उज्जैन मध्यप्रदेश

उज्जैन में राहुल गांधी ने कहा भारत के तपस्वीयों को उनकी तपस्या का फल नहीं मिलता और जो नरेंद्र मोदी जी की पूजा करता है उसको सारा का सारा फल दे देती हैं

कबीर मिशन समाचार
विजय सिंह बोड़ाना
मध्यप्रदेश संवाददाता

जब ऐतिहासिक भारत यात्रा उज्जैन पहुंची तो राहुल गांधी ने बाबा महाकाल के दर्शन किए। दर्शन करने के पश्चात एक बड़ी जनसभा का आयोजन सामाजिक न्याय परिसर में किया गया। जहां एक बड़ा जनसैलाब राहुल गांधी को सुनने के लिए पहुंचा। चारों ओर सामाजिक न्याय परिसर जनता के हुजूम से सराबोर था। राहुल गांधी ने सभी लोगों से जय महाकाल जय महाकाल जय महाकाल के साथ अपनी बात शुरू की। उन्होंने मंच से जनता से बोले कैसे हैं आप, यह राहुल गांधी का एक अंदाज है जनता से रूबरू होने का

अलग-अलग मुद्दों पर क्या बोले राहुल गांधी
जानिए किसकी तपस्या का फल नहीं मिल रहा है

उन्होंने कहा कि तकरीबन 80 दिन हो गए हैं यह भारत जोड़ो यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर जा रही है और आज हम आपके पवित्र शहर में आए हैं। श्री राम तपस्वी और हिन्दू धर्म के किसी भी भगवान को आप देखिए सभी तपस्वी हुए हैं और सिर्फ भगवान तपस्या नहीं करते। शिव जी का, भगवान राम, कृष्ण भगवान इनकी तपस्या का मुकाबला नहीं लेकिन हिंदुस्तान तपस्वियों का देश हैं तपस्वीयों की पूजा होती है तपस्वीयों का हम आदर करते हैं। उनके सामने हाथ जोड़ते हैं तो इस देश में यह तपस्वी कौन है। उन्होंने जनता से कहा कि, आपने कहां की कन्याकुमारी से यात्रा की, बहुत बड़ी तपस्या की हैं। यह कोई बड़ी तपस्या नहीं है इसमें कुछ नहीं है मैं आपको बताता हूं हिंदुस्तान में तपस्या कौन करता है सबसे पहले कोविड के समय में जो मजदूर बेंगलुरु से, मुंबई से, पंजाब से देश के एक कोने से दूसरे कोने गए वो तपस्या करते हैं।

दूसरे नंबर पर जो इस देश को भोजन देते हैं करोड़ों किसान और उनके परिवार चार बजे सुबह उठकर हर रोज तपस्या करते हैं। बढ़ाई, नाई, माली, इलेक्ट्रिशियन, छोटे दुकानदार, मजदूर ये सब रोज तपस्या करते हैं जिंदगी भर तपस्या करते हैं और तपस्या करते-करते मर जाते है। उन्होंने भारत यात्रा पर कहां कि यह तीन महीने की तपस्या है यह तो कुछ नहीं है पांच, छः घंटे या आठ घंटे लगा लो घुटने में दर्द होता है थोड़ी सी प्यास लगती है मगर यह तपस्या नहीं है। तपस्या किसान करता है मजदूर करता है।

