति को जब्‍त कर लिया। साथ ही भोजशाला की सुरक्षा व्‍यवस्‍था भी बढ़ा दी गई।

इस बीच सुबह के वक्‍त तेजी से भोजशाला के गर्भगृह के फोटो-वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे। दोपहर तक हर प्‍लेटफार्म पर भोजशाला ही सुर्खियों में बनी हुई है। हिंदू संगठन के लोग इसे मां वाग्‍देवी का प्राक्‍टय बता रहे है। जबकि प्रशासन ने साफ कर दिया है कि जाली काटकर मूर्ति को रखने का प्रयास किया गया। यह असामाजिक तत्‍वों द्वारा की गई कारस्‍तानी है। प्रशासन ने इस घटना के बाद पूरे भोजशाला क्षेत्र की सुरक्षा बढ़ा दी है। साथ ही एडीएम व एएसपी समेत तमाम पुलिस अधीकारी मौके पर मौजूद है।


तार फेंसिंग काटकर घुसे


हिंदू संगठन का आरोप है कि पुलिस द्वारा प्रतिमा हटाई गई है। मां सरस्वती यहां पर भक्तों को दर्शन देने के लिए प्रकट हुई थी। वहीं पुलिस प्रशासन ने अपना पक्ष स्पष्ट किया है। पुलिस ने कहा कि भारतीय पुरातत्व विभाग के अधीन स्थित भोजशाला परिसर के बाहर लगी तार फेंसिंग को अज्ञात सामाजिक तत्वों द्वारा रात्रि में काट दिया गया था। स्मारक में मूर्ति रखने का प्रयास किया गया है। पुलिस ऐसा करने वाले की पहचान कर उसके खिलाफ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई कर रही है।


इस तरह की है व्‍यवस्‍था


बता दें कि धार की ऐतिहासिक भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा एक आदेश जारी कर रखा है। इसके तहत प्रति मंगलवार को हिंदू समाज को पूजा अर्चना करने की अनुमति है। जबकि शुक्रवार को यहां नमाज अदा की जाती है। जबकि शेष 5 दिन भोजशाला पर्यटकों के लिए खुली रहती है। यहां पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहती है। बाहर पुलिस चौकी भी बनाई गई है। सीसीटीवी कैमरे लगा रखे है। लेकिन इस घटना के बाद भोजशाला को आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है।


हिंदू संगठन ने की प्रतिमा रखने की मांग


इधर हिंदू संगठन भोजशाला सत्याग्रही गोपाल शर्मा ने बताया हमें इस बात की जानकारी लगी की मां सरस्वती की प्रतिमा गर्भगृह में रखी गई है। यह किसने रखी है, हमें नहीं मालूम लेकिन हमारे धर्म मे मान्यता है की प्रतिमाएं स्वयं प्रकट होती है। यदि किसी ने रखी भी है तो उसने अच्छी पहल की है। हम लगातार कई सालों से केवल आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन उसका हमें कोई नतीजा नहीं मिल रहा। प्रतिमा किसने रखी है या जो भी स्थिति है, वह पुलिस और प्रशासन पता लगाए। इधर भाजपा नेता व हिंदू नेता अशोक जैन ने कहा कि गर्भ गृह से प्रतिमा नहीं हटाई जानी चाहिए थी। वह स्वयं प्रकट हुई है। ऐसे में हम प्रशासन और पुलिस से यह मांग करते हैं कि वह तत्काल ही प्रतिमा को वापस रखा जाए। ऐसा नहीं होने पर हम आंदोलन करेंगे।


वीडियो की जांच कर रही पुलिस


इधर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. इंद्रजीत बाकलवाल ने बताया कि भारतीय पुरातत्व विभाग के अधीन स्थित भोजशाला परिसर के बाहर लगी तार फेंसिंग को अज्ञात असामाजिक तत्वों द्वारा रात्रि में काट कर उक्त स्मारक में मूर्ति रखने का प्रयास किया गया। पुलिस प्रशासन द्वारा उक्त प्रकरण में संज्ञान लिया गया है। उक्त कृत्य करने वाले व्यक्तियों की पहचान की जाकर पुरातत्व विभाग के नियमों के उल्लंघन होने पर कार्रवाई की जा रही है।
पुरातत्व विभाग से रिपोर्ट प्राप्त कर कार्रवाही की जा रही है। सीसीटीवी फुटेज व विडियो को प्राप्त कर विस्तृत जांच की जा रही है। जांच के आधार पर उचित वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। इंटरनेट मीडिया में चलाई जानी वाली भ्रामक जानकारियों पर धार पुलिस की कड़ी नज़र हैं। वर्तमान में धार शहर में शांति है, कानून व्यवस्था पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

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