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इंदौर। गीता भवन हॉस्टल में थाना प्रभारी संजय सिंह बैस ने नशे से होने वाले दुष्परिणामों से छात्राओं को अवगत कराया।

इंदौर मध्यप्रदेश। कबीर मिशन समाचार

इंदौर‌। थाना प्रभारी संजय सिंह बैस ने थाना पलासिया क्षेत्र में रसगुल्ला वाली गली गीता भवन में हॉस्टल में रहने वाली स्टूडेंट की नशे से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में अवगत कराया। छात्राओं को बताया गया कि किस तरह लड़के सोशल मीडिया के जरिए संपर्क करते हैं। और धीरे-धीरे दोस्ती बढ़ाते हैं बाद में घुमाने फिराने ले जाते हैं और इसकी आड़ में शारीरिक शोषण करते हैं।
थाना प्रभारी ने बताया की यदि धोखे से गलती हो जाती है तो इसे अपने माता-पिता से खुल कर बताना चाहिए। बच्चियों को यह भी बताया गया कि आप लोग दूर से पढ़ने आए हैं। माता पिता दूर रहते हैं इसलिए पुलिस आपकी लोकल गार्जियन है। किसी भी तरह की समस्या शेयर कर सकते हैं।

आजकल बच्चे पहले चाय पीने जाते हैं फिर सिगरेट की लत लगती है। इसके बाद बीयर पीने लगते हैं। फिर धीरे-धीरे पब में जाने लगते हैं कुछ लोग पाउडर के नशे में भी फंस जाते हैं। आयोजित शिविर में शराब एवं अन्य प्रकार के नशे ना करने के संबंध में समझाइश दी गई। बताया गया कि नशे की लत लगने से खर्चे बढ़ जाने के कारण चोरी लूट जैसी वारदात करते हैं नशा युवा पीढ़ी को खोखला करते जा रहा है।

थाना प्रभारी ने कहा मादक द्रव्य दुरूपयोग गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। यह एचआईवी, हेपेटाइटिस, तपेदिक जैसे गंभीर रोगों का कारण है, इसके अलावा इसके आर्थिक हानि और असामाजिक व्यवहार जैसे कि चोरी, हिंसा और अपराध एवं सामाजिक कलंक तथा समाज का समग्र पतन कई रूपों में दुष्प्रभाव भी हैं। हम किसी भी नशे को अपनी प्रबल इच्छाशक्ति से स्वयं को शिकार बनने से रोक सकते हैं। नशा करने से शरीर को अंदर से नुकसान होता है।

जिससे व्यक्ति में कमजोरी आने लगती है। ऐसे में वह थोड़ा-सा काम करने पर भी थक जाते हैं। नशा का सेवन या नशा की लत एक सामाजिक और मनोवैज्ञानिक समस्या है जो न केवल पूरे विश्व के युवाओं को प्रभावित करती हैं। इस प्रकार नशे से होने वाले दुष्परिणामों से अवगत कराया गया । बच्चो को साइबर फ्रॉड के संबंध में भी जागरूकता लाई गई।

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