दतिया से विकास वर्मा की रिपोर्ट ।
दतिया जिले के कई इलाकों से सूचना प्राप्त हो रही है कि किसानों के द्वारा पराली जलाने से आगजनी की घटनाऐं घटित हो रही है। पराली जलाने के कारण पर्यावरण को नुकसान के साथ-साथ लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है एवं पशु हानि, फसल हानि तथा जंगल जलने जैसी घटनाऐं संभावित है।
,कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अधिकारी दतिया संदीप कुमार माकिन ने उक्त परिस्थिति को दृष्टिगत रखते हुए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण दतिया द्वारा आपदा प्रबधन अधिनियम 2005 की धारा 30 (अ) के अंतर्गत आदेशित किया जाता है।
संबधित क्षेत्र के अधिकारी अपने कर्तव्यस्थल के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण/शहरी परिक्षेत्र में पराली जलाने से होने वाली दुर्घटना से बचाव हेतु कैंप आयोजित कर लोगों को जागरूकता लाऐ तथापि की स्थिति में जो भी व्यक्ति इस तरह की पराली या आगजनी की घटना में दोषी पाया जाता है।
उसके विरूद्व संबधित सचिव/जीआरएस, पटवारी घटनास्थल की फोटो वीडियो लेकर प्राथमिकी दर्ज कराने की कार्यवाही करेंगे।इस आदेश का पालन न होने पर संबधित के विरूद्व आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 56 के अंतर्गत यथोचित कार्यवाही की जाएगी।
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