भिंड मध्यप्रदेश

भिंड। फूप थाना बना अवैध वसूली का अड्डा

भिण्ड। कबीर मिशन समाचार। बंटी गर्ग।

मध्यप्रदेश के चर्चित थानों में से फूप थाना आता हैं इस थाने में जो भी थाना प्रभारी रहता है वह हमेशा सुर्खियों में रहता है इस वक्त थाने की कमान प्रमोद कुमार साहू पर हैं जिनकी दसों उंगली घी में डूबी हुई है जिन्होंने देशभक्ति जनसेवा कर्तव्य को भूलकर के अवैध रेत के ओवरलोड ट्रकों से वसूली कराने में लगे हैं । इन ट्रकों से अवैध का खेल थाना प्रभारी का सरगना पुलिस आरक्षक अनिल जाट खेल रहा है। आरक्षक अनिल जाट अपने प्राईवेट कटरों को लगाकर रात में निकलते रेत के ओवरलोड ट्रकों से अवैध वसूली करवाता है। साथ ही गिट्टी के ओवरलोड ट्रकों से एक हजार रूपये वसूले जाते हैं। इन वाहनों से वसूली का काम फूप थाना की ओर से आसपास के गांव के लड़कों (कटर) को सौंपा गया है, ऐसा वहां के लोगों ने बताया।

पुलिस के संरक्षण में ये युवक दिन रात वसूली कर रहे हैं। इस अवैध वसूली का पैसा पुलिस तक पहुंचता है। अवैध वसूली से बीस प्रतिशत हिस्सा कटर लड़कों को दिया जाता है। बेरोजगार लोगों के लिए यह धंधा बड़ा मुफीत साबित हो रहा है। यदि ट्रक चालकों द्वारा अवैध वसूली देने से मना किया जाता है तो उनके साथ मारपीट कर ट्रक-ट्रैक्टरों को थाने में पकड़वाने की धमकी दी जाती है। इसके लिए फूप थानेदार द्वारा एक नई तकनीकी अपनाई गई है इसके द्वारा ट्रकों का जाम लगने पर रॉयल्टी का समय जाम में ही खत्म हो जाता है इसके बाद उस ट्रक को पकड़ लिया जाता है।

माइनिंग को सौंपने के लिए अधिकारियों को फोन कर दिया जाता है ट्रक चालकों और मालिकों को यह भय रहता है कि ये वाहन माइनिंग अधिकारियों को सुपुर्द कर दिया गया तो जुर्माना चार लाख रूपये लगेगा। इससे भयभीत होकर ट्रक चालकों के पास पचास हजार से एक लाख रूपये देने के अलावा कोई चारा नहीं रहता है। और अंत में वो थाने में जाकर समझौता कर लेते हैं और इस हिसाब से बड़ी लंबी रकम अवैध वसूली के रूप में कमाई जा रही है।

फूप थाने में हमेशा से दो शक्ति केन्द्र रहे हैं एक राजनैतिक दूसरा विभागीय अधिकारी। फूप थाने के अधिकारी अधिकतर राजनैतिक केन्द्रों के सहारे ज्यादा कार्य करते हैं अपने विभागीय अधिकारियों की कभी कभी उपेक्षा करके राजनैतिक लोगों को ही अपना अधिकारी मान लेते हैं इसका खामियाजा पहले के थाना प्रभारी भुगत चुके हैं और महीनों तक उन्हें लाइन में रहना पड़ा है। यहां यह उल्लेखनीय है कि पुलिस कप्तान अवैध वसूली के पक्ष में कभी नहीं रहे हैं इससे ये साबित हो रहा है कि ये अवैध वसूली राजनैतिक केन्द्र के इशारे पर ही की जा रही है। इसकी रोकथाम करना विभागीय अधिकारियों के दायरे में आता है और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए।

थाना प्रभारी की अदृश्य ताकत के रूप में आरक्षक अनिल जाट इस वसूली को अंजाम दे रहे हैं और अपने ही लोगों को कटर बनाकर ये वसूली करवा रहे हैं। अवैध वसूली का यह खेल नेशनल हाईवे के बरही टोल प्लाजा पर चलता है। आर्थिक रूप से मजबूत होने की यह कलां थाना प्रभारी ने बखूबी सीख ली है।

अवैध वसूली की जानकारी लेने राजएक्सप्रेस टीम पड़ताल करने पहुंची तो वहां लड़के (कटर) से पूछा कितने पैसे ले रहे हो तो कटर ने कहा कि ये मुंह खोलकर मत कहलवाओ सुबह आ जाना पता चल जायेगा कि प्रशासन पैसे ले रहा है। तुम खुद देख लेना मुझे भी देना पड़ता है। अगर ये अवैध वसूली बंद नहीं की गई तो सभी पीडि़त लोग इसके लिए पुलिस कप्तान के साथ ही अन्य विभागीय अधिकारियों को शिकायत करने की तैयारी कर रहे हैं। राजएक्सप्रेस इस विषय में जानकारी और एकत्रित कर रही है जिसका विवरण सहित खुलासा किया जायेगा।

इनका कहना है: आपके द्वारा आरक्षक अनिल जाट की अवैध वसूली में संलिप्तता होने की जो जानकारी मिली है उसे मैं दिखवाता हूं।

एडिशनल एसपी कमलेश कुमार करपुसे

About The Author

Related posts