जिला ब्यूरो चीफ योगेश गोविन्द राव कबीर मिशन समाचार पत्र कुशीनगर उत्तर प्रदेश।
कुशीनगर रामकोला में सावित्री बाई फुले इतिहास के पन्नों में एक चमकता हुआ नाम है। वह एक असाधारण महिला थीं जिन्होंने अपना जीवन भारत में महिलाओं और दबे-कुचले समुदायों के अधिकारों के लिए संघर्ष करते हुए बिताया।उक्त बाते शुक्रवार को रामकोला नगर के
मेंहदीगंज बाजार में भारत की प्रथम शिक्षिका माता सावित्रीबाई फुले के जन्मदिन के अवसार पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कुमार राणा ने कही।सपा के वरिष्ठ नेता एवं रामकोला विधान सभा के पूर्व प्रत्याशी ए के बादल ने कहा
कि माता सावित्री बाई फूले का जन्म 3 जनवरी, 1831 को महाराष्ट्र के नायगांव गांव में हुआ था। 19 वीं सदी में शिक्षा, लैंगिक समानता और सामाजिक सुधार को बढ़ावा देने के उनके अथक प्रयास किया पूरा जीवन नारी शिक्षा के लिए समर्पित कर दिया आज महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला कर चल रही है वह देन भारत की प्रथम शिक्षिका माता सावित्री बाई फूले का है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सपा के विधान सभा अध्यक्ष नीठुरी राजभर ने की।कार्यक्रम में रवि यादव, जंत्री यादव, गौरव मौर्य, राजेश कुमार गौतम, मुनरिका प्रसाद, अकरम अली, सीताराम यादव,सहित सैकड़ो सपा कार्यकर्ता लोग शामिल रहे।
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