मध्य प्रदेश में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय का दतिया परिसर अब संकट में है। कई बार बंद करने के प्रयासों का सामना कर चुके इस विश्वविद्यालय की नींव 2018 में पूर्व गृहमंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा द्वारा रखी गई थी।
कांग्रेस सरकार के दौरान विश्वविद्यालय को बंद करने की कई कोशिशें हुईं, लेकिन वे सफल नहीं हो पाईं। अब, 2025 में नरोत्तम मिश्रा के पास कोई राजनीतिक पद नहीं रहने के कारण उनके ही शासन में दतिया विश्वविद्यालय को बंद करने की सुगबुगाहट सुनाई दे रही है जबकि रीवा परिसर में भी कई पाठ्यक्रम ऐसे हैं जहां पर शून्य प्रवेश है लेकिन मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल के हस्तक्षेप के कारण रीवा परिसर पर बस नहीं चल रहा है।

इस बीच सुत्रो के अनुसार, माखनलाल विश्वविद्यालय भोपाल द्वारा जारी एक पोस्टर में दतिया और खंडवा का नाम गायब होना भी चर्चा का विषय बना हुआ है। यह स्थिति न केवल छात्रों के भविष्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है, बल्कि स्थानीय शिक्षा व्यवस्था को भी प्रभावित कर सकती है।
स्थानीय छात्रों पत्रकारों शिक्षा प्रेमियों की मांग है कि माननीय कुलगुरु इस मुद्दे पर ध्यान दे और दतिया विश्वविद्यालय को बंद करने का के फैसले पर विचार करें