स्वावलंबी भारत अभियान जिला दतिया
दतिया से विकास वर्मा की रिपोर्ट।
जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में संघ विभाग कार्यकारणी सदस्य मनोज कुमार जी दिबोलिया,
मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विभाग संगठन मंत्री रोहित सोनी,
जिला सयोजक अभिषेक गुर्जर, प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्र IT. ट्रेनर श्री नरेंद्र बघेल, मंच संचालक मौसम कुशवाहा,
आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
मनोज जी ने कहा भारत की कुल 142 करोड़ जनसंख्या विश्व में सर्वाधिक है और युवाओं की संख्या भी सबसे अधिक है 15 से 29 वर्ष आयु वर्ग के बीच में ही देश में 37 करोड़ युवा है इन्हें रोजगार देना एक बड़ी चुनौती है अलग-अलग अलग-अलग संस्थाओं के अलग-अलग आंकड़े हैं हर महीने 9 लाख युवा 18 वर्ष आयु पार करके जब मार्केट में आ रहे है तो उन्हें कौन सी सरकार है इंडस्ट्री बड़ी नौकरियां दे सकती है बताइए आप आज की रोजगार की प्रचलित परिभाषा ही गलत है क्योंकि आज के युवा सरकारी नौकरी को ही रोजगार का एकमात्र माध्यम मानते है लेकिन यह गलत है ।
इस पैराडाइज को बदलना होगा इसका जब अध्ययन अपनी कार्यकर्ताओं ने किया तो बड़ी मात्रा में पाया कि इस देश के नौकरिया केवल 8 से 9% ही है इसके अलावा 10% कच्ची नौकरियां है किंतु बाकी देश तो स्वरोजगार और कृषि से ही तो स्वयं का रोजगार कर रहा है। रोहित सोनीने कहा स्वालंबन भारत देश मैं इस समय की बड़ी मांग है। भारत देश कई वर्षों पहले भी स्वावलंबन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था तथा पूरे विश्व में उत्पादन का एक बड़ा भाग भारत से होकर जाता था, लेकिन कुछ काल खंडों में हमने वह परंपराएं भुला दी हैं। हम भगवान हनुमान की तरह हो गए हैं, जिनको भूलने का श्राप लगा था।
केवल आवश्यकता है तो आप देश के युवाओं को जागने की आवश्यकता है। पूरे विश्व में कई देश ऐसे हैं जो अपने यहां पूरे विश्व का उत्पादन का बहुत बड़ा हिस्सा अपने देश से देते हैं यदि भारत का युवा एकजुट होकर धैर्य और साहस के साथ अपने-अपने क्षेत्रों के अनुसार स्वरोजगार व उत्पादन में लग जाए तो फिर पुनः हम पूरे विश्व को उत्पादन का बहुत बड़ा भाग हम भारत से दे सकते हैं। और मुझे विश्वास है कि देश का युवा अब इस कड़ी में आगे बढ़ने लगा है।