भोपाल से टिकट कटने के बाद बोलीं BJP सांसद प्रज्ञा ठाकुर ‘मेरे कुछ शब्द शायद मोदी जी को पसंद नहीं आए
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए प्रत्याशियों की पहली सूची शनिवार को जारी की। इसमें एमपी में 29 में से 24 प्रत्याशियों को टिकट दिया गया है। भोपाल में प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत 6 सांसदों के टिकट काटे हैं। टिकट कटने के बाद सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर का रिएक्शन सामने आया है। भोपाल से सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने रविवार को मीडिया से टिकट कटने की सवाल पर कहा कि मैंने 2019 में भी टिकट नहीं मांगा था। अब भी नहीं मांगूंगी। मुझे टिकट कटने का कोई अफसोस नहीं है। मेरा लक्ष्य भारत को विश्वगुरु बनाना है। सांसद ने कहा कि हो सकता है कि मैंने कुछ ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर लिया जो मोदी जी को पसंद नहीं आए हों।
बता दें कि 2019 में सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोड़से को सच्चा देश भक्त करार दिया था। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि उनको माफ नहीं कर पाएंगे। सांसद ने कहा कि मैंने उसके लिए माफी मांग ली थी, लेकिन कांग्रेसी और विरोधियों को मेरा बयान खटकता है। वह मेरी आड़ लेकर मोदी जी पर हमला करते है। ठाकुर ने कहा कि उन्होंने जो कहा था वह सत्य था मीडिया ने उनके बयान को विवादित बना दिया था। सांसद ने टिकट नहीं मिलने पर आगे की भूमिका पर कहा कि वह पार्टी नहीं छोड़ने वाली हैं। उन्होंने कहा कि संगठन जो जिम्मेदारी देगा उसको निभाएंगी और जरूरत पड़ने पर हर जगह उपलब्ध रहेंगी।
बता दें सांसद ने अपने बयान के बाद माफी मांगते हुए कहा था कि वह महात्मा गांधी का सम्मान करती हैं, लेकिन उनके बयान से पार्टी की किरकिरी हुई थी। इस बयान से प्रधानमंत्री मोदी समेत कई दिग्गज नाराज हो गए थे। हालांकि भाजपा ने उनकी उम्मीदवारी रद्द नहीं की थी। सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने भोपाल से पूर्व सीएम और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को साढ़े तीन लाख से अधिक वोटों से हराया था। इस बार भाजपा ने भोपाल से पूर्व महापौर आलोक शर्मा को टिकट दिया है।
लोकसभा चुनाव में साध्वी का टिकट कटने की वजह उनका विवादित बयान माना जा रहा है. बीजेपी की सूची जारी होने के बाद भोपाल सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर से जब सवाल किया गया कि उनका टिकट क्यों काटा तो उन्होंने कहा कि ‘हो सकता है मैंने कुछ ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर लिया जो मोदी जी को पसंद ना आए हो.’ उन्होंने कहा कि ‘टिकट देना या ना देना यह संगठन का फैसला है ये नहीं सोचना चाहिए कि टिकट क्यों काटा, कैसे काटा, मैंने तो पहले भी टिकट नहीं मांगा था और इस बार भी टिकट नहीं मांगा.’