विदिशा

बहुजन समाज पार्टी ने पुना पैक्ट धिक्कार दिवस मनाया गया

मिटिंग विदिशा में आयोजित की गई

महाराज सिंह दिवाकर की रिपोर्ट जिला ब्यूरो चीफ विदिशा

विदिशा विधानसभा के तत्वाधान में 24 सितंबर 2023 को बहुजन समाज पार्टी द्वारा पूना पेक्ट धिक्कार दिवस मनाया गया , जिसके मुख्य अतिथि माननीय एड, इमरतलाल तिलवर जी जिला प्रभारी बसपा विदिशा विशेष अतिथि जववीउलाखान जी जिला अध्यक्ष विदिशा मा, के,एल लाडिया जी पूर्व जिला प्रभारी मा,द्वारका प्रसाद धाकड़ जी पूर्व जिला उपाध्यक्ष मा,डा, अखलेश शूर्यावंशी जी मा, गनेशराम अहिरवार जी विधानसभा अध्यक्ष मा,बालाराम अहिरवार जी समस्त कार्यकर्ता साथी उपास्थित रहे, संचालन मा,महाराज सिंह दिवाकर ने किया।

पूना पैक्ट के बारें में बहुत कम लोगों को जानकारी है, कि बाबा साहब जीवन में उतना कभी नही रोए जितना 24 सितंबर 1932 को पूना में रोए थे।यह जानना जरूरी है 24 सितंबर 1932 को पूना पैक्ट लागू होने से पहले पूना में क्या हुआ था । बाबा साहब डा० भीमराव अम्बेड़कर जी पूना पैक्ट पर हस्ताक्षर नहीं करना चाहते थे।

उस समय गांधी जी के भक्तो की लंबी कतार थी और गांधी जी की चालाकियां हद से ज्यादा थी। गांधी ने अपनी चालाकी दिखाई और आमरण अनशन पर बैठ गए, इधर गांधी जी के भक्तो ने बाबा साहब के ऊपर दबाव बनाना शुरू कर दिया लेकिन बाबा साहब अपने फैसले पर अडिग थे, लेकिन जब गांधी जी के भक्तो ने दलित – शोषित – वंचित समाज की तबाही करना शुरू कर दिया, दिन दहाड़े कत्ले आम शुरू कर दिया, जुग्गी – झोपड़ी जलाना शुरू कर दिया, महिलाओं को बेआबरू करना शुरू कर दिया, बच्चो को मारने पीटने लगे तब बाबा साहब के यह शब्द थे कि,जब मेरा समाज ही नहीं रहेगा, तो मैं किसके लिए लडूंगा, इतना कहकर बाबा साहब ने आंख में आंसू लेकर समझौते पर हस्ताक्षर किए।

25 सितंबर 1932 को बाबा साहब डा० भीमराव अम्बेड़कर जी पूना से लौट कर मुम्बई आए तो उन्होंने यह बताया की उन्हें हस्तक्षर क्यों करना पड़ा। बाबा साहब ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि,जो लोग ऐसा कहते हैं कि पृथक निर्वाचन क्षेत्र से नुकसान होगा, तो मुझे उनसे कहने में किसी किस्म का तर्क या दलील नजर नहीं आता । जो लोग ऐसा सोंचते हैं कि संयुक्त निर्वाचन क्षेत्र से अछूत, हिन्दू समाज का अभिन्न अंग बन जाऐंगे, अर्थात संयुक्त हो जाएंगे, इस पर मेरा बिलकुल यकीन और विश्वास नहीं है ।

About The Author

Related posts