By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
Kabir Mission NewsKabir Mission NewsKabir Mission News
  • Home
  • देश-विदेश
    • उत्तरप्रदेश
    • पंजाब
    • छत्तीसगढ़
    • झारखंड
    • बिहार
  • मध्यप्रदेश
    • भोपाल
    • इंदौर
    • उज्जैन
    • रीवा
    • शहडोल
    • होशंगाबाद
    • चंबल
    • जबलपुर
    • ग्वालियर
  • राजनीति
  • रोजगार
  • शिक्षा
  • समाज
  • स्वास्थ
  • लेख
  • English
Search
© 2024 Kabir Mission News. All Rights Reserved.
Reading: दिल्ली में साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब कल्चरल कारवां विरासत का समापन
Share
Notification Show More
Aa
Kabir Mission NewsKabir Mission News
Aa
Search
  • Home
  • देश-विदेश
    • उत्तरप्रदेश
    • पंजाब
    • छत्तीसगढ़
    • झारखंड
    • बिहार
  • मध्यप्रदेश
    • भोपाल
    • इंदौर
    • उज्जैन
    • रीवा
    • शहडोल
    • होशंगाबाद
    • चंबल
    • जबलपुर
    • ग्वालियर
  • राजनीति
  • रोजगार
  • शिक्षा
  • समाज
  • स्वास्थ
  • लेख
  • English
Follow US
© 2024 Kabir Mission News. All Rights Reserved.
Kabir Mission News > Blog > देश-विदेश > दिल्ली > दिल्ली में साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब कल्चरल कारवां विरासत का समापन
दिल्ली

दिल्ली में साहित्योत्सव जश्न-ए-अदब कल्चरल कारवां विरासत का समापन

Shubham bhilala
Last updated: 2024/11/12 at 5:45 PM
Shubham bhilala
Share
9 Min Read
SHARE

पहले दिन संतूर की धुन, मरहूम की याद और शायरी नशिस्त जैसी गतिविधियों ने अलग समां बांध दिया* दूसरे दिन बैतबाजी, मुशायरा- नौ-बहार, सिनेमा में एनएसडी, अपनी-अपनी कहानी – अपने-अपने किरदार, जुगलबंदी सितार और सेलो, महफिल-ए-कव्वाली, और कवि सम्मलेन जैसे कार्यक्रम विशेष आकर्षण का केंद्र रहे।

मुशायरा दिल्ली वालों का, रहें ना रहें हम, सच्ची दा की कहानियाँ, सुखन बहार- मुशायरा, रक्स करती हुई तस्वीर, सुर-साधना और बांसुरी वादन जैसी दिलकश गतिविधियों से तीसरा दिन रहा गुलज़ार दिल्ली, 11 नवंबर, 2024: दिल वालों की नगरी, दिल्ली, साहित्य और संगीत के महाकुंभ ‘जश्न-ए-अदब कल्चरल कारवां विरासत’ का गवाह बनी।

भारत के सबसे लोकप्रिय साहित्योत्सवों में से एक, इस आयोजन ने साहित्य, संगीत, और संस्कृति के विविध रंगों को एक मंच पर प्रस्तुत किया।

यह तीन दिवसीय महोत्सव 8 से 10 नवंबर, 2024 तक एम्फी थिएटर, इंडिया हैबिटेट सेंटर (आईएचसी) लोदी रोड, दिल्ली में हुआ। कार्यक्रम में शास्त्रीय गायन, गज़ल गायन, पैनल चर्चाएँ, बैतबाज़ी, नाटक, दास्तानगोई, मुशायरा, कवि सम्मेलन, कव्वाली, वाद्य संगीत, शास्त्रीय नृत्य और लोक गायन जैसी प्रस्तुतियाँ हुईं। पूरी तरह से नि:शुल्क प्रवेश वाले इस समारोह में देश भर से बड़ी संख्या में साहित्य और संस्कृति प्रेमी शामिल हुए।

