धार मध्यप्रदेश शिक्षा

DHAR। वल्र्ड रिकार्ड बनाने वाली शिक्षक सम्मान समारोह

पवन सांवले खलघाट

समिति ने किया २४३ शिक्षकों का सम्मान12 विशिष प्रतिभाओं को भी सम्मान से नवाजा, शहर में अनूठा आयोजनधार. जिला शिक्षक सम्मान समारोह समिति धार ने सेवानिवृत्त शिक्षकों का विश्व का सबसे बड़ा सम्मान समारोह की श्रंखला में शिक्षक दिवस पर धार में शिक्षक सम्मान समारोह और विशिष्ट प्रतिभाओं का सम्मान समारोह आयोजित किया। आयोजित गरिमामय समारोह में अतिथिगण के रुप में पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा, सांसद छतरसिंह दरबार, जिपं अध्यक्ष सरदार सिंह मेड़ा, कलेक्टर डॉ. पंकज जैन, एसपी आदित्य प्रताप सिंह, जिपं सीईओ केएल मीणा, नपाध्यक्ष पर्वतसिंह चौहान, डीईओ महेंद्र शर्मा, सहायक आयुक्त सुप्रिया बिसेन, डीपीसी दुलीचंद सेते, जिला पेंशन अधिकारी भगवती काग उपस्थिति रही।

मंच पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय प्रबंधक नवीन चौहान, संरक्षक रामनारायण धाकड़ व बबन अग्रवाल, समिति अध्यक्ष नारायण जोशी और संस्थापक तथा सचिव सुरेश गोयल भी आसीन थे।प्रारंभ में मां सरस्वती व डॉक्टर राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण कर एवं समक्ष में दीप प्रज्वलित कर सम्मान समारोह का विधिवत शुभारंभ किया गया। समिति के पदाधिकारीगण और सदस्यों ने मंचासीन सभी अतिथियों का स्वागत व अभिनंदन किया। समारोह में शहर की होनहार प्रतिभाओं को भी सम्मानित किया गया।

इसमें आईपीएस में चयनित धार की बिटिया ट्विंकल जैन, सिविल जज में चयनित अरुण सिंह ठाकुर, थॉमस कप विजेता प्रियांशु राजावत, एमबीए चायवाला के नाम से आत्मनिर्भर भारत के आइकॉन प्रफूल्ल बिल्लोरे, धार सीएमओ निशिकांत शुक्ला, भारतीय फूटबॉल टीम में चयनित ज्योति चौहान, स्क्वाडर्न लीडर मनाली शर्मा, वरिष्ठ लेखक साहित्यकार नंदकिशोर उपाध्याय, सांपों को पकड़ कर निशुल्क जंगल में छोडऩे वाले भय्यूराम गुप्ता सहित कई महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराने वाली समर्पित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता राजू बाई मोरे, नन्हीं उम्र का मोजेक पोट्रेट बनाने वाला आरव नायक और पोलैंड में इंटरनेशनल कांफ्रेंस में भौतिक शास्त्र में धार का प्रतिनिधित्व कर व्याख्यान देने वाले प्रोफेसर सागर सेन का भी सम्मान किया। समारोह में स्वागत भाषण समिति कोषाध्यक्ष रमेश सोलंकी, आभार उपाध्यक्ष ब्रजकिशोर बोरा और संचालन वरिष्ठ पत्रकार राजेश शर्मा ने किया।प्राण-प्रतिष्ठा करता है शिक्षकसमारोह को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री वर्मा ने कहा कि जीवन में प्राण प्रतिष्ठा का कार्य शिक्षक ही करता है। गुरुकुल समय से ही गुरुओं की महत्ता प्रतिपादित है। 21वीं सदी में नई टेक्नोलॉजी और नई सूचनाओं के साथ आगे बढऩा होगा। इसमें आप सभी की महत्वपूर्ण भूमिका है। डॉ राधाकृष्णन ने भारतीय अध्यात्म और भारतीय दर्शन को विश्व के सामने रखा।

शिक्षकों की तपस्या से ही आज भारत हर क्षेत्र में आगे है। सांसद दरबार ने कहा शिक्षक धरती का सबसे बड़ा पद है। देश का भविष्य निर्माता है। देश के संसाधन और मानव जीवन का भी निर्माता है। सभी गुरु के चरणों में मैं प्रणाम करता हूं।अतिथियों को भेंट किए स्मृति चिह्नसमस्त अतिथियों का स्वागत व स्मृति चिन्ह संरक्षक रामनारायण धाकड़, बबन अग्रवाल, अध्यक्ष नारायण जोशी, संस्थापक और सचिव सुरेशचंद गोयल, संयोजक मनोज मेदल, उपाध्यक्ष योगेश अग्रवाल, वल्लभ अग्रवाल, लक्ष्मीनारायण मुकाती, ब्रजकिशोर बोडा, कोषाध्यक्ष रमेश सोलंकी, सह सचिव गंगासिंह सिसोदिया, सतीश शर्मा, अशोक वर्मा, हरजीत होरा, अंकुर पालीवाल, सोशल मीडिया प्रभारी योगेश चौहान ने भेंट किए। जानकारी समिति के प्रवक्ता आशीष गोयल ने दी।

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