कुशल जैन तहसील पत्रकार कबीर मिशन समाचार मालनपुर,गोहद, जिला -भिंड
मालनपुर-सूर्या रोशनी मालनपुर के वाइस प्रेसिडेंट मुकुल चतुर्वेदी ने कहा है कि रीजनल इंडस्ट्रीज कॉनक्लेव से औद्योगिक क्षेत्र में एक नए युग का सूत्रपात होगा। राज्य के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव कई प्रकार की सहूलियत दे रहे हैं। इससे नए लगने वाले और बंद औद्योगिक इकायों के विकास को गति मिलेगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। मेरे कुछ व्यक्तिगत सुझाव है जिसमे मेरा कहना है कि वर्तमान में उद्योग प्रोपर्टी टैक्स के अतिरिक्त भार से जूझ रहे हैं परन्तु जैसा कि उद्योग विभाग के द्वारा बतलाया गया है कि यह मुददा जैसे ही मुख्यमंत्री के संज्ञान में आया है। बहुत जल्द ही उद्योगों को प्रोपर्टी टैक्स के अतिरिक्त खर्च से राहत मिलने की संभावना है। यह सरकार का सराहनीय कदम है। साथ ही पड़ोसी राज्यों की अपेक्षा मध्य प्रदेश में प्राकृतिक गैस पर वेट 14 प्रतिशत है जो कि काफी ज्यादा है।
यह गुजरात राज्य में 6 व महाराष्ट्र में 3, उत्तराखण्ड में 5 है। मुख्यमंत्री जी आप इसमें राहत देंगे तो उद्योग उद्योग जगत को बड़ा लाभ मिल जायेगा।ईसीएस सुविधाओं में सुधार करवाएं: प्रदूषण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों का सरलीकरण हो जाए तो ओर बेहतर होगा। कचरा निष्पादन को लेकर कई परेशानियां सामने आती हैं वर्तमान में उद्योग प्रोपर्टी टैक्स के अतिरिक्त भार से जूझ रहे हैं l हमारे क्षेत्र में ESIS की Services बहुत ही खराब है जबकि indore में Bhopal में ESIS की Services यहाँ से काफी बेहतर है। मालनपुर डिस्पेंसरी को Trauma Centre में तब्दील करने की आवश्यकता है।मालनपुर ग्वालियर के बीच में Public Transport की अत्यन्त आवश्यकता हैl.
सड़क को भी तत्काल Four Lane करना चाहिए। रोज ही सड़क Accident हो रहे हैं। मालनपुर औद्यौगिक क्षेत्र से लगे Toll को हटाना चाहिए। यहाँ लगभग रोज ही जाम की स्थिति निर्मित होती है एवं एक Extra खर्चा भी बढ़ता हैl Electrical Rates भी मध्यप्रदेश में अन्य राज्यों की अपेक्षा अधिक हैं इसे भी कम-से-कम 1 रूपया प्रति यूनिट कम करने की आवश्यकता है। हमारे म०प्र० में फैक्ट्री Licence Renewal की Fees अन्य राज्यों की तुलना में बहुत ज्यादा है हर तीन वर्ष इसमें 25% की दर से वृद्धि होती है इसको कम करने की आवश्यकता है।
प्रदूषण की आड़ में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कई तरह की अनुमति लेने हेतू विवश किया जाता है। फैक्ट्री का कचरा निष्पादन के लिए कठोर शर्ते रखी जाती हैं। फैक्ट्रियों द्वारा एक अच्छा खासा खर्चा प्रदूषण नियंत्रण हेतू प्रस्तावित उपकरणों को लगाने एवं रख-रखाव में किया जाता है। अधिकांशतः उद्योगों में इस तरह के कठोर नियम लगाना अनुचित है।