कबीर मिशन समाचार जिला सीहोर
आष्टा से संजय सोलंकी की रिपोर्ट।
मध्यप्रदेश सरकार और केंद्र की सरकार पर्यावरण को संतुलित करने के लिए करोड़ों रूपये खर्च कर पौधारोपण व वनों के संरक्षण पर कार्य किया जा रहा है, लेकिन इन दिनों वन विभाग के जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते क्षेत्र में तेजी से वन विभाग की जमीन पर अवेध अतिक्रमण करके कब्जा कर रहे हैं वहीं कुछ अज्ञात लोगों ने तो करीब 10 एकड़ जमीन को रोक कर कांटे भी लगा दिए और कब्जा कर लिया है मगर वन विभाग के अधिकारी इस और ध्यान ही नहीं दे रहे हैं वही शनिवार की सुबह 10 बजे कुछ पत्रकार साथी रामपुरा कला के छोटे झरने पर घूमने गए तो उन्हें पेड़ो की कटाई की आवाज सुनाई दी वही कुछ किसान लोग उनकी खेती पर मौजूद थे जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया की यह पेड़ो की कटाई की आवाज रोज आती है मगर हम उनके पास इसलिए नही जाते की अगर उनके पास बड़े हथियार होते हैं और अगर उन्होंने हम पर हमला कर दिया तो इसका जिम्मेदार कोन होगा, और ऐसी घटना को लेकर हमने पहले कहीं बार वन विभाग के अधिकारियों को इन घटनाओ से अवगत करवा दिया है
इसके बाद भी वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इस और ध्यान नहीं दे रहे हैं ।वही से फिर पत्रकार साथी रामपुरा कला आकर चौकी पर मौजूद नाकेदार से इस घटना के बारे में बताया तो पहले तो नाकेदार आना-कानी करने लगे फिर कुछ देर बाद उन्होंने बोला कि हम इस मामले को दिखाते हैं और इस के बाद कुछ भी कहने से इनकार कर दिया ।जिसके बाद पत्रकार साथी ने आष्टा आकर रेंजर साहब इस घटना को बताने का प्रयास किया मगर रेंजर साहब आष्टा कार्यालय पर मौजूद ही नहीं थे।
इससे पता चलता है कि वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी वन को बचाने में कितने लापरवाह होते जा रहे हैं, आए दिन घट रहे सागौन के पेड़ बता रहे हैं की वन माफियाओं के हौसले बुलंद हे , जिसके चलते वन माफिया द्वारा अवैध रूप से क्षेत्र के जंगलों में धड़ल्ले से सागौन की लकड़ी काटी जा रही हैं जिसके बाद उस जमीन पर कब्जा किया जा रहा है इससे हम सभी अंदाजा लगा सकते हैं की वन विभाग के अधिकारी एक बड़ी तनख्वा लेने के बाद भी गहरी नींद में सोए रहते हैं।
क्षेत्र का रामपुरा कला का जंगल है जो जंगल इन दिनों लकड़ी माफियाओं के निशाने पर है। जंगल में कहीं भी सागौन की लकड़ी के लिए कटे हुए सागौन के पेड़ों के ठूंठ आसानी से देखे जा सकते हैं। वन विभाग द्वारा जंगल की सुरक्षा के तमाम दावे किए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर नजारा कुछ और ही बयां करता है।
आष्टा वन क्षेत्र अंतर्गत आने वाले रामपुरा कला जंगल मैं सागौन के पेड़ों की अंधाधुंध कटाई जारी है। जंगल के आसपास रहने वाले लोगों ने बताया कि इन दिनों वन माफिया बेस कीमती सागौन के पेड़ों को काट कर ले जा रहे हैं
जिसके अन्तर्गत कुल्हाड़ी, आरी, चलाने की आवाज सुनाई देती है। कार्रवाई नहीं होने से तस्करों के हौसले बुलंद हैं और बेखौफ होकर पेड़ों को काट रहे हैं। वन विभाग की लापरवाही से दिन ब दिन हरे-भरे खूबसूरत जंगल उजड़ रहे हैं।
रात के अंधेरे में होता है परिवहन
इन दिनों क्षेत्र में पाई जाने वाली बेशकीमती सागौन की लकड़ी की तस्करी वन माफियाओं द्वारा बड़ी मात्रा में की जा रही है।
एक ओर जहां वन विभाग इक्का-दुक्का कार्रवाई कर अपनी पीठ को थपथपा लेता है, तो वहीं वन माफिया द्वारा बड़ी संख्या में सागौन कि लकड़ी के बेशकीमती वृक्षों को अवैध कटाई कर साफ किया जा रहा है। दिन में वन माफिया के लोग जंगल में कटाई करते हैं और जैसे ही रात होती है वाहनों से लकड़ी का परिवहन किया जाता है।
गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों से जंगल में अवैध कटाई की घटना बड़ी हैं
अब देखना होगा की इस घटना को देखकर वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कितने सजग होते है और वनमफियाओ पर क्या कार्यवाही करते हैं।