उज्जैन मध्यप्रदेश

उज्जैन किसान स्वयं के मोबाइल से घर बैठे पंजीयन कर सकेंगे, लाइन लगाकर पंजीयन कराने की समस्या से मुक्ति मिलेगी

उज्जैन संभाग में गेहूं उपार्जन के लिये किसान पंजीयन के 546 केन्द्र रहेंगे

उज्जैन 23 जनवरी। रबी विपणन वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जित करने के लिये किसानों की सुविधा हेतु पंजीयन एवं उपार्जन प्रक्रिया शासन द्वारा निर्धारित कर दी गई है। किसान पंजीयन की व्यवस्था को सहज और सुगम बनाया गया है। किसान स्वयं के मोबाइल पर घर बैठे पंजीयन कर सकेंगे। किसानों को पंजीयन केन्द्रों में लाइन लगाकर पंजीयन कराने की समस्या से मुक्ति मिलेगी। उज्जैन संभाग में गेहूं उपार्जन के लिये किसान पंजीयन के 546 केन्द्र रहेंगे। उज्जैन जिले में 164, शाजापुर में 77, देवास में 87, रतलाम में 65, मंदसौर में 77, नीमच में 41 एवं आगर-मालवा में 35 पंजीयन केन्द्र रहेंगे।

किसान पंजीयन की समयावधि 25 फरवरी निर्धारित

किसान अपना पंजीयन एक फरवरी से 25 फरवरी तक करा सकते हैं। पंजीयन केन्द्र संचालन हेतु संस्थाओं की पात्रता एवं चयन प्रक्रिया के भी दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं। एमपी ऑनलाइन कियोस्क, कॉमन सर्विस सेन्टर कियोस्क, लोक सेवा केन्द्र और निजी साइबर कैफे से किसानों के पंजीयन के लिये सक्षम प्राधिकारी से ऑथोराइजेशन प्राप्त कर पंजीयन केन्द्र का संचालन कर सकते हैं।

किसान द्वारा निम्न स्थानों/तरीकों से पंजीयन कराये जा सकेंगे- पंजीयन की नि:शुल्क व्यवस्था ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, तहसील कार्यालयों में और सहकारी समितियों तथा विपणन संस्थाओं द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्र पर एवं एमपी किसान एप पर रहेगी। इसी तरह पंजीयन की सशुल्क व्यवस्था एमपी ऑनलाइन कियोस्क, कॉमन सर्विस सेन्टर कियोस्क, लोक सेवा केन्द्र एवं निजी व्यक्तियों द्वारा संचालित साइबर कैफे पर रहेगी।

राज्य शासन ने सम्बन्धित जिलों के अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर कहा है कि एमपी ऑनलाइन कियोस्क, कॉमन सर्विस सेन्टर, लोक सेवा केन्द्र और निजी व्यक्तियों द्वारा संचालित साइबर कैफे पर पंजीयन हेतु शुल्क राशि प्राप्त करने के सम्बन्ध में सम्बन्धित जिलों के जिला कलेक्टर यथोचित दिशा-निर्देश जारी करेंगे। किसान का पंजीयन के लिये भूमि सम्बन्धी दस्तावेज एवं किसान के आधार एवं अन्य फोटो पहचान-पत्रों का समुचित परीक्षण कर उनका रिकार्ड रखा जाना अनिवार्य होगा। पंजीयन की व्यवस्था का व्यापक प्रचार-प्रसार भी सुनिश्चित करने के निर्देश राज्य शासन द्वारा दिये गये हैं। पूर्व प्रक्रिया में किसान को फसल बेचने के लिये एसएमएस प्राप्त होता था। एसएमएस से प्राप्ति तिथि पर किसान अपनी फसल बेच सकता है। इस प्रक्रिया में किसानों को असुविधा का सामना करना पड़ता था। अब परिवर्तित व्यवस्था में उपार्जन केन्द्र पर जाकर फसल बेचने के लिये एसएमएस प्राप्ति की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। नवीन व्यवस्था में फसल बेचने के लिये किसान निर्धारित पोर्टल नजदीक के उपार्जन केन्द्र, तिथि और टाईम हेतु स्लॉट का चयन स्वयं कर सकेंगे। स्लॉट का चयन नियत तिथि के पूर्व करना अनिवार्य होगा।

समर्थन मूल्य पर विक्रय उपज का भुगतान प्राथमिकता के आधार पर किसान के आधार लिंक बैंक खाते में किया जायेगा। किसान के आधार लिंक बैंक खाते में भुगतान करने में किसी कारण से समस्या उत्पन्न होने पर किसान द्वारा पंजीयन में उपलब्ध कराये गये बैंक खाते में भुगतान किया जा सकेगा। किसान पंजीयन के समय किसान को बैंक खाता नम्बर और आईएफएससी कोड की जानकारी उपलब्ध करानी होगी। नवीन पंजीयन व्यवस्था में बेहतर सेवा प्राप्त करने के लिये यह जरूरी होगा कि किसान अपने आधार नम्बर से बैंक खाता और मोबाइल नम्बर को लिंक कराकर उसे अपडेट रखे। इस सम्बन्ध में किसानों को जागरूक करने के लिये सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों को प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये हैं।

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