नरेंद्र मोदी जी की पूजा करने वाले को सब कुछ मिल जाता है

अब मेरा सवाल है हिंदू धर्म कहता है कि तपस्वीयों की पूजा होनी चाहिए तो इस देश में तपस्वीयों की पूजा क्यों नहीं हो रही है। जो तपस्या कर रहा है उसको इस देश की सरकार कुछ नहीं देती और जो नरेंद्र मोदी जी की पूजा कर रहा है उसको सारा का सारा दे देती है दो लोग नरेंद्र मोदी जी की पूजा करते हैं दिन भर और उनको जो भी चाहिए मिल जाता है। रेल्वे, पोर्ट, एयरपोर्ट, सड़कें, बिजली, पानी सब कुछ। दो पांच लोग प्रधानमंत्री की पूजा करते हैं हिंदुस्तान का पूरा धन उनके हवाले कर दिया जाता हैं। और करोड़ों लोग सुबह उठते हैं किसान सुबह उठते है उनके हाथ फट जाते हैं खून निकल आता है। किसान का दर्द उसके हाथों में होता है उसकी तपस्या का निशान उसके हाथों में होता है। इन सड़कों पर मैंने हजारों किसानों की हाथ मिलाए। किसान मुझसे पूछ रहा है कि हम तपस्या करते हैं हमारी तपस्या का फल हमें क्यों नहीं मिलता। किसान को खाद नहीं मिलता है आखिर क्यों हमें अपनी मेहनत का सही दाम क्यों नहीं मिलता। आंधी तूफान से किसान की फसलें खराब हो जाती है और जब हम बीमा की प्राइवेट कंपनी को फोन करते हैं तो फोन नंबर पर कोई फोन नहीं उठाता। इंटरनेट पर सब कुछ मिल जाता है लेकिन जो किसानों को बीमा देने वाली कंपनी होती है उसका एड्रेस नहीं मिल सकता। किसान कहता है कि पेट्रोल 60 रुपये का था आज 107 रुपये का है। हर रोज हमारी जेब से पैसा निकलता है। हम तपस्वी हैं तो यह सारा का सारा पैसा उन तीन चार लोगों की जेब में क्यों जा रहा है।

युवाओं से मिलता हूं तपस्या की हैं स्कूल गए पढ़ाई की एग्जाम होते हैं पता चलता है व्यापम स्कैम हो गया। तपस्वीयों से चोरी हो गई छोटे-छोटे तपस्वीयों से इस देश की सरकार चोरी करती है उनका भविष्य खत्म कर दिया। इंजीनियर बनना चाहते हैं डिग्री मिली तो क्या हुआ पूछने पर चुप हो जाते हैं क्योंकि इस देश में तपस्या का फल नहीं मिल सकता। बच्चे मजदूरी करते हुए उनकी तपस्या का फल मजदूरी दिया जाता है।

राहुल गांधी ने कहा कि महाकाल गया हूं तो तपस्वीयों की बात करनी है। पंडित जी ने कहा आपने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया मैंने सुना अच्छा लगा मैं समझ गया हूं। छोटे दुकानदार के साथ दो तीन लोग दिनभर काम करते हैं। उसके पास इतना पैसा नहीं होता है जैसे बड़े उद्योगपतियों के पास करोड़ों रुपए होते हैं। तो यदि बड़े उद्योगपतियों का कैश फ्लो रुक जाता है जैसे कोरोना के समय हुआ। उनको कोई मुश्किल नहीं होती। 6 महीना साल भर उनका कैशफ्लो रोक लो उन्हें कोई दिक्कत नहीं आती। छोटे दुकानदारों का कैश फ्लो यदि 15 दिन या एक महीना रोक दिया। तो आपने इन का गला घोट दिया। और आपने दो महीना कर दिया तो आप इन्हें खत्म कर दोगे। इनकी बात इसलिए की जाती है क्योंकि यह लोग देश को रोजगार देते हैं युवाओं को काम देते हैं इस प्रकार पूरा सिस्टम जुड़ा हुआ है।

