अनिल परमाल/कबीर मिशन समाचार आष्टा ।
सीहोर जिले की आष्टा तहसील के ग्राम वफ़ापुर ढाकनी के युवा कृषक ने खेती में नई नई तकनीक अपना कर आधुनिक खेती करके क्षेत्र में अपना ओर अपने ग्राम जिले का नाम रोशन किया है । युवा कृषक अनिल वर्मा ने बताया की इस वर्ष उनेह एक बार फिर से दिल्ली में मिलेनियम कृषि अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
इसमें सबसे अहम भूमिका जिनके माध्यम से अवार्ड मिला उसमें कृषि विज्ञान केंद्र सीहोर की बड़ी भूमिका रही है । जिनके माध्यम से मुझे खेती करने का नया,आधुनिक पूरा अनुभव मिला की किस तरह की नई-नई किस्म लगाना चाहिए, किस तरह खेती के धंधे को आगे बढ़ना चाहिए ।
उन्हीं के मार्गदर्शन में मुझे 2023 का कृषि अवार्ड मिला था । अब फिर सभी अधिकारीयो, कृषि वैज्ञानिकको के आशीर्वाद से मुझे इस वर्ष 2024 का भी कृषि अवार्ड दिल्ली में मिला है।
अनिल वर्मा ने कहा यहां अवार्ड मुझे नहीं हमारे सीहोर जिले के सभी किसान भाइयों को मिला है । यह सीहोर जिले के किसानों के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है ।
जिनके माध्यम से मैं आगे बड़ा हु । कृषि विभाग आष्टा आत्मा विभाग मैं किसान मित्र के रूप में 10/12 वर्ष काम किया उनके माध्यम से जो भी खेती का अनुभव था वह लोगो को बताया किसानों के बीच में जा जाकर नई-नई तकनीक से खेती करना इसके अलावा हॉर्टिकल्चर विभाग नई सब्जियों के बीच आम के बगीचे लगवाना जाम का बगीचा लगवाना आदि की किसानों के बीच में जा कर उनेह हमने पूरी जानकारी दी एवं आगे बढ़कर पूरा सहयोग किया ।
भारतीय सोयाबीन कृषि अनुसंधान इंदौर के सभी अधिकारियों, कृषि वैज्ञानिकों ने हमेशा पूरा-पूरा सहयोग किया खेती के मामले में मुझे आगे बढ़ाने में भारतीय सोयाबीन कृषि अनुसंधान का बहुत बड़ा योगदान रहा ।
5 साल से में बीएफ मशीन से बुवाई करता हूं जिसमें बीज भी बहुत कम लगता है डायरेक्ट सोयाबीन के डंडों में गेहूं की बुवाई करना गेहूं के डंठलों में सोयाबीन की बुवाई करना ऐसा लगभग चार से पांच वर्ष मुझे हो गए हैं ।
इससे हमारा उत्पादन भी बड़ा है और खर्च भी काम हुआ है । सभी किसान भाइयों से अनिल वर्मा ने अपील की है कि अपने घर पर कूड़ा कचरा बगदा सब कुछ होता है इसके बाद भी आप मार्केट से खाद की बोरियां लाते हैं ।
आप अपने घर पर जैविक खाद तैयार करे एक वर्ष मैं मैं 300 से 400 कुंटल जैविक खाद तैयार करता हूं । जिससे मेरा मार्केट में खाद भी बिक जाती है केंचुए भी बिक जाते हैं । इससे मुझे अच्छा उत्पादन लाभ मिलता है । सभी किसान भाई अपने घर पर यह काम कर सकते हैं ।
अनिल वर्मा ने बताया कि वे बुवाई करते समय सोयाबीन का बीज लगभग 25 से 30 किलो ही डालें । गेहूं का बीज 40से 45 किलो ही डालें इससे उत्पादन अच्छा मिलेगा ।
मैं स्वंय एक एकड़ में लगभग सोयाबीन 7 से 8 कुंटल लेता हूं गेहूं एक एकड़ में 25 से 30 कुंटल लेता हूं । यह सब कुछ आप भी कर सकते हैं । इसके अलावा में लहसुन, प्याज, चना, मक्का, अरहर आदि की फसल लगता हूं ।
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