इस भव्य जश्न पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए, जश्न-ए-अदब कल्चरल कारवां विरासत के संस्थापक, कुँवर रंजीत चौहान ने कहा, “जश्न-ए-अदब कल्चरल कारवां विरासत सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और जन-जन तक पहुँचाने का एक माध्यम है।

हमें खुशी है कि दिल्ली में इस समारोह ने खुद को जश्न-ए-अदब के सबसे सफलतम कार्यक्रमों में से एक के रूप में स्थापित किया, जिसमें पूरे देश के साहित्य तथा संस्कृति प्रेमियों की उपस्थिति दर्ज की गई।

यह आयोजन सिर्फ एक महोत्सव ही नहीं, बल्कि भारतीय साहित्य और संस्कृति की समृद्ध धरोहर का जश्न मनाने का भी एक अनूठा प्रयास रहा। देश के प्रतिष्ठित कलाकारों और साहित्यकारों की उपस्थिति और एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों ने इस वर्ष के आयोजन को अब तक का सबसे विशेष कार्यक्रम बना दिया।

पहले दिन की शुरुआत 8 नवंबर, 2024 को भव्य उद्घाटन समारोह के साथ हुई। उद्घाटन समारोह का मुख्य आकर्षण मशहूर संतूर वादक पद्मश्री पंडित सतीश व्यास का कार्यक्रम ‘संतूर की धुन’ रहा, जिसने श्रोताओं को संगीत की अद्भुत दुनिया की सैर कराई गई। इसके बाद पतरस बुखारी की ‘मरहूम की याद में’ नामक हास्य नाट्य प्रदर्शन हुआ, जिसे तारिक़ी हामिद ने प्रस्तुत किया। इस नाटक ने दर्शकों को हँसी से लोटपोट किया। इस दिन का समापन शायरी नशिस्त के आयोजन के साथ हुआ, जिसमें फ़रहत एहसास, मदन मोहन दानिश, डॉ. ओम निश्चल, अज़म शाकिरी, मोइन शादाब, अश्वनी कुमार चंद-आईपीएस, रजनीश गर्ग-आईएएस, रहमान मुसव्विर, कुँवर रंजीत चौहान और अमीर इमाम शामिल थे।

इस सत्र की निज़ामत खुबाइब अहमद ने की। शायरी की इस महफिल ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।9 नवंबर, 2024 को शनिवार के दिन ‘बैतबाजी’- उर्दू शायरी का खेल, युवा कवियों की संगोष्ठी ‘मुशायरा- नौ-बहार’, और ‘सिनेमा में एनएसडी’, ‘अपनी-अपनी कहानी – अपने-अपने किरदार’, ‘महफिल-ए-कव्वाली’ और ‘कवि सम्मलेन’ जैसे कई आकर्षक सत्र आयोजित हुए। बैतबाजी का खेल खास तौर से युवा शायरों के बीच लोकप्रिय रहा, जिसने उर्दू शायरी के प्रति उनकी निष्ठा और प्रेम को बखूबी दर्शाया।

युवा कवियों की संगोष्ठी ‘मुशायरा- नौ-बहार’ की कमान अदनान शेख, शोएब फिरोज़ी, दक्षत रावल मिराज, नितिन कबीर, मीम अलिफ शाज और इशरत सगिर के हाथों में रही। ‘सिनेमा में एनएसडी’ में जाने-माने एक्टर सुशील पांडे और डॉ. आमना मिर्जा के बीच संवाद हुआ। इसके बाद मशहूर अभिनेता और लेखक मनु ऋषि चड्ढा द्वारा कहानी वाचन ‘अपनी अपनी कहानी – अपने अपने किरदार’ सत्र में उनके अनोखे अंदाज़ में कहानियाँ प्रस्तुत हुईं।

