कबीर मिशन समाचार जिला सीहोर।
आष्टा से संजय सोलंकी की रिपोर्ट।
आष्टा।आष्टा तहसील के ग्राम धनाना की शासकीय माध्यमिक विद्यालय में जिन्हें हम देश का भविष्य मानते हैं उन्ही 8वी तक के बच्चों का भविष्य अंधकार में डूबता हुआ नजर आ रहा है विध्यालय में कक्षा 6टी से लेकर 8वी तक के बच्चों को कुक्ष भी नहीं आता जब हमारी टीम धनाना कि शासकीय माध्यमिक विद्यालय पहुंची और बच्चों से कूक्ष सवाल पूछें गए तो बच्चो ने एक भी सवाल का जवाब नहीं दे पाए यहां तक कि बच्चो को हिंदी में लिखना भी नहीं आता और नाही बच्चो को इंग्लिश में कुछ आता है माना जाए तो शिक्षक केवल सरकार से तनख्वा कुर्सी पर बैठने की ले रहे है बच्चों की ओर तो बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
शायद इसलिए जनता अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने को भेजते हैं ताकि उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सकें देखा जाए तो शासकीय स्कूलों में गरीब मजदूर लोगों के ही बच्चे पढ़ने को आते हैं क्योंकि उन लोगों के पास इतना पैसा नहीं होता है कि वे अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने को भेज सकें। क्या गरीब मजदूर लोगों के बच्चों को पढ़ने का अधिकार नहीं होता क्या इसी तरह बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड़ होता रहेगा सरकार शिक्षक को एक एक लाख रुपए तंख्वा देती हैं कि शिक्षक केवल आराम करे और बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते रहें।