आठ बजे नोटबन्दी की, बारह बजे जीएसटी लागू की। यह मत सोचिये कि ये कोई पॉलिसी थी। यह आपके कैशफ्लो को खत्म करने के हथियार थे। किसानों के साथ भी इन्होंने गलत करने की कोशिश की लेकिन किसानों की शक्ति ने इन्हें रोक दिया। किसके लिए हथियार थे, किसके हथियार थे, वही जो चार पांच बड़े उद्योगपति हैं उनके हथियार हैं और लक्ष्य क्या है हिंदुस्तान के जो तपस्वी है उनकी जो तपस्या है। उनको दबाओ और उनकी जेब में जो पैसा है उसको छीन कर उन बड़े उद्योगपतियों को दे दो। नुकसान देश का हो रहा है, युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा हैं और मिल भी नहीं सकता क्योंकि आपने वह रीढ़ की हड्डी तोड़ दी। नोटबंदी करके जीएसटी करके कोविड में जो किया। अरबपतियों का कर्जा माफ कर दिया उनको छोड़ दिया। सब कुछ फिर से जोड़ना पड़ेगा फिर से बनाना पड़ेगा तब हिंदुस्तान को रोजगार मिलेगा।

मीडिया पर क्या बोले राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि ये जो यहां बैठे हैं इनकी गलती नहीं है यह तपस्या करते हैं मैं देख रहा हूं इनको पैदल नहीं चल रही मगर ट्रक पर तो बैठे हैं और वह भी तपस्या है मतलब 80 दिन से बैठे हैं। इनकी तपस्या क्या है, इनकी तपस्या है सच्चाई को देखो, सच्चाई को समझो और पूरे देश को बताओ। यह तो तपस्या करना चाहते है, यह देश को सच्चाई दिखाना चाहते हैं। लड़ते हैं लेकिन पीछे से लगाम लगी हुई है। लगाम किसके हाथों में वही जो नरेंद्र मोदी जी की पूजा कर रहे हैं। बीजेपी के लोग भगवान के सामने हाथ जोड़ते हैं और फिर भी इस देश में तपस्या कर रहे हैं उनको खत्म करता है। मतलब भगवान का अपमान करते हैं क्योंकि तपस्या ही भगवान है और हिंदुस्तान के किसान के अंदर भगवान है। मजदूर के अंदर भगवान है, छोटे दुकानदार के अंदर भगवान है, मीडिया वालों के अंदर भगवान है। तो जब ये लोग इस देश की तपस्या से चोरी करते है। तो इस देश के भविष्य को नुकसान पहुंचाते है, युवाओं को चोट पहुंचाते हैं, अगली पीढ़ी को चोट पहुंचाते है।

यात्रा को लेकर क्या बोले राहुल गांधी

दो हजार किलोमीटर चले हैं मैंने कहा कोई बड़ी बात नहीं है मैं आपको बता रहा हूं अजीब सा है आप चेहरे देख लीजिए कोई थका नहीं है ऐसे लग रहा है मुझे कि सुबह सुबह उठा हूं नहा कर आया हूं क्योंकि देश के तपस्वी बात समझ रहे हैं। किसान, मजदूर, छोटे दुकानदार, युवा बात समझ रहे हैं। कह रहे हैं कि देश के तपस्वीयों का अपमान हो रहा है और इस यात्रा को मदद कर रहे हैं। यह कांग्रेस पार्टी की यात्रा नहीं है यह हिंदुस्तान की यात्रा हैं, किसानों की यात्रा है, मजदूरों की यात्रा है, छोटे दुकानदारों की यात्रा है, युवाओं की, बुजुर्गों की, माताओं बहनों की यात्रा है, प्रेस वालों की यात्रा है। लिख नहीं पा रहे मगर है इनकी और सभी लोग इस यात्रा की मदद अपने तरीके से कर रहे हैं। दो बच्चों ने महीनों से पैसे बचा के पीगी बैग दिया। कोई पानी ला रहा है, कोई पराठे दे रहा है, कोई अनाज दे रहा है, कोई घर से चाय ला रहा है, कोई चल रहा है कोई चिट्ठी लिख रहा है, कि मैं आपके साथ चल नहीं सकता क्योंकि मैं डरता हूं सरकार से मगर में आपके साथ हूं। इस प्यार के लिए मदद के लिए दिल से मैं आपका धन्यवाद करना चाहता हूं और यह कभी मत भूलिए यह देश तपस्वीयों का है और हिंदू धर्म भी तपस्वीयों का है। धन्यवाद जय हिंद

About The Author

Related posts