भोपाल मध्यप्रदेश। कबीर मिशन समाचार
भोपाल। देश व विदेश से पधारे मंत्री, बुद्धिजीवी व विषय विशेषज्ञ व अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान के उपाध्यक्ष श्री सचिन चतुर्वेदी जी एवं अन्य गणमान्यजन भी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारे भारत ने हजारों वर्ष पहले कहा कि एक ही चेतना सब में है। यह चेतना केवल मनुष्य मात्र में नहीं प्राणियों में भी है। इसीलिए भारत में गौ-पूजा से लेकर प्रकृति पूजा तक की जाती है। भारत ने कहा कि आत्मवत सर्वभूतेषु, अपने जैसा सबको मानो। हमारे यहां का बच्चा बच्चा कहता है कि धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सद्भावना हो और विश्व का कल्याण हो।
हमें प्रकृति का दोहन करना चाहिए, शोषण नहीं। दोहन का अर्थ है वृक्ष में फल लगे हैं, तो उन्हें तोड़ कर खाए, लेकिन यदि पेड़ ही काट दें तो यह होगा शोषण। मानवता के कल्याण के लिए प्रकृति का संरक्षण आवश्यक है। हम सभी ने भौतिक प्रगति की चाह में प्रकृति का अंधाधुन दोहन किया, जिसके कारण आज हम क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वार्मिंग के संकट का सामना कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में हमने जलाभिषेक अभियान चलाया और तय किया कि गाँव का पानी गाँव में रोकेंगे, खेत का पानी खेत में रोकेंगे।
जनता के सहयोग से हमने लगभग साढ़े चार लाख वॉटर बॉडीज बनाईं जो वॉटर रिचार्जिंग का काम कर रही हैं। मध्यप्रदेश टाइगर स्टेट है। 11 टाइगर पार्क यहाँ पर हैं। कई बार तो टाइगर से हैंड सैक की स्तिथि भोपाल में आती है। मैं आपसे निवेदन करता हूं कि मध्यप्रदेश की वाइल्ड लाइफ को जरूर देखें।
मध्यप्रदेश में हमने जनता से पौधरोपण का आव्हान किया और अंकुर पोर्टल बनाया। लगभग आठ महीने में 37 लाख लोगों ने पेड़ लगाए और फोटो अपलोड किए। साथ ही उनके रखरखाव का भी ख्याल रखा। धीरे-धीरे मध्यप्रदेश की धरती पर पौधरोपण का वातावरण बन गया। सबके लिए जो न्यूनतम आवश्यकताएं हैं, पूरी हों। इसके लिए संघर्ष नहीं समन्वय, युद्ध नहीं, शांति। सर्ववाइल ऑफ द फिटेस्ट जंगल का कानून है। जो कमजोर है, उसको भी आगे लाने की कोशिश करो। केवल जी20 ही नहीं, दुनिया के सभी देश एक साथ आ जायें और साझा विचार करें कि कैसे सबका कल्याण हो।
यह T20 की बैठक इस दिशा में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी, ऐसा मेरा विश्वास है। मेरा आपसे निवेदन है कि भोपाल आये हैं, तो मध्यप्रदेश भी घूमिये। यहां का ट्राइबल म्यूजियम देखिये। वर्ल्ड हेरिटेज में सांची यहां से कुछ ही दूरी पर है। यदि समय हो, तो भीम बैठका की गुफाएं और श्रीमहाकाल लोक भी अवश्य देखिये।