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देवास। प्रशासन की मनमानी बनी दीन दुखियों की परेशानी।

देवास: सदगुरु कबीर आश्रम देवास जो कि 100 साल पुराना है। जिसका पूर्व रास्ता जो की मां चामुंडा टेकरी परिक्रमा स्थल से होकर जाता था। प्रशासन की मिली भगत से किया गया बंद, सरकर व प्रशासन ने धोके से किया बंद। अपको जानकर हैरानी होगी कि आजादी के 75 साल बाद भी राज तंत्र चल रहा है।

सतगुरु कबीर आश्रम देवास के समीप में मा चामुंडा परिक्रमा स्थल है, जिससे होकर सदगुरु कबीर आश्रम का रस्ता जाता है, जगह कम होने के कारण कलेक्टर,तहसीलदार, एसडीएम आदि अधिकारी सदगुरु कबीर आश्रम संचालक मंगल नाम साहब के पास आए और बोले कि हमे सार्वजनिक रास्ता बनाने में भूमि कम पड़ रहीं है,क्या हम सतगुरु कबीर आश्रम की कुछ भूमि सर्वजनिक रास्ता निर्माण में ले सकते हैं।

सदगुरु कबीर आश्रम संचालक मंगल नाम साहब ने कहा कि जितनी जगह आप को लगती है।आप सतगुरु कबीर आश्रम की भूमि में से ले सकते हैं। मगर आपको बाउंड्री वॉल बनाने से पूर्व सदगुरु कबीर आश्रम के लिए रास्ता देना होगा। आपको बता दें कि वर्तमान बावंट्री वाल वा मां चामुंडा परिक्रमा स्थल सतगुरु कबीर आश्रम की भूमि पर ही स्थित है।

सदगुरु कबीर आश्रम पूर्व के रास्ते के लिए भारत सरकार लोक द्वारा सड़क निर्माण राशि भी स्वीकृत की गई थी। ना तो राशि का अता पता है, ना वर्तमान में रास्ते का वर्तमान में रास्ता, सुकड़ी हुई गलियों से होकर आता है। सदगुरु कबीर आश्रम संचालक व सतगुरु कबीर आश्रम समस्त कार्यकारिणी, सदस्यों द्वारा कई बार कलेक्टर महोदय को वा आला अफसरों को सूचित कर कर आवेदन निवेदन कर लिया गया मगर अभी तक किसी प्रकार का कोई भी अश्वासन अफसरों द्वारा नहीं दिया गया है।

वर्तमान रास्ते की हालत अगर आप देखते हैं तो आप अनुमान लगा सकते हैं कि दीन दुखियों का किन-किन प्रकार की समस्याएं का सामना करना पड़ता है। अगर आधी रात को कोई दीन दुखी का स्वास्थ्य खराब हो जाए तो वहां पर एंबुलेंस आने की सुविधा तक नहीं है।

रास्ते की हालत बहुत ही खराब है वर्तमान रास्ते पर अतिक्रमण इतना बड़ा हुआ है कि वहां से सही प्रकार से 2 लोग एक साथ गुजर भी नहीं सकते। इस बीच कबीर आश्रम फसा हुआ है। आज पूर्व रास्ते को बंद किए हुए 5 वर्ष हो चुके हैं मगर किसी भी अधिकारी ने सुध नहीं ली शासन-प्रशासन आंख बंद करके पूरा मंजर वा घटना का रास्ता देख रही है। इसी बीच अगर किसी प्रकार की घटना कबीर आश्रम के श्रद्धालु,सत्संगी को होती है तो इसका जिम्मेदार कौन है।

आश्रम में बूढ़े ,लंगड़े, लूले ,आंदे , वा मानसिक विकलांग लोग रहते हैं। किसी का आधी रात में अगर स्वास्थ्य खराब हो जाए तो उसे किस प्रकार से अस्पताल तक ले जाया जाए। सवाल यह पैदा होता है। बड़े बड़े अफसर अपने बंगलों में आंख बंद कर के सो जाते हैं मगर दीन दुखियों की सुध कौन लेगा।

पार्षद का कहना (17/04/2017)वार्ड क्रमांक 29 में स्थित सदगुरु कबीर आश्रम मंगल मार्ग टेकरी रोड के संचालित होने तथा पूर्व आवागमन मार्ग से कार्यों को कोई आपत्ति नहीं है,क्योंकि उक्त आश्रम बहुत पुराना होना साधु संत का आना-जाना हजारों की संख्या में लगा रहता है। यहां पर भजन सत्संग एवं भंडारे के कार्यक्रम सतत चलते रहते हैं,यहां पर शारीरिक मानसिक विकलांग वृद्धों की सेवा की जाती।

सदगुरु कबीर आश्रम समीप मदरसा हुसैनिया मस्जिद सदर का कहना। (सेकेट्री: असलम खान)रजिस्ट्रेशन नंबर: 5209010203927ऊपर लिखे हुए अंजुमन के तहत आप से गुजारिश है कि मजहबी जगह कबीर आश्रम रोड एकत मार्ग बदलकर महात्मा गांधी कॉलोनी से किया गया है। जो कि इनके लिए मुनासिब नहीं है,तथा इनका रास्ता मस्जिद के सामने से गुजरता है, आश्रम में दिव्यांगों मानसिक रोगी, बुजुर्ग लोगों की हिफाजत की जाती है।

यह लोग मजहबी जगह के स्थाई निवासी है, तथा आश्रम में मजहबी भी प्रोग्राम होते रहने से भीड़ की आवाजाही बनी रहती है तथा मजहबी जगह में रह रहे जैमिनी, मौजूद,बुजुर्ग जाहिद को अस्पताल लाने ले जाने में रास्ता वाजिब ना होकर परेशानी बन रहा है। तथा मस्जिद में पांचों वक्त की नमाज होने से नमाजियों में उनके वाहनों की भीड़ होने से वर्तमान रास्ता इनके लिए वाजिब नहीं है।

मजहबी भी जगह में पागल,मानसिक विकलांग के होने से कभी भी दुर्घटना विवाद का कारण बन सकता है। आप से गुजारिश है कि मजहबी जगह सदगुरु कबीर आश्रम रास्ता माहत्मा गांधी कॉलोनी से बनाया मार्ग बंद कर मदद करें जिससे अमन चैन बना रहे।

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