रिपोर्टर योगेश गोविन्दराव तहसील संवाददाता कप्तानगंज कुशीनगर
आज दोपहर में 1:00 बजे से रामकोला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक महिला अपनी माता जी का इलाज कराने के लिए रामकोला अस्पताल पहुंची जिसका नाम शीला देवी है वह अस्पताल में डॉक्टर ए के गुप्ता से मिलने के लिए उन्हें ढूंढ रही थी हर जगह गई लेकिन किसी ने भी यहां तक कि अस्पताल के कर्मचारियों ने भी उसे ए के गुप्ता का सही पता उनके केबिन तक नहीं पहुंचाया, अधिक समय तक घूमते रही जब तक वह ए के गुप्ता के केविन तक पहुंची उसके पहले ही डॉक्टर एके गुप्ता केविन से निकल कर जा चुके थे।
इधर वह जब पर्ची काउंटर पर पहुँची तो पर्ची काउंटर भी बंद हो चुका था अब प्रश्न उठता है कि जब इतनी दूर से 1:00 बजे करीब में यदि कोई महिला अस्पताल पहुंची हो तो क्या उसका इलाज नहीं होना चाहिए? क्या अस्पताल की ऐसी लापरवाही ठीक है? कम से कम इस सामुदायिक रामकोला स्वास्थ्य केंद्र में ऐसा कोई नहीं है सही पार्मश देने वाला जिसमें पांच पांच डॉक्टर एक साथ बैठते हैं और और इमरजेंसी खाली रहती है और प्राइवेट रूम भरे रहते हैं लोग बाहर से काफी महंगा दवा लिखा जाता है जो कि 800और-1000 से कम का नहीं होता है गरीब आदमी इतना पैसा कहां से लाएगा इतने बड़े अस्पताल में कोई महिला या कोई बुजुर्ग अगर बिना इलाज किए वापस लौट जाता है
तो प्रश्न चिह्न उठता है रामकोला प्रशासन पर और यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था पर, जनता के टैक्स से सरकार इन डॉक्टरों को सैलरी दे रही है पूरी व्यवस्था दे रही है उसके बाद भी समय पूरा होने से पहले ही डॉ अपना सरकारी केविन छोड़कर प्राइवेट की मरीज देखने चले जा रहे हैं, आखिर कब तक लापरवाही होता रहेगा जनता दर-दर भटक रही है घटना पर उचित कार्रवाई करे सीएमओ साहब नहीं हुई तो ऐसे ही घटनाएं होती रहेंगी।