राजगढ़ स्वास्थ

बरूखेड़ी का मामला- छः महीने से गांव के मुख्य चौराहे पर पसरा हुआ गंदा पानी जिम्मेदार नहीं कर पा रहे निराकरण

राजगढ़। सारंगपुर की ग्राम पंचायत नारायणपुर के अंतर्गत गांव बरूखेड़ी का मामला है। बरूखेड़ी के मुख्य मार्ग पर अंदर गांव में जाते हुए मस्जिद के पास बड़ा चौराहा है जिसमें दो तरफ से दो दर्जन घरों का पानी सड़क पर निकलता है। नाली की सुगम व्यवस्था नहीं होने के कारण कारण एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। छः महीने पहले उसी चौराहे पर गांव के लोग दिन में ठंड में धूप लेने के लिए और रात को अलाव जलाकर बैठे रहते थे। चौराहे पर चहल-पहल रहती थी। अब हालात यहां है कि पैदल निकलना तो दूर मोटरसाइकिल से निकलना भी मुश्किल हो गया है। पैदल या वाहन से निकलते समय ऐसा लगता है मानो कहीं गिर नहीं जाएं और ऐसा कई लोगों के साथ हुआ भी है। सबसे बड़ी बात यह है कि इसकी जानकारी पंचायत को है और लोगों ने कई बार इसका निकाल करने के लिए भी बोला है लेकिन पता नहीं क्या समस्या आ रही है जो इतने लम्बे समय से गंदगी को पाल रहे हैं। चौराहे पर करीब 4-6 इंच पानी जमा हुआ है स्कूल के छोटे बच्चे और बुजुर्ग आदि के लिए तो रास्ता पार करने में बड़ी ही समस्या है।

यही हाल रहा तो गांव में बिमारी भी फेल सकती है।

आपको बता दें कि सरकार साफ सफाई के लिए पंचायत को बजट आवंटित करती है और इसका पुरा ध्यान रखा जाए इसके लिए जागरूक किया जाता है। साथ स्वास्थ विभाग के भी साफ निर्देश है कि गांव में कहीं भी गंदगी न रहे और नालियां समय-समय पर साफ रखी जाएं। कहीं भी पानी एकत्रित नहीं होना चाहिए। अब छ महीने से जो पानी बरूखेड़ी में मस्जिद के पास जमा हुआ है उसमें कितने बिमारी पैदा करने वाले डेंगू मलेरिया आदि के मच्छर पनपते होंगे। इसका खामियाजा गांव वालों को बाद में भुगतना पड़ सकता है। ग्राम पंचायत के जिम्मेदार सरपंच सचिव को इस मामले में तुरंत लोगों के साथ सामंजस्य बैठाकर इसका निराकरण करना चाहिए।

पंचायत के साथ मिलकर गांव वाले भी करें निराकरण

मामला बहुत पुराना है और इसकी शुरुआत पंचायत द्वारा आरसीसी रोड़ व नाली निर्माण के समय की बात है। जानकारी के मुताबिक जिस गली से पानी आ रहा है उसमें उसी गली के कुछ लोगों ने नाली निर्माण कार्य में रूकावटें डाली गई जिसके बाद वहां नाली निर्माण नहीं हो पाया और आगे भी जहां से पानी निकल रहा था वहां निमार्ण होने के कारण रूकावट हो गई और धीरे-धीरे पानी जमा होते गया। यही हालत उससे पहले देवनारायण मंदिर के पास भी बनी हुई है। निमार्ण करते समय लोग नालियों का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रहते हैं। यहां पंचायत के साथ साथ गांव के लोगों की भी जिम्मेदारी बनती है की वे आम रास्तों पर नालियों के लिए पर्याप्त जगह बचाए और गांव को स्वच्छ रखने में सहायक बने।

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