कबीर मिशन समाचार।
रिपोर्ट- मुकेश राठौर
नीमच। (रामपुर)। तहसील क्षेत्र में सड़कों पर दौड़ रहे यात्री वाहनों में इन दिनों खुलेआम ओवरलोडिंग की जा रही है। अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि 40 सीटर बस में चालीस से अधिक सवारियां सीटों पर बैठाई जा रही हैं। वहीं यात्रियों को बस सहित अन्य यात्री वाहनों की छतों पर किराया लेकर बैठाया जा रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि खुलेआम यात्रियों की जान से खिलवाड़ करने वाले इन वाहन संचालकों के खिलाफ न तो परिवहन विभाग और न ही पुलिस द्वारा कार्रवाई की जा रही। इससे वाहन संचालकों के हौसले बुलंद हैं।
गौरतलब है कि नीमच से रामपुरा, भानपुरा, कोटा रूट पर चलने वाली यात्री बसो सवारियों की ओवरलोडिंग की जा रही है। इस कारण दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। रामपुरा से भानपुरा रूट पर सडको की हालत लगभग बड़े बड़े गड्डो मे तब्दील होकर दुर्घटना को अंजाम दे रहे है। फिर भी वाहन संचालक अपने क्षणिक लाभ के चलते यात्रियो की जान से खेल रहे है। सड़कों की हालत खराब होने के बाद भी ओवरलोड वाहन सड़कों पर तेज गति में दौड़ रहे हैं। अगर कोई दुर्घटना हो जाती है, तो पुलिस ऐसे वाहनों पर कुछ दिनों तक नजर रखती है, लेकिन बाद में स्थिति फिर से पहले जैसी हो जाती है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सवारियों से भरे ओवरलोड वाहन पुलिस के सामने से होकर निकलते हैं। उसके बाद भी इन को अनदेखा किया जा रहा है। रामपुरा क्षेत्र मे संचालित होने वाली बस संचालक अधिक मुनाफे के लिए सवारियों के जीवन से साथ ही खिलवाड़ कर रहे हैं। पुलिस अगर ऐसे वाहनों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करे तो ऐसे कई वाहन पकड़े जाएंगे। बिना परमिट के सड़कों पर दौड़ रहे वाहन, कई वाहनों के फिटनेस भी खत्म हो गया है। फिर भी वह ओवर सवारियां भरकर लेकर जा रहे हैं।
हाईटेंशन लाइन का डर
यात्रा के दौरान जो यात्री बसों की छत पर बैठकर यात्रा करते हैं। उनको कई बार रोड के ऊपर निकली हाईटेंशन लाइन से बचना पड़ता है। अगर इस दौरान कोई यात्री लाइन को देख न सके तो उसकी करंट लगकर मृत्यु निश्चित है।
किराए को लेकर आए दिन होते हैं विवाद
किराया सूची बसों में न होने के कारण बस कंडक्टर और यात्रियों में आए दिन विवाद की स्थिति बनती है। परिचालक इन बसों में सफर करने वाले यात्रियों से मनमाना किराया वसूलते हैं और जब काेई यात्री इसका विरोध करने की हिम्मत दिखाता है तो बस चालक और परिचालक उसे रास्ते में ही बस से उतारने की धमकी देने के साथ बस में बैठी सवारियों के बीच बदसलूकी करने को तैयार रहते हैं।
हो जाते हैं हादसे का शिकार
परिवहन विभाग की अनदेखी और लापरवाही के चलते यात्री बसों में जमकर मोटर व्हीकल एक्ट की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। प्रशासन का ध्यान इस ओर बिल्कुल नहीं है। सबसे बड़ी मुसीबत तो यह है कि यात्रियों को दी जाने वाली टिकट में न तो यात्री बस का नाम होता है और न ही बस का नंबर व दूरी। ऐसी हालत में सबसे ज्यादा मुसीबत तो उन लोगों को होती है जो किसी कारण से हादसे का शिकार हो जाते हैं।
बसों की छतों पर बैठकर यात्री कर रहे हैं सफर, हादसे की आशंका