मूलचन्द मेधोनिया पत्रकार भोपाल मोबाइल 8878054839
” भोपाल में आउटसोर्स का हुजूम, 5 हजार गिरफ्तार, दसियों हजार खदेडे गए”
भोपाल। सुबह पांच बजे से ही भोपाल के चुनाव पार्क में प्रदेश के आउटसोर्स कर्मियों का आना शुरू हो गया था, जिन्हें चिनार पार्क पर तैनात पुलिस खदेडती रही, इसके बाद भी हजारों आउटसोर्स कर्मी 10 बजे तक चिनार पार्क के अंदर पहुंचे और सभा शुरू कर दी, आउटसोर्स कर्मियों के कार्यक्रम 1 बजे चार पूर्व मंत्रियों पी सी शर्मा, तरूण भानोट, बाला बच्चन, मुकेश नायक को आना था, आउटसोर्स कर्मियों की बढ़ती संख्या को देखकर पुलिस ने 11 बजे गिरफ्तार करना शुरू कर दिया। ऑल डिपार्टमेंट आउटसोर्स, ठेका, अस्थाई कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के संयोजक वासुदेव शर्मा को जैसे ही गिरफ्तार किया, उसके बाद गिरफ्तारी देने वालों का हुजूम उमड पडा।
आउटसोर्स संयुक्त मोर्चा की कोर कमेटी के सभी सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया, जिनमें एमपीईबी के राहुल मालवीय, बल्लव भवन मंत्रालयों के दीपक सिंह, प्रकाश पुंज चौधरी, आशीष सिसोदिया, अखिलेश श्रीवास्तव, व्यावसायिक प्रशिक्षकों के नेता प्रकाश यादव, स्वास्थ विभाग के शरद पंत, कंप्यूटर संघ के पंकज चतुर्वेदी, वेयर हाउस कार्पोरेशन के राम स्वरूप प्रजापति, मनीष शर्मा, निकाले गए कर्मियों के नेताओं को भी गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार किए गए आउटसोर्स कर्मियों को भोपाल से 25-30 किलोमीटर दूर छोडा गया, जिससे वे वापस आकर प्रदर्शन न कर सकें। विधायक कुनाल चौधरी ने सुबह ही आउटसोर्सकर्मियों के बीच पहुंचकर उनके आंदोलन को समर्थन दिया और विधानसभा में आउटसोर्स का मुद्दा उठाने की बात कही।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए वासुदेव शर्मा ने कहा कि टुकडों में बिखरा आउटसोर्सकर्मी पहली बार एक साथ आया है और एक साथ आने की ताकत का अंदाजा सरकार को लग गया, इसलिए वह आउटसोर्स कर्मियों को गिरफ्तार कर रही है, प्रदेश में 5 लाख आउटसोर्स कर्मी है, 10-15 साल से इनके साथ अन्याय सिर्फ इसलिए हो रहा है कि यह एकजुट नहीं थे, विधानसभा घेराव में एकता दिखी है, इसे और मजबूत करना हर कर्मचारी की जिम्मेदारी है, जिस दिन सभी आउटसोर्स कर्मचारी ऑल डिपार्टमेंट आउटसोर्स कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के नीचे आकर हुंकार भरेंगे, उस दिन प्रदेश से आउटसोर्स, ठेका प्रथा का अंत हो जाएगा, हमें आज संकल्प लेना होगा कि अगले 5-6 महीने में ऐसा आंदोलन विकसित करें कि सरकार आउटसोर्सकर्मियों का विभागों में संविलियन करने को मजबूर हो जाए।