खबर पचोर जिला राजगढ़ मध्य प्रदेश से आज 15 नवंबर अंबेडकर पार्क पचोर में आदिवासी भगवान बिरसा मुंडा एवं गुरु नानक जयंती मनाई गई।
सबसे पहले संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की उसके बाद गुरु नानक के चित्र पर माल्याअर्पण किया गया उसके पश्चात आदिवासी भगवान बिरसा मुंडा के चित्र पर माल्याअर्पण किया गया।
मध्य प्रदेश पालक महासंघ जिला उपाध्यक्ष देवेंद्र सिंह भिलाला ने आपने उदबोधन मे बताया कि आदिवासी भगवान बिरसा मुंडा की हम 150 वी जयंती मना रहे हैं इनका जन्म 15 नवंबर 1857 को बंगाल प्रेसीडेंसी के अंतर्गत उलीहातु गांव में हुआ।
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था जो वर्तमान में झारखंड में स्थित है l उनकी माता का नाम सुगना मुंडा और पिता का नाम करमी हातु था उनका परिवार छोटा नागपुर से संबंधित था बिरसा की शिक्षा मिशनरी स्कूल में पढ़ने के लिए ईसाई धर्म अपनाना था परंतु बिरसा मुंडा ने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी उन्हें ईसाई धर्म कभी कबूल नहीं था।
बिरसा 20 साल की उम्र में वैष्णव धर्म की और मुड़ गये उन्होंने अपने समाज को क्यो उपदेश दिए (ज्ञान दिया) l बिरसा का योगदान- उन्होंने तत्कालीन जनजाति समाज में व्याप्त कुर्तियां जैसे अंधविश्वास, जाति भेद, नशाखोरी, जाति संघर्ष और अन्य सामाजिक बुराइयों के खिलाफ जागरूकता फेलाई।
भगवान बिरसा मुंडा ने नारा दिया था कि “आंबुआ ढिशुम आंबुआ राज” का नारा दिया था l उन्होंने कहा कि आँबुआ राज एते जना “महारानी राज टुडू जना यानी” रानी का राज्य समाप्त कर हमारा राज्य स्थापित करें l इसका मतलब है हमारा राज्य, हमारा शासन
बिरसा मुंडा ने 1899 और 1900 के बिच रांची के दक्षिण में मुंडा विद्रोह आंदोलन की स्थापना की बिरसा मुंडा गरीबों के लिए एक मसीह के रूप में थे उन्होंने सदा ही निर्धन गरीबों के हक और अधिकारों के लिए लड़ते रहे।
मध्य प्रदेश पालक महासंघ जिला अध्यक्ष इंजीनियर सत्येंद्र जाटव ने कहा कि इस साल हम 555 वी गुरु नानक जयंती मना रहे हैं गुरु नानक जयंती सिख समुदाय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है जिसे हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दीन मनाया जाता है l इस ग्रुपपर्व या प्रकाश पर्व भी कहा जाता है।
यहां पर सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी के जन्मदिन का प्रतीक है l गुरु नानक देव जी सिख समुदाय के पहले गुरु है।
यहां पर्व अक्सर अक्टूबर या नवंबर माह में आता है और इस दिन को सिख समाज के लोग बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं गुरुद्वारों में विशेष समारोह आयोंजीत किए जाते है l यहां पर्व कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही क्यो मनाया जाता – इसे गुरु पर्व भी कहा जाता है गुरु नानक देव जी ने समाज मे फेली अज्ञानता को दूर करते हुए ज्ञान का दीपक जलाया गुरु नानक देव ने कहा कि ईश्वर एक है और हम सबको आपस में भाईचारा रखने चाहिए l ज्ञान का प्रकाश फैलाने के लिए गुरु नानक जयंती को प्रकाश पर्व भी कहा जाता है।
इस दिन विशेष रूप से मंदिरों एवं गुरुद्वारों में दीपक जलाए जाते हैं इसे कार्तिक देव दिवाली भी कह सकते हैं l
कार्यक्रम में उपस्थित सदस्यों में मध्य प्रदेश पालक महासंघ जिला अध्यक्ष राजगढ़ इंजीनियर सत्येंद्र जाटव, मध्य प्रदेश पालक महासंघ जिला उपाध्यक्ष राजगढ़ देवेंद्र सिंह भिलाला,जयस सचिव कृष्ण भिलाला सुस्तानी, पवन वर्मा ब्लाक अध्यक्ष भीम आर्मी, नितेश मंडलोई सुस्तानी, होकम सिंह जाटव अमलार, अशोक वर्मा, समंदर सिंह भिलाला सरेडी,पंकज सोलंकी सीका, अर्जुन वर्मा आदि उपस्थित हुए l
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