बंटी गर्ग ब्यूरो प्रमुख भिंड
भिंड अटेर क्षेत्र के ग्राम परियाय में गरीबों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है कुदरत मार से गरीबों की बुरा हाल हो गया है उन्हें चिंता सता रही है कि अब क्या होगा भारी बारिश में सब कुछ तबाह हो गया इसी चिंता में गरीब परेशान है अटेर क्षेत्र के ग्राम पर्याय में बहुत बुरे हालात हैं जब इस गांव के ग्रामीणों ने बताया। तो अनेक कमियां देखने को मिली जिसमें नल जल योजना नहीं है जगह-जगह कीचड़ पसरा हुआ है निकलने तक को जगह नहीं है नालिया चौक है जिस वजह से गंदा पानी एक जगह इकट्ठा होकर गंदगी का साम्राज्य व्याप्त होता जा रहा है एक तरफ तो सरकार भरपूर प्रयास कर रही है कि गरीबों को उचित लाभ मिले लेकिन भ्रष्टाचार के कारण सारा पैसा एक दूसरे की मिली भगत से डकार लिया जाता है जिससे गरीबों तक खोजना नहीं पहुंच पाती है जिससे गरीबों की फजियत होना निश्चित है
वही गांव के नाथूराम ने बताया कि हमें आज तक कोई भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है भारी बरसात में रहने के लिए घर नहीं है कच्चा घर है वह भी गिरने की स्थिति में है कई बार सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कर चुके हैं लेकिन कोई भी नहीं सुनता है जिस वजह से मैं बहुत परेशान हूं सरपंच ने आश्वासन दिया था कि तुम्हें आवास दिलवाया जाएगा लेकिन कई पंचवर्षीय योजना है निकल चुकी हैं कोई भी पंचवर्षीय योजना में हमें आवास नहीं मिला है झूठे आश्वासन दिए जाते हैं इसी आस में कई वर्ष बीत गए लेकिन आवास आज तक नहीं मिला है इसलिए हमें ऐसा लगता है की सरकारी योजना शायद अब नहीं मिलेगी जिम्मेदार अधिकारी कभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर निरीक्षण नहीं करते हैं जिससे दोषियों को सजा नहीं मिल पाती है जिससे उनके हौसले बुलंद है झोपड़ी बनाकर जीवन यापन कर रहे हैं छठ के नाम पर कुछ भी नहीं है
थोड़ी सी बारिश के बाद झोपड़ी में चारों ओर पानी भर जाता है जिससे जहरीले जीव जंतु जंतुओं का डर हमेशा बना रहता है सरपंच और सेक्रेटरी मिल बाटकर गरीबों का पैसा खा लिया जाता है जिससे वही योजनाएं गरीबों तक नहीं पहुंच पाती हैं सरकार का उद्देश्य था की आवास देकर गरीबों का लाभ होगा उनके पास पक्का घर नहीं है वह पक्का घर हो जाएगा लेकिन सरकार का उद्देश्य इन सरपंच और सचिव मैं चकनाचूर कर दिया है यह घर बैठकर कागजों में ही विकास कर दिया जाता है हकीकत की धरातल पर यदि गौर से देखा जाए तो विकास के नाम पर सिर्फ दिखावा किया जाता है स्वच्छता के नाम पर गंदगी पसरी हुई है साफ सफाई नहीं होती है सारी व्यवस्था भगवान की भरोसे संचालित हो रही है उसके आवास जल्दी निकल आते हैं पता है वह इसी तरीके से की जिंदगी जीने के लिए तैयार हो जाता है इस प्रकार का सिस्टम हर जगह व्याप्त है क्योंकि यह लोगों के ऊपर वरिष्ठ अधिकारी भी कार्रवाई नहीं करते हैं जिससे उनके हौसले बुलंद है।