बंटी गर्ग जिला ब्यूरो चिप भिंड
भिंड /पंचशील शिक्षा प्रसार एवं समाज कल्याण समिति भिंड के तत्वाधान में पेरियर रामास्वामी नायकर जी की 145वीं जयंती के उपलक्ष में एससी एसटी ओबीसी ,भाईचारा सम्मेलन को रखा गया समिति के मीडिया प्रभारी मनीष नागर ने आगे बताया की कार्यक्रम में समाज के प्रबुद्ध भाइयों एवं बहनों ने सहभागिता की। कार्यक्रम गद्य और पद्य दोनों शैली में था कुछ लोगों ने भाषण के माध्यम से अपनी बात रखी एवं कुछ लोगों ने संगीत के माध्यम से अपनी बात रखी।सभी ने महापुरुषों के शिक्षाओं को अपने जीवन में अनुकरण करने की बात की। कार्यक्रम की शुरुआत सामूहिक बुद्ध वंदना से हुई एवं सभी अतिथियों का सामूहिक स्वागत समिति संस्थापक बीएन दिवाकर जी द्वारा किया गया।
स्वागत एवं समिति के कार्य एवं परिचय भाषण समिति सदस्य आयुष्मान जितेंद्र पिप्पल जी के द्वारा किया गया एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता मान्यवर आरपी यादव जी ने की और मुख्य अतिथि मनवार राजवीर सिंह बघेल सरपंच (पेवली) ने की।कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता गणों में सामाजिक कार्यकर्ता वीरु धनोलिया ने कहा की पंचशील समिति ही वो समिति है जो आज पुरे जिले में छात्रों के भविष्य के लिए कार्यक्रम , समाज में जागृति कार्यक्रम , समाज में कही कोई मुसीबत आती है तो पंचशील समिति सबसे पहले मदत करने के लिए पहुंचती है और बताए की प्रत्येक रविवार को प्रज्ञा बौद्ध बिहार अंबेडकर नगर पर विचारगोष्ठी का आयोजन करती और जरूरत मंद लोगों की मदद करती आगे पेरियार ई वी रामस्वामी के बारे में बताया की पेरियार एक समतल व्यवस्था चाहते थे पेरियार अंधविश्वास,जातिवाद और सामंतवाद के सक्त विरोधी थे पेरियार ने रामायण और धार्मिक ग्रंथों को राजनेतिक ग्रंथ बताया और भगवान से कुछ सवाल खड़े किए पेरियार कहते थे की आज का युग विज्ञान का युग और अगर हमे देश को विश्वगुरू बनाना है तो अंधविश्वास को छोड़ना होगा पेरियार को उत्तरी एसिया का सुकरात कहा गया
उन्होंने द रामायण लिखी और उसका हिंदी अनुवाद ललाई सिंह यादव ने किया जिसमे जिसमे बहुत कुछ सीखने को मिलता है कार्यक्रम में मुख्य रूप से ,कनछेदी लाल बघेल ,बेताल सिंह बघेल,सोनू यादव,जेपी सर लहार,भगत सिंह, मान,हरिसिंह बरसेना जी,ऊषा बौद्ध जी, गोविंद सुमन राजवीर सिंह बघेल, आरपी यादव जी आदि ने शिक्षा,अंधविश्वास,सामाजिक बुराइयों,एवं नशा व्यसन और महापुरुषों के सामाजिक योगदान पर अपने विचार रखे।कार्यक्रम का संचालन मान, आरएस, सराहिया जी और आयुष्मति भावना मिहोलिया जी ने किया,और अंत में आभार समिति के उपाध्यक्ष मान धर्मेंद्र महेश्वरी द्वारा दिया गया।