वाले सुप्रसिद्ध अभिनेता को आखिर बॉलीवुड अब क्यों नहीं दे रहा तवज्जो।
इंदौर।कई ऐसे अभिनेताओं को बॉलीवुड की ”गुटबाजी” ने हाशिए पर पटक दिया जिन्होंने
अपने समय में प्रसिद्ध फिल्मों में अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया। ऐसे ही एक अभिनेता हैं विजयेंद्र घाटगे। उन्होंने ‘चितचोर’, ‘प्रेमरोग’, ‘कसमें वादे’,
‘सत्ते पे सत्ता’ और ‘देवदास”, दामिनी जैसी दर्जनों फिल्मों में अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया। शनिवार को उनसे मुलाक़ात हुई इस
दौरान उन्होंने खबरों की चर्चा के साथ पत्रकार साथी से भी खेल से जुडी खबरों के अलावा राजनीति, सामाजिक और खासकर मां देवी अहिल्या की नगरी इंदौर की समस्याओं पर भी बात की।
उन्होंने सबसे प्रमुख समस्या ट्रैफिक को बताया। स दौरान उन्होंने भारतीय टीम के बारे में जानकारी ली और इण्डिया का अगला मैच कब और कौन से शहर में होने वाला हैं इस बारे में भी पूछा। *इंदौर के शाही घराने के श्रीमंत हैं विजयेंद्र घाटगे*विजयेंद्र घाटगे इंदौर के होल्कर राजघराने के महाराज तुकोजी महाराज तृतीय की बेटी रानी सीता राजे घाटगे की बेटे हैं। ये परिवार कगल राजघराने के नाम से भी जाना जाता है।
4 सितंबर को जन्मे विजयेंद्र शानो-शौकत और नवाबों वाले रौब के बीच पले-बढ़े मैनेजमेंट की पढ़ाई के बाद उनकी झुकाव कभी एक्टिंग की भी तरफ हो जाएगा, ये किसी ने सोचा भी नहीं था, क्योंकि राजघराने और उसके किसी भी सदस्य का दूर-दूर तक एक्टिंग से कोई नाता नहीं था।
विजयेंद्र NCC की फ्लाइंग सार्जेंट एयरविंग के मेन सुपरिटेंडेंट और ‘स्वॉर्ड ऑनर’ रह चुके हैं। नेवी का यूनाइटेड सर्विसेस क्लब विजयेंद्र को सी लॉर्ड के खिताब से नवाज चुका है।
विजयेंद्र में प्रबंधन की खूबियां था लेकिन उनका मन एक्टिंग में लगा था इसलिए उन्होंने पुणे में फिल्म ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में ट्रेनिंग ली।