उत्तरप्रदेश

माउंट एवरेस्ट फतह करने वाले रवीन्द्र कुमार बने कुशीनगर के डीएम |

कबीर मिशन समाचार
राजेश राव जिला प्रतिनिधि कुशीनगर (उत्तर प्रदेश)

दो बार माउंट एवरेस्ट फतह वाले देश के पहले आईएएस अधिकारी रवीन्द्र कुमार

माउंट एवरेस्ट फतह करने वाले रवीन्द्र कुमार बने कुशीनगर के डीएम | कबीर मिशन समाचार राजेश राव जिला प्रतिनिधि कुशीनगर (उत्तर प्रदेश) दो बार माउंट एवरेस्ट फतह वाले देश के पहले आईएएस अधिकारी रवीन्द्र कुमार कुशीनगर| वर्ष 2011 बैच के सिक्किम कैडर के अधिकारी रविंद्र कुमार कुशीनगर जनपद के नये जिलाधिकारी बने है। वह माउंट एवरेस्ट फतह करने वाले देश के पहले आईएएस अधिकारी हैं। किसान परिवार से विलांग करने रवीन्द्र कुमार मार्शल आर्ट्स में ब्लैक बेल्ट और तैराकी में महारत हासिल किये है। वह सिक्किम खेल रत्न अवार्ड, बिहार विशेष खेल सम्मान, कुश्ती रत्न सम्मान समेत कई पुरस्कारों नवाजे जा चुके हैं।

वर्ष 2015 में उन्होंने एक अभियान के दौरान भूकंप का सामना किया था। इसमें उन्होंने अपनी जान की परवाह किये बिना कई लोगों की जान बचाई थी। काबिलेगौर है कि रवींद्र कुमार मूलतः बिहार के बेगूसराय के निवासी है। उनका जन्म वर्ष 1981 में किसान परिवार में हुआ । उनके पिता का नाम शिवनंदन प्रसाद सिंह है। रविंन्द्र कुमार को कविताएं लिखने का शौक है । वह 2011 बैच के सिक्किम कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। रविंद्र कुमार को शुरू से कविताएं लिखने का काफी शौक रहा है। उन्होंने गरीबी और भ्रष्टाचार पर काफी कविताएं लिखी है । रविंद्र कुमार ने 10वीं कक्षा की पढ़ाई बेगूसराय के जवाहर नवोदय से की थी । इसके बाद रांची में डीएवी से 12वीं की और मुंबई में मर्चेंट नेवी की पढ़ाई करने चले गए। उनका सेलेक्शन आईआईटी में भी हुआ था ,लेकिन वह गए नहीं। उन्होंने इटली की एक कंपनी में छह साल तक नौकरी भी की है। इस दौरान उन्होंने मार्शल आर्ट्स में ब्लैक बेल्ट और तैराकी में महारत हासिल की। उन्होंने दो बार माउंट एवरेस्ट पर चढा़ई की है। देश के पहले आईएएस अधिकारी है । जिन्होंने माउंट एवरेस्ट फतह किया हैं । वर्ष 2013 में ही वह पहले प्रयास में ही वह एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ गये थे । एवरेस्ट पर फतह का सफर उन्होंने 6 अप्रैल से शुरू किया था। 23 मई को गंगा जल लेकर वह चोटी पर पहुँचे । वहाँ उन्होंने गंगा जल चढ़ाया और गंगा की सफाई का संदेश दिया। इससे पहले उन्होंने दार्जिलिंग में एक इंस्टीट्यूट से इसके लिए कोर्स भी किया था। कोर्स करने के बाद रवींद्र कुमार ने रोज कम से कम चार घंटे ट्रैकिंग की प्रैक्टिस की थी । यह प्रैक्टिस उन्होंने गंगटोक में तीन मंजिल बिल्डिंग पर की । उन्होंने माउंट एवरेस्ट पर एक नहीं बल्कि दो बार चढ़ाई की है।ऐसा करने वाले पहले भारतीय ही है । रवींद्र कुमार चीन और नेपाल के रास्ते से माउंट एवरेस्ट फतह कर चुके हैं।

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