कबीर मिशन समाचार।
बीमा मिला नाममात्र का
ऐसी है भाजपा की किसान हितैषी सरकार?
नीमच। फसल बीमा के नाम पर बैंक बीमा कंपनियों और सोसायटियों द्वारा किसानों से करोड़ों रुपये की प्रीमियम लूट ली गई और खराब हुई फसलों का बीमा या तो दिया ही नहीं या नाममात्र की राशि दी। अपने आप को किसानों की सबसे बड़ी हितेषी बताने वाली भाजपा की केंद्र और मप्र की सरकार किसानों की इस पीड़ा पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
उक्त आरोप लगाते हुए किसान नेता एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सदस्य उमरावसिंह गुर्जर ने बताया कि वर्ष 2021-22 में जिन किसानों ने अपनी फसल का बीमा कराया था तब बीमा कंपनियों और सोसायटियों ने खुलकर प्रीमियम की वसूली की। केवल सोसायटियों ने ही 48 हजार 661 किसानों से 2 करोड़ 91 लाख रुपये प्रीमियम वसूल की। जबकि राष्ट्रीयकृत बैंकों, निजी बैंकों एवं उनकी बीमा कंपनियों ने तो बीमा प्रीमियम के नाम पर कई करोड़ रुपये वसूल किये।
गुर्जर ने आरोप लगाया कि किसानों की फसल जब प्राकृतिक आपदा में नष्ट या खराब हुई तो बीमा कंपनियों ने मुंह फेर लिया। मनमाने तरीके से सर्वे किये गए और मनमाने तरीके से बीमा राशि तय कर दी गई। प्रीमियम की तुलना में बहुत कम राशि किसानों को मिली। यहां तक कि कई किसानों की फसल को तो दस्तावेजों में नष्ट होना तक दर्ज नहीं किया। अब निजी बैंक बीमा कंपनियां यह तक बताने को तैयार नहीं है कि उन्होंने कितने किसानों को कितनी फसल बीमा राशि का भुगतान किया है। हालात यह हैं कि जिले के कलेक्टर तक को पत्र लिखकर जानकारी मांगना पड़ रही है। यह स्थिति तो वर्ष 2021- 22 की फसल बीमा प्रीमियम और बीमा भुगतान को लेकर है, जबकि इसमें बीमा कंपनियों द्वारा यह भी स्पष्ट नहीं किया जा रहा है कि बीमा खरीफ की फसल का है या रबी की। किसान हर स्थिति में ठगा जा रहा है। जबकि वर्ष 2022-23 की स्थिति तो अभी तक नहीं बताई गई है।
श्री गुर्जर ने कहा कि ऐसे हालातों में स्पष्ट है कि बीमा कंपनियां किसानों के साथ लूट मचा रही है और अपने आप को किसान का बेटा कहने वाले प्रदेश के घोषणावीर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व भाजपा के जनप्रतिनिधि हाथ पर हाथ धरकर तमाशबीन बने हुए हैं। इससे इनकी भी इस लूट मंडली में संदिग्ध भूमिका प्रतीत होती है।