मध्यप्रदेश राजगढ़

राजगढ़। शासन के 10 वर्ष पुराने 80 लाख रुपए के नुकसान में आरोपियों को सुनाई 5 वर्ष की सजा।

कबीर मिशन समाचार। राजगढ़ मध्य प्रदेश

पवन मेहरा

राजगढ। वर्ष 2012 में पचोर सहकारी समिति को गेंहू खरीदी का दायित्व मिला था। तात्कालिक समिति प्रबंधक रामबाबू ने कंप्यूटर ऑपरेट सुनील, नारायण तथा आरोपी किसानों के साथ मिलकर किसानों के रकबो में ज्यादा वृद्धि करके सूची में चढ़ा दिया। उस बड़े हुए रकबे के हिसाब से गेंहू क्रय किया और मात्रा से अधिक मात्रा के गेंहू की खरीद कर ली गई।

जिससे शासन को 80 लाख रुपए का नुकसान हुआ था। अशोक कुमार सक्सेना सहायक आपूर्ति अधिकारी के द्वारा जांच की गई जिसमें मामला पकड़ में आया। सहायक आपूर्ति अधिकारी की रिपोर्ट पर अपराध 213/12 थाना पचोर में पंजीबद्ध किया गया था। प्रकरण के निवारण के लिए चालान न्यायालय में पेश किया। प्रकरण के निवारण के दौरान अभियोजन की ओर से प्रकरण महत्वपूर्ण गवाहों का परीक्षण किया गया। अभियोजन ने अपने समर्थन में 143 दस्तावेज एवं 26 गवाह सबूत के लिए पेश किए। न्यायालय ने इस प्रकरण में फैसला सुनाकर आरोपियों को दण्डित किया है।


तात्कालिक प्रबंधक प्राथमिक कृषि साख समिति पचोर रामबाबू सिसोदिया, कंप्यूटर ऑपरेटर सुनील, नारायण के साथ 11 किसानों सहित 14 आरोपियों को 5-5 वर्ष का कठिन कारावास और 4-4 हजार रूपए का जुर्माने की सजा सुनाई।
शासन की और से अभियोजन अधिकारी आलोक उपाध्याय ने की पैरवी।
प्रथम अपर सत्र न्यायालय सारंगपुर ने सत्र प्रकरण क्रमांक 66/13 धारा 409,420,467,468,471,120b आईपीसी में फैसला सुनाते हुयेें आरोपी रामबाबू पिता गोवर्धन सिसोदिया निवासी कड़िया सांसी थाना पचोर समिति प्रबंधक, सुनील पिता सरदार सिसोदिया निवासी भोजपुरिया पचोर कंप्यूटर ऑपरेटर, नारायण पिता शिवचंद दमाडिया थाना पचोर कंप्यूटर ऑपरेटर, कैलाश पिता भेरूसिंह नागर,रतिराम पिता रामसिंह, रामप्रसाद पिता हीरालाल, बद्रीलाल पिता भंवर लाल नागर, शिवकुमार मथुरालाल, मनोज पिता दुर्गा प्रसाद, बिहारीलाल पिता मेहताब, ब्रजमोहन उर्फ दुर्गा प्रसाद पिता भागीरथ, कैलाश पिता पुरालाल नागर, सभी निवासी सुस्तानी थाना खुजनेर, दुर्गाप्रसाद पिता भंवर लाल निवासी सेमली धाकड़ थाना पचोर, शहजाद पिता कमरुद्दीन निवासी भंडावाद थाना पचोर को 5-5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 4 हजार जुर्माने की सजा सुनाई। सारे प्रकरण में विशेष सहयोग आरक्षक जितेंद्र परमार और माखन सिंह की रहा।


प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश सारंगपुर डा.कुलदीप जैन ने सुनाया फैसला।
शासन की और से अभियोजन अधिकारी आलोक उपाध्याय ने की पैरवी।

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