अपने माता-पिता और क्षेत्र का नाम रोशन किया सभी इष्टमित्रों ने बधाई दी।लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती। इस कहावत को सार्थक कर दिखाया है सारंगपुर के निकुंज मालवीय ने। निकुंज ने 2023 की राज्य वनसेवा परीक्षा
में 49वीं रैंक हासिल कर अपने माता-पिता और क्षेत्र का नाम रोशन किया है।निकुंज का सफर काछीखेड़ी जैसे छोटे से गांव से शुरू हुआ। एक शिक्षक पिता के बेटे निकुंज ने बचपन से ही संघर्षों का सामना किया। कमजोर स्वास्थ्य के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी। अपनी पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहे निकुंज ने 12वीं कक्षा में टॉप किया और फिर इंदौर के एसजीआईटीएस कॉलेज से सिविल
इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की।निकुंज न केवल एक होनहार विद्यार्थी रहे, बल्कि स्कूल के दिनों से ही एक उत्कृष्ट वक्ता और सामाजिक सोच वाले व्यक्ति के रूप में पहचाने जाते हैं। उनके जीवन में सबसे बड़ी चुनौती अपने आप से लड़ना रही। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बावजूद उन्होंने दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत से हर बाधा को पार किया।
बाबा साहेब अंबेडकर के आदर्शों को जीवन में अपनाने वाले निकुंज, समाज के लिए कुछ बेहतर करने की इच्छा रखते हैं। उनकी सफलता सिर्फ उनकी नहीं, बल्कि उन तमाम युवाओं के लिए प्रेरणा है जो अपनी परिस्थितियों से लड़ते हुए अपने सपनों को साकार करने की चाह रखते हैं।
निकुंज मालवीय की यह कहानी हमें सिखाती है कि यदि आपके इरादे मजबूत हैं और मेहनत ईमानदार है, तो कोई भी बाधा आपको आपकी मंज़िल तक पहुँचने से नहीं रोक सकती।