मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर की खंडपीठ के न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन ने बुधवार को स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह के विरुद्ध 4 घंटे के भीतर भारतीय न्याय संहिता (IPC) के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। यह आदेश मंत्री द्वारा भारतीय सेना की वीरांगना कर्नल सोफिया कुरैशी के बारे में दिए गए विवादास्पद बयान के संदर्भ में जारी किया गया है। न्यायालय ने कहा,
मंत्री के बयान से न केवल एक महिला अधिकारी का अपमान हुआ है, बल्कि यह भारतीय सेना की गरिमा और राष्ट्रीय एकता पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है। ऐसे बयान सामाजिक सद्भाव को भी नुकसान पहुंचाते हैं।
मंत्री विजय शाह ने खरगोन जिले के महू के राय कुंडा गांव में 12 मई को आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कर्नल सोफिया कुरैशी के संबंध में अत्यंत आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने अपने भाषण में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा था, “जिन लोगों ने हमारी बहनों का सिंदूर मिटा दिया था
हमने इन ‘काटे-पिटे’ लोगों से बदला उनकी बहन को भेजकर लिया।”उन्होंने आगे कहा, “आतंकवादियों ने हमारे हिंदू भाइयों को कपड़े उतरवाकर मार डाला। पीएम मोदी जी ने जवाब में उनकी बहन को सेना के विमान में भेजकर उनके घरों में हमला किया।
उन्होंने हमारी बहनों को विधवा बना दिया, इसलिए मोदीजी ने उनके समुदाय की बहन को भेजकर उन्हें नंगा करके सबक सिखाया।” यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद कर्नल कुरैशी के परिवार, सेना के अधिकारियों और विभिन्न राजनीतिक दलों ने कड़ी आपत्ति जताई।