किसान ने अपनी सोयाबीन काटी उधर पटवारी हड़ताल समाप्त
जिला राजगढ़/ कबीर मिशन पचोर/ सत्येंद्र जाटव,
इस बार राजनीति कह या मामा जी का दिमाग या पटवारी की सूझबूझ किसान प्रकृति आपदाओं से प्रत्येक वर्ष अपनी फसलों में नुकसान उठा रहा है l बरसात में फसल में हुए नुकसान का आकलन पटवारी सर्वे रिपोर्ट के अनुसार किया जाता हैंl
लेकिन राजनीतिक या अधिकारी पटवारी की सामूहिक हड़ताल की वजह से किसानों के फसलों का सर्वे नहीं हो सका जिसके कारण मुआवजा नहीं मिला बिना सर्व मुआवजे के किसानों ने अपनी फैसले काट ली किसने की फैसले कटी उधर पटवारी और नेताओं ने पटवारी हड़ताल खत्म करने की घोषणा की या कहीं ना कहीं किसानों के साथ धोखा है नेताओं या पटवारी के द्वारा क्योंकि नुकसान केवल तो केवल किसानों का हुआ है जिनका सर्वे नहीं हो पाया उन्हें मुआवजा नहीं मिल पाएगा पटवारी ने तो अपनी मांगे कुछ हद तक राजनेताओं से सहमति हो गई है
लेकिन किसान क्या करेगा वह किस आधार पर अपने मुआवजा की सरकार से मांग करेगा l शासन प्रशासन को बिना सर्वे किया प्रत्येक किसान को मुआवजा राशि शीघ्र वितरित करना चाहिए l जिससे किसान को कुछ राहत मिले l क्योंकि किसान की मांग केवल किसान ही उठा रहा है एक और प्रकृति नुकसान किसान का कर रही है और दूसरी और नेता अधिकारी पटवारी समय पर ध्यान नहीं दे रहे।