पेसा जागरूकता कार्यक्रम में सीएम हुए शामिल:बोले-भोपाल में नहीं गांव की चौपाल में बनेगी ग्राम की विकास योजनाएं
कबीर मिशन समाचार धार से मयाराम सोलंकी खास रिपोर्ट
भाजपा जनजातीय हितों के लिए प्रतिबद्ध है। जनजातीय भाई-बहनों के हित में प्रदेश में पेसा एक्ट लागू कर दिया गया है। यह ऐक्ट किसी गैर जनजातीय के खिलाफ नहीं है, यह जनजातीय भाई-बहनों को और मजबूत करने के लिए है। पेसा एक्ट जनजाति के हित में जरूर है लेकिन किसी गैर जनजाति के विरोध या खिलाफ नहीं है। यह एक्ट जनजातीय समुदाय को मजबूत करने के लिए है। इस एक्ट के प्रावधान सिर्फ अधिसूचित क्षेत्रों में लिए लागू होंगे।
यह एक्ट विकास की दौड़ में पीछे रह गए जनजातीय समाज को मजबूत बनाने के लिए लागू किया गया है। अब गांव के विकास की योजनाएं भोपाल में नहीं गांव की चौपाल में तय होगी। मुख़्यमंत्री चौहान ने एक शिक्षक की तरह धार जिले की कुक्षी तहसील के मंडी प्रांगण में पेसा जागरूकता कार्यक्रम के दौरान सरपंच, पटेल, तड़वी और बड़ी संख्या में उपस्थित ग्रामीणजनों को संबोधित करते हुए कही। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा कन्या पूजन तथा द्वीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम को सांसद वीडी शर्मा, सांसद छतरसिंह दरबार ने भी संबोधित किया।
जल, जंगल और जमीन सब ग्राम सभा में शामिल
एक शिक्षक की तरह मुख्यमंत्री श्री चौहान ने हजारों की संख्या में मौजूद जनजातीय समुदाय के सरपंच, पटेल, तड़वी और अन्य नागरिकों से कहा कि अब जल जंगल और जमीन सब कुछ ग्राम सभा के दायरे में आ गया है। जमीन के अधिकार में अब किसी बड़े प्रोजेक्ट के लिए किये जाने वाले भू-अर्जन के लिए शासन को ग्राम सभा से अनुमति लेना होगी। बिना ग्राम सभा की अनुमति के बगैर किसी की जमीन नहीं ली जा सकेगी।जमीन के अधिकार के तहत अब हर वर्ष गांव का पटवारी और वन विभाग का बीट गार्ड ग्राम सभा में गांव की भूमि की जानकारी और नक्शा प्रस्तुत करना होगा। पेसा एक्ट लागू होने के बाद से छल कपट या बहला फुसला कर किसी भी जनजातीय नागरिक की भूमि को कोई भी गैर जनजातीय व्यक्ति नहीं ले पाएगा। सीएम ने एक्ट के प्रावधानों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि खनिज जैसे रेत, गिट्टी या पत्थर की खदानों के पट्टे या सर्वे कार्य के लिए अब ग्राम सभा से अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है।
भाजपा सरकार ने गांव-गांव में तालाब बनवाए
सीएम ने कहा कि भाजपा सरकार ने गांव-गांव में तालाब बनवाए हैं। इन तालाबों का प्रबंधन ग्राम सभाएं करेंगी। तालाब में मछली पालन होगा या नहीं, यह ग्राम सभा तय करेगी और उससे प्राप्त होने वाली राशि ग्राम सभा को मिलेगी। उन्होंने कहा कि मामा की सरकार में शोषण नहीं होगा। अगर किसी ने निर्धारित ब्याज से ज्यादा या बिना लाइसेंस के कर्जा दिया तो वह कर्ज वसूली नहीं करवा पाएगा। वह कर्ज माफ कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि खदानों व खनिजों पर पहला अधिकार जनजातीय सोसाइटी का, दूसरा अधिकार जनजातीय बहनों का, तीसरा अधिकार जनजातीय पुरुष का होगा और यदि वह मना करें तो फिर किसी ओर का अधिकार होगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि क्रांतिसूर्य टंट्या मामा का बलिदान दिसंबर 4 दिसंबर को है। आज से शुरू हुई गौरव यात्रा जनजातीय अंचल में अलग-अलग भ्रमण करते हुए 3 दिसंबर को टंट्या मामा की कर्मस्थली में पहुंचेंगी और 4 दिसंबर को पेसा पर एक बड़ी सभा इंदौर में होगी।
देश की आजादी के लिए जनजतीय नायकों ने सर्वस्व समर्पित किया: विष्णुदत्त शर्मा
पेसा जागरूकता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि भारतीय संस्कृति की रक्षा और देश की स्वतंत्रता के लिए जनजातीय महानायकों ने अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया। राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणादाई है। उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए राष्ट्र सदैव उनका ऋणी रहेगा।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश की भाजपा सरकार जनजातीय भाई-बहनों को उनका अधिकार दिलाने और उनके सम्मान के लिए दृढ़ संकल्पित है। केंद्र एवं प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से जनजातीय समाज को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 15 नवंबर को ’जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय कर जनजातीय समाज को सम्मानित करने का कार्य किया है।