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Reading: शाजापुर की का इतिहास जाने के लिये शाजापुर का नाम पहले खांखराखेड़ी रहा है।
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Kabir Mission News > Blog > मध्यप्रदेश > शाजापुर > शाजापुर की का इतिहास जाने के लिये शाजापुर का नाम पहले खांखराखेड़ी रहा है।
शाजापुर

शाजापुर की का इतिहास जाने के लिये शाजापुर का नाम पहले खांखराखेड़ी रहा है।

Shubham bhilala
Last updated: 2024/11/14 at 4:26 PM
Shubham bhilala
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  • यह कहा जाता है कि मूल नाम शाहजहांपुर था, जो बाद में छोटा कर शाजापुर कर दिया गया।
  • विशेष यह है कि जिले से निकली चीलर, कालीसिंध, पार्वती नदी के आसपास जो छोटी-छोटी बसाहटें हुई वह अब विभिन्ना नगरों का रूप ले चुकी हैं।
  • सबसे अहम बात यह है कि इस दुर्ग की सुरक्षा के लिए चीलर नदी का प्रवाह मोड़ा गया था। पहले सोमवारिया बाजार से होकर बहने वाली नदी को महूपुरा क्षेत्र से होते हुए कि ले से लेकर बादशाही पुल तक ले जाया गया।
  • ¶¶मुगलों के पतन के बाद यहां 1707 के पश्चात यह क्षेत्र मराठों के स्वमित्व में आया। शाजापुर 1732 में ग्वालियर के सिंधिया वंश के अधिकार में आ गया। वह 28 मई 1948 तक निरंतर बना रहा¶¶

उज्जैन- संभाग में शाजापुर जिला 1981 की जनगणना के दौरान लाया गया था। जिला मुख्यालय के शहर शाजापुर के नाम से पहचाना जाता है, जिसका नाम मुगल सम्राट शाहजहां के सम्मान मे रखा गया जो 1640 में यहां रुके थे।

Contents
यह कहा जाता है कि मूल नाम शाहजहांपुर था, जो बाद में छोटा कर शाजापुर कर दिया गया। विशेष यह है कि जिले से निकली चीलर, कालीसिंध, पार्वती नदी के आसपास जो छोटी-छोटी बसाहटें हुई वह अब विभिन्ना नगरों का रूप ले चुकी हैं। सबसे अहम बात यह है कि इस दुर्ग की सुरक्षा के लिए चीलर नदी का प्रवाह मोड़ा गया था। पहले सोमवारिया बाजार से होकर बहने वाली नदी को महूपुरा क्षेत्र से होते हुए कि ले से लेकर बादशाही पुल तक ले जाया गया। ¶¶मुगलों के पतन के बाद यहां 1707 के पश्चात यह क्षेत्र मराठों के स्वमित्व में आया। शाजापुर 1732 में ग्वालियर के सिंधिया वंश के अधिकार में आ गया। वह 28 मई 1948 तक निरंतर बना रहा¶¶

यह कहा जाता है कि मूल नाम शाहजहांपुर था, जो बाद में छोटा कर शाजापुर कर दिया गया।

प्राकृतिक सुंदरता व पहाड़ियों के बीच बसे शाजापुर की है ऐतिहासिक पृष्ठभूमिविश्व नगर दिवस आज : 10वीं शताब्दी में परमार काल से लेकर मुगल काल व सिंधिया स्टेट में महत्वपूर्ण रहा शाजापुर शाजापुर।

शाजापुर नगर अपनी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के लिए ख्यात है। जिला 10वीं व 12वीं शताब्दी के परमार काल से लेकर मुगलकाल, मराठा वंश के लिए महत्वपूर्ण रहा है। कभी खांखराखेड़ी के नाम से प्रसिद्ध रहा।

शाजापुर से बाज बहादुर से लेकर शविश्व नगर दिवस आज : 10वीं शताब्दी में परमार काल से लेकर मुगल काल व सिंधिया स्टेट में महत्वपूर्ण रहा शाजापुर नगर अपनी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के लिए ख्यात है।

जिला 10वीं व 12वीं शताब्दी के परमार काल से लेकर मुगलकाल, मराठा वंश के लिए महत्वपूर्ण रहा है। कभी खांखराखेड़ी के नाम से प्रसिद्ध रहा शाजापुर से बाज बहादुर से लेकर शाहजहां तक का लगाव रहा है।

विशेष यह है कि जिले से निकली चीलर, कालीसिंध, पार्वती नदी के आसपास जो छोटी-छोटी बसाहटें हुई वह अब विभिन्ना नगरों का रूप ले चुकी हैं।

जिले के कई नगर अपने गौरवशाली इतिहास के लिए जाने जाते हैं।क्षेत्र में कभी इतने पलाश खांखरा के पेड़ हुआ करते थे कि इसका नाम ही खांखराखेड़ी पड़ गया। पलाश के वृक्षों से ढंका व आसपास पहाड़ियों के होने से क्षेत्र सौंदर्य से सराबोर था।

कहा जाता है कि मुगल बादशाह शाहजहां को यह क्षेत्र बहुत पसंद आया। सितंबर 1640 में मीर बिगो को यहां का कोतवाल नियुक्त कि या गया। जगन्नाथ रावल के साथ मिलकर उन्होंने इस क्षेत्र को दिल्ली पैटर्न पर तैयार करने की योजना बनाई।

परिणाम स्वरुप यहां पर चार बड़े दरवाजे बनवाए गए। इनके मध्य में बाजार स्थापित कि या गया। परिणामस्वरूप क्षेत्र तेजी से आबाद हुआ।

शाहजहां के नाम पर नाम पड़ा शाहजहांपुरबादशाह शाहजहां के नाम पर इसका नाम शाहजहांपुर रखा गया, जो बाद में शाजापुर हो गया।

कहा जाता है कि जब शाहजहां का उज्जैन की ओर जाना हुआ तो उन्होंने यहां एक रात विश्राम कि या था। बादशाह को यह जगह इतनी पसंद आई कि यहां कि ले का निर्माण भी करवाया।

शहर के मध्य बना शाहजहांकालीन कि ला आज भी मौजूद है। करीब 400 साल से पुरानी यह धरोहर मुगलकाल में बनी थी।

सबसे अहम बात यह है कि इस दुर्ग की सुरक्षा के लिए चीलर नदी का प्रवाह मोड़ा गया था। पहले सोमवारिया बाजार से होकर बहने वाली नदी को महूपुरा क्षेत्र से होते हुए कि ले से लेकर बादशाही पुल तक ले जाया गया।

¶¶मुगलों के पतन के बाद यहां 1707 के पश्चात यह क्षेत्र मराठों के स्वमित्व में आया। शाजापुर 1732 में ग्वालियर के सिंधिया वंश के अधिकार में आ गया। वह 28 मई 1948 तक निरंतर बना रहा¶¶

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Shubham bhilala November 14, 2024 November 14, 2024
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