यह गांव रीवा से 12 किलोमीटर दूर है। चूंकि गांव के नाम जैसी एक गाली भी है, इसलिए यहां के बाशिंदों को गांव का नाम लेने में शर्मिंदगी महसूस होती है। गांव के नाम की वजह से उन्हें कई मौकों पर नीचा देखना पड़ता है। यही वजह है कि लोग अपने गांव का नाम बदलवाना चाहते हैं। ग्रामवासी 14 साल से गांव का नाम बदलवाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अब तक इसमें सफलता नहीं मिली है।
इसके लिए ग्रामवासियों की ओर से वर्ष 2009 में पहला आवेदन जिला प्रशासन को दिया था। इसके बाद से रहवासी समय-समय पर जनप्रतिनिधियों से गांव का नाम बदलने के संबंध में आग्रह करते रहते हैं। वे मंत्रालय पहुंचकर राजस्व विभाग में आवेदन दे चुके हैं। चौदह साल का लंबा वक्त बीत जाने के बाद भी गांव का नाम नहीं बदला जा सका है। फिलहाल इसकी फाइल मंत्रालय में धूल खा रही है। रीवा जिले की गुढ़ तहसील के गांव का नाम है भुसड़ी। गांव का नाम बदलकर दुर्गानगर करवाना चाहते हैं गांव के लोग
रीवा जिले के एक गांव के लोग अपने गांव के नाम को लेकर परेशान है। इस गांव का नाम वही है, जो आम बोलचाल में एक गाली दी जाती है। इससे गांव के लोगों को शर्मिंदगी झेलना पड़ती है। गांव के लोग 14 साल से गांव का नाम बदलवाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अब तक इसमें सफलता नहीं मिली है। इस गांव का नाम है भुसड़ी, यह गांव रीवा जिले की गुढ़ तहसील में आता हैं. यह गांव रीवा से 12 किलोमीटर दूर है। चूंकि गांव के नाम जैसी एक गाली भी है इसलिए गांव का नाम लेने में शर्मिंदगी महसूस होती है। गांव के नाम की वजह से उन्हें कई मौकों पर नीचा देखना पड़ता है।
फिलहाल इसकी फाइल मंत्रालय में धूल खा रही है। इसके लिए ग्रामवासियों की ओर से वर्ष 2009 में पहला आवेदन जिला प्रशासन को दिया था। इसके बाद से रहवासी समय-समय पर जनप्रतिनिधियों से गांव का नाम बदलने के संबंध में आग्रह करते रहते हैं। वे मंत्रालय पहुंचकर राजस्व विभाग में आवेदन दे चुके हैं। चौदह साल का लंबा वक्त बीत जाने के बाद भी गांव का नाम नहीं बदला जा सका है। गांव का नाम बदलकर दुर्गानगर करवाना चाहते हैं गांव के लोग. किसी भी गांव या शहर का नाम बदलने के लिए राज्य शासन केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी मिलने के बाद राज्य शासन की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी की जाती है। फिर राजस्व विभाग आदेश जारी करता है।