शाम को ‘परंपरा से नवाचार तक- रंगकर्म से ओटीटी की यात्रा’ पर चर्चा हुई, जिसमें मनु ऋषि चड्ढा, सुनीता राजवार, अतुल तिवारी, सुशील पांडे, और सिनेमा की दिग्गज निरुपमा कोटरू-आईआरएस के साथ संकेत उपाध्याय का संवाद हुआ। इस चर्चा में थिएटर से ओटीटी तक की यात्रा के अनुभव और चुनौतियों पर विचार-विमर्श हुआ। इसके बाद पंडित शुभेंद्र राव, विदुषी सस्किया राव और तबला वादक जुहेब अहमद खान की ‘जुगलबंदी सितार और सेलो’ का प्रदर्शन हुआ।

इस जुगलबंदी ने भारतीय और पश्चिमी संगीत का अनूठा संगम प्रस्तुत किया।शाम में कव्वाली के खुशनुमा रंग भरते हुए, राजा सरफराज दरबारी द्वारा ‘महफिल-ए-कव्वाली’ का आयोजन हुआ, जो श्रोताओं को सूफी संगीत की गहराइयों में ले गया। इस दिन का समापन ‘हँसते गाते – कवि सम्मेलन’ से हुआ, जिसमें पद्म श्री सुरेंद्र शर्मा, महेंद्र अजनबी, वेद प्रकाश वेद, संगीता गुप्ता-आईआरएस, और निलोत्पल मृणाल जैसे प्रसिद्ध कवियों ने हास्य और व्यंग्य के रंग बिखेरते हुए श्रोताओं को ठहाके लगाने पर मजबूर किया।

10 नवंबर, 2024 को रविवार के दिन, विशेष सत्र ‘यही कहा था मेरी आँख देख सकती है – सो मुझ पे टूट पड़ा सारा शहर-ए-नाबीना’ का आयोजन हुआ, जिसमें दृष्टिहीन कवियों द्वारा कविता पाठ किया गया। इस सत्र में दृष्टिहीन कवियों ने अपनी कविताओं के माध्यम से दुनिया को देखने और समझने का प्रयास प्रस्तुत किया।

इसका नेतृत्व चंद्रवीर, मनोज कुमार वाजपेई, उदय पाल सिंह चौहान, शैलेन्द्र साहिल, सैफुर रहमान ‘सैफ’ और संतोष कुमार दिनकर ने किया। इसके बाद ‘मुशायरा दिल्ली वालों का’ हुआ, जिसमें डॉ. इफ़्फ़त ज़रिन, शाहिद अनवर, डॉ. वसीम राशिद, सिकंदर मिर्जा, शाकिर देहलवी, अनस फैज़ी, खालिद अखलाक और इमरान रही जैसे शायरों ने अपनी दिलकश शायरियों से महफिल लूटी।

‘रहें ना रहें हम’- बॉलीवुड के दो महानायकों, मोहम्मद रफी और राज कपूर, की शताब्दी समारोह के दौरान प्रसिद्ध लेखक पवन झा, अभिनेता और लेखक अतुल तिवारी और सिनेमा की दिग्गज निरुपमा कोटरू-आईआरएस के साथ डॉ. आमना मिर्जा का संवाद हुआ।इसके बाद कवि, लेखक, रंगमंच व्यक्तित्व एवं सदस्य सचिव, आईजीएनसीए डॉ. सच्चिदानंद जोशी द्वारा ‘सच्ची दा की कहानियाँ’ – लघु कथा पाठ का सत्र हुआ। इस सत्र में डॉ. जोशी ने अपनी कहानियों के माध्यम से जीवन के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया।

इसके बाद ‘सुखन बहार- मुशायरा’ में प्रो. वसीम बरेलवी, पद्म श्री प्रो. अशोक चक्रधर, डॉ. सुनील पंवार ‘वारी’, आलोक अविरल, कर्नल गौतम राजऋषि, पवन कुमार-आईएएस, नैना सोइन कपिल-आईआरएस, जावेद मुशिरी, अरशद नदीम, शिखा पचौली और रंजन निगम शामिल हुए। इस मुशायरे ने श्रोताओं को साहित्य का सच्चा आनंद दिया।अंतिम दिन की शाम ‘रक्स करती हुई तस्वीर नज़र आई है’ पद्मश्री गुरु शोवना नारायण द्वारा कथक प्रदर्शन से सजी।

