भोपाल मध्यप्रदेश शिक्षा

भोपाल। निजी स्कूल की बस में ड्राइवर ने किया 3 साल की बच्ची के साथ में दुष्कर्म।

कबीर मिशन समाचार। भोपाल मध्य प्रदेश

भोपाल। घटना भोपाल के प्रतिष्ठित निजी स्कूल की है। जहां बच्ची नर्सरी कक्षा में पढ़ती है। बच्चे के परिजनों ने पुलिस को बताया कि स्कूल से जब बच्ची घर आई तो कपड़े बदलते समय बच्ची की मां ने उसके प्राइवेट पार्ट पर निशान देखे, जिसके बाद वह हैरान रह गई। बच्ची की मम्मी ने जब पूछा तो बच्ची ने बताया कि स्कूल बस ड्राइवर बैड टच करते हैं। इसके बाद परिजनों ने स्कूल प्रबंधन से इसकी शिकायत की तो उन्होंने आरोपों से इनकार कर दिया। जिसके बाद परिजनों ने पुलिस में शिकायत की शिकायत के आधार पर पुलिस ने पोक्सो और धारा 376 के तहत केस दर्ज कर स्कूल बस ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं बस में मौजूद महिला हेल्पर को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है।


इस घटना पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है। कि भोपाल के एक निजी स्कूल की बस में बेटी के साथ हुई घटना विश्वास को हिला देने वाली है। माता-पिता अपने बच्चों को भरोसे पर स्कूल भेजते हैं। यह भरोसा बनाए रखना स्कूल प्रबंधन का दायित्व है। दोषी ड्रायवर और आया के खिलाफ कार्यवाही के साथ स्कूल प्रबंधन के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए।


मुख्यमंत्री चौहान ने आज सुबह 7 बजे बुलाई आपात बैठक में यह निर्देश दिए। निवास कार्यालय पर हुई बैठक में प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मि अरुण शमी, भोपाल संभाग आयुक्त गुलशन बामरा, पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर, कलेक्टर भोपाल अविनाश लवानिया तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे। अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा वर्चुअली शामिल हुए।


मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि स्कूल बसों में चलने वाले स्टाफ का वेरिफिकेशन स्कूल प्रबंधन की जवाबदारी है। बच्चों को हम दरिंदों के हवाले नहीं छोड़ सकते। बस में सीसीटीवी कैमरे काम क्यों नहीं कर रहे थे। यह स्कूल प्रबंधन को देखना चाहिए था। स्कूल प्रबंधन का यह दायित्व भी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि समाज में यह संदेश नहीं जाए कि प्रभावशाली व्यक्तियों पर कार्यवाही नहीं होगी। यह विश्वास मजबूत होना चाहिए कि सरकार है तो अपराधी छूटेंगे नहीं। निश्चित समय में कड़ी कार्यवाही की जाए। जिससे प्रबंधन अपनी जवाबदारी और दायित्व समझे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भोपाल के सभी स्कूलों के ड्रायवर तथा बसों में चलने वाले स्टाफ का परीक्षण हो। अपराधी रिकार्ड और चारित्रिक रूप से दोषी व्यक्तियों को न रखा जाए। स्टाफ के प्रशिक्षण और कानूनी प्रावधानों के संबंध में कार्यशाला की जाए। साथ ही बच्चों और पालकों में पॉक्सो एक्ट के प्रावधानों के संबंध में जागरूकता और जानकारी पर केन्द्रित प्रशिक्षण भी सभी शासकीय और निजी शालाओं में किए जाएं। पुलिस प्रशासन भी पालकों और समाज के साथ प्रभावी तरीके से इस विषय पर संवाद करे।


पुलिस आयुक्त मकरंद देउस्कर ने घटना तथा अब तक की गई कार्यवाही की जानकारी देते हुए बताया कि बस के अन्य बच्चों तथा उनके पालकों को विश्वास में लेकर यह जानने की कोशिश भी की जा रही है। कि किसी अन्य के साथ इस प्रकार की घटना तो नहीं हुई है।
जिस समय यह घटना हुई थी, उस समय बस में महिला हेल्पर भी मौजूद थी। उसने भी मासूम को नहीं बचाया, परिजनों से मिली शिकायत के अनुसार कुछ दिन पहले भी आरोपी ने मासूम से अश्लील हरकत की थी। उस समय बच्ची ने डर के मारे नहीं बताया था। इस बार फिर से अश्लील हरकत करने पर परिजन पुलिस थाने पहुंचे और शिकायत की। आरोपी बस ड्राइवर हनुमंत और बस की महिला हेल्पर को गिरफ्तार कर लिया गया है। महिला थाना पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।

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