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राजगढ। जीरापुर। ग्राम पंचायत कोड़क्या में सवाल उठाने वाले का साथ क्या दिया, प्रधानमंत्री आवास मे पहली किस्त दे कर लगवा दिया होल्ड।

कबीर मिशन समाचार। राजगढ़ मध्यप्रदेश

राजगढ। जनपद पंचायत जीरापुर विभागो में बड़े बड़े कारनामों को लेकर विभाग सुर्खियों में रहता आया। कुछ ईमानदार अफसर अगर इस विभाग में अपनी भूमिका निभाएं तो उसे चलता कर देते हैं। इस खामी के ज़िम्मेदार अधिकारी नही बल्कि नेता है। एक पक्ष के नेता किसी का पक्ष लेते तो अन्य दल के नेता विपक्ष में भूमिका निभाते है। इसी के कारण पंचायत चुनाव बड़े महंगे हो गए है।हम आपको एक ऐसे मामले से रूबरू करवाने के जा रहे। जहा पिछले दो साल से अपनी हक की लड़ाई लड़ने वाले लोगो ने सीएम हेल्प लाइन का सहारा लिया। जिससे पंचायत पर उंगली उठे इस को लेकर पंचायत प्रति निधि ने जिम्मेदारी न निभाते हुए उस गरीब व्यक्ति का हक मारने के लिए क्या क्या नहीं किया।इस मामले को हमने द सूत्र की सीएम हेल्पलाइन पर बड़ी प्राथमिकता से बारीकी से पूरे मामले को समझकर उठाया था।

किंतु सिस्टम में कहां खामियां हे। यह स्पष्ट कर देता है अधिकारियों के भी हाथ बंधे हुए हैं।जिला पंचायत से बने जांच दल ने गांव पहुंचकर बनाया पंचनामा पीड़ित का कहना नही आए मौके पर।जीरापुर जनपद की कोडक्या पंचायत का यह मामला है।

जिसमे मांगीलाल एक ऐसा व्यक्ति जिसने गांव के ही एक व्यक्ति का पंचायत पर सवाल उठाने वाले का साथ क्या दिया उसका हक ही मार दिया।मांगीलाल कल ही जिला कलेक्टर महोदय को मामले में अपने घर दिखाने के लिए पुरा दिन इंतजार किया। दरअसल यह एक रिटायरमेंट संकुल प्राचार्य के विधाई समारोह में जिला कलेक्टर खुद इस आयोजन में व्यस्थता के चलते देरी से पहुंचे थे।

जेसे ही डीएम साहब मंच से राजगढ़ के लिए रवाना होने गाड़ी में बैठने लगे पीड़ित ने आवेदन देकर इंसाफ की गुहार लगाई।

लेकिन फिर से कलेक्टर साहब अर्जेंट मीटिंग में शामिल होने के चलते माचलपुर नायब तहसीलदार नवीन चंद्र को इस मामले में आवेदन देकर इसकी निष्पक्षता से जांच के निर्देश दिए गए।इस पूरे मामले में पीड़ित ने जिला पंचायत से लेकर जनपद पंचायत ओर कलेक्ट्रेट कार्यालय में कई बार पीएम आवास की रूखी हुई बाकी किस्तों को जारी करने के सम्बद्ध मे आवेदन दिया। और सीएम हेल्प लाइन पर भी शिकायत की अब जिला कलेक्टर स्तरपर प्रचलित हैं।

जांच दल से गए अधिकारियों का कहना है। कि हम इस मामले में कुछ नही बोल सकते आप जिला पंचायत सीईओ और अतिरिक्त सीईओ से ही इस मामले में बात करे।अब इस मामले में पंचायत ने जो मांगीलाल के साथ भेदभाव किया इसको लेकर पुनः मामले में नजर बनाने की कयावद शुरू की हे।अब देखना होगा कि जिले के मुखिया और जिला कलेक्टर हर्ष दीक्षित इस मामले में क्या? पंचायत में सहायक सचिव, सचिव अगर सरपंच दोषी पाए जाते है।

तो क्या कार्यवाही होगी?इस पूरे मामले में देखा जाए तो मांगीलाल के साथ अन्याय हुआ हैं। क्योंकि पीएम आवास मे मांगीलाल के लिए मानो नियम की बाड़ आ गई। और पूरे गांव में पहले से बनी आवास पात्रता में क्या कोई कमी नही।

इसको लेकर भाजपा के पूर्व विधायक हजारी लाल दांगी ने राजस्व विभाग से जांच की मांग की गई थी। और कांग्रेस के जिला अध्यक्ष प्रकाश पुरोहित द्वारा इस मामले में पुरा गलत बताकर खारिज कर दिया था। यह तक कि अगर पंचायत में कोई एक गड़बड़ी भी मिलेगी तो उसके जवाबदार वह होंगे।

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