इस कथक प्रस्तुति ने दर्शकों को भारतीय शास्त्रीय नृत्य की सुंदरता और भावनाओं की गहराई में डुबो दिया। इसके बाद पद्म श्री डॉ. यश गुलाटी ने सैक्सोफोन पर प्रस्तुति दी। वहीं, समापन समारोह माननीय न्यायाधीश सी.डी. सिंह द्वारा किया गया। ‘सुर-साधना’ में पद्म भूषण पं. साजन मिश्रा, स्वारांश मिश्रा, तबला वादक दुर्जय भौमिक और हारमोनियम वादक ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। ‘

बांसुरी वादन’ में पद्म विभूषण पं. हरिप्रसाद चौरसिया समेत तबला वादक उस्ताद रशीद मुस्तफा की प्रस्तुतियाँ हुईं।इस प्रकार, ‘जश्न-ए-अदब कल्चरल कारवां विरासत’ का यह आयोजन साहित्य, संगीत और संस्कृति के रंगों से सजी एक अद्भुत यात्रा बन गया, जिसकी जीवंत यादें दिल्ली के दिल में लंबे समय तक बसी रहेंगी।

You Might Also Like

देश में संसद नहीं, संविधान सबसे ऊपर: जस्टिस गवई

एक ही दिन में सोने के दाम 1929 रुपए तक गिरे, शेयर बाजार के साथ सोने चांदी भी धड़ाम, अमेरिका के नए टैरिफ का भारत पर ज्यादा असर नहीं।

टेक्नो के नए स्मार्टफोन्स अब फ्लिपकार्ट पर आकर्षक ऑफर्स के साथ उपलब्ध

आज दिल्ली के अशोका होटल में सुप्रसिद्ध कवि श्री डॉ. कुमार विश्वास जी की सुपुत्री के वैवाहिक

आइकिया ने गुलाबी शहर जयपुर में ऑनलाइन डिलीवरी शुरू की 1 मार्च से

Shubham bhilala November 12, 2024 November 12, 2024
Share This Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp LinkedIn Telegram Copy Link
Share
Previous Article पुलिस ने किया 70 घंटे पर्दाफ़ाश आरोपी ने जेवर के लालच वृद्धा की हत्या की गई थी।
Next Article सफाई मित्रों के बिना किसी भी त्यौहार की संपूर्णता असंभव – रायसिंह मेवाड़ा

Stay Connected

235.3k Followers Like
69.1k Followers Follow
56.4k Followers Follow
136k Subscribers Subscribe

Latest News

लापता 12 वर्षीय बालक को 24 घंटे में सकुशल दस्तयाब कर परिजनों को सौंपा
विदिशा June 22, 2025
विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन हुआ
विदिशा June 13, 2025
रामकोला में गाजे-बाजे ढोल नगाड़े के साथ निकली शिव शक्ति रुद्र महायज्ञ की कलश यात्रा।
उत्तरप्रदेश June 12, 2025
गोरखपुर नौका विहार जेएसआर के गार्डैन में अज्ञात कारणों से लगी आग लपेट देख सहमें लोग लगभग कई दुकानें जलकर राख हुआ।
उत्तरप्रदेश June 12, 2025
//

Kabir Mission is a news platform that provides updates on various topics, including local and national news, social issues, and cultural events. The website features articles, opinion pieces, and reports aimed at keeping the community informed and engaged.

Follow

Subscribe to notifications
Kabir Mission NewsKabir Mission News
Follow US
© 2024 Kabir Mission News. All Rights Reserved.
  • Privacy
  • Advertisement
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?