दतिया से विकास वर्मा की रिपोर्ट ।
दतिया मप्र जन अभियान परिषद दतिया के तत्वावधान में प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानन्द जी की 162वीं जयंती के अवसर पर जिला स्तरीय व्याख्यान कार्यक्रम 2025 का आयोजन जिला पंचायत
सभागार दतिया में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कमलेश भार्गव संभागीय समन्वयक सुशील बरूआ रहे। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता महंत रामदूत महाराज, मुनेन्द्र शेजवार जिला समन्वयक, डॉ. सुशील प्रजापति जिला आयुष अधिकारी, अरविंद राणा, जिला खेल अधिकारी, गायत्री परिवार से सेहवाल पाठक,
ब्रह्माकुमारी परिवार से दीपा दीदी, श्याम भाई, हार्टफुलनेश परिवार से रेखा शर्मा, ऊषा नाहर, उर्मिला निरंक, पंतजलि परिवार घनश्याम सोनी, आलोक गोस्वामी, वरिष्ठ समाजसेवी बलदेव राज, मंगल सिंह परमार, गीता जयंती समिति से राम बुधौलिया कार्यक्रम का संचालन बालकृष्ण अग्रवाल ने किया।, कार्यक्रम का शुभारंभ
अतिथियों द्वारा स्वामी विवेकानंद जी के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्लित कर किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का स्वातगत करने के उपरांत जिला समन्वयक मुनेन्द्र शेजवार द्वारा कार्यक्रम प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुये कहा कि परिषद द्वारा देश के महापुरूषों को स्मरण कर उनके संदेशों को समाज के समक्ष लाने की दृष्टि से परिषद
के द्वारा समय-समय पर ऐसे कार्यक्रम समाजसेवी संस्थाओं के सहयोग से किये जाते है। इसी क्रम में युवाओं के प्रेरणास्त्रों एवं विवेकानंद जी के जीवन का मुख्य संदेश और उद्देश्य भारत के युवाओं तक पहुंचाने की दृष्टि से ये आयोजन परिषद द्वारा किया गया है।कार्यक्रम के पधारे मुख्य वक्ता महंत रामदूत महाराज
ने अपने धार्मिक उद्बोधन में कहा कि हमारे भगवान के जन्म स्थान के सबूत मांगे जाते हैं साथ ही संतों को अपमानित किया जाता था। हर तरफ हिन्दू धर्म के विरोध में एक माहोल तैयार किया जाता था। विश्व पटल पर भारत की छबि को धूमिल किया जाता था और आज का समय है जब विश्व की दो बड़ी शक्तियां भारत की तरफ आशा की नजरों से देख रही है। आज भारत विश्व का प्रतिनिधित्व कर रहा और विश्व गुरू बनने की ओर अग्रसर है।
कार्यक्रम के अध्यक्षता संभाग समन्व्यक सुशील बरूआ ने कहा कि देश की अखंडता एकता और सप्रभुता को बनाये रखने में देश के संतों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। भारत के संत आदि गुरू शंकराचार्य ने आध्यात्मिक जन मानस में एकता की भावना से भारत में चार मठों की स्थापना की थी। इसी प्रकार प्रत्येक व्यक्ति को संत के अनुसार जीवन जीना चाहिये जिससे
भारत एवं भारत की संस्कृति को बचाया जा सकता है। कार्यक्रम में उपस्थित ब्रह्माकुमारी परिवार से दीपा दीदी ने कहा आज हमारे लिये बहुत ही सौभाग्य का दिन है कि आज युग पुरुष स्वामी विवेकानंद जी की जयंती है। इनके द्वारा कहा गया कि समाज उन्ही को याद करता है जिन्होंने समाज के लिये योगदान दिया है।
कार्यक्रम में पधारे हार्टफुलनेश से सुशील कुमार प्रजापति जिला आयुष अधिकारी ने अपने वक्तव्य में ध्यान के संबंध में जानकारी दी। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता राम बुधौलिया महाराज द्वारा स्वामी विवेकानंद के जीवन एवं पुरुषों के लिए के लिए आव्हान पर अपने विचार व्यक्त किया और समाज को स्वामी विवेकानंद द्वारा बताए गए। भारतीय परंपराओं और प्राचीनतम
संस्कृति को आगे बढ़ने का आह्वान किया कहा कि भारत के अहित के लिये अधर्मी संगठन एक हो सकते है तो देश के हित के लिये हम सभी संगठित क्यों नहीं हो सकते है।पतंजलि से पधारे घनश्याम सोनी ने कहा कि जिस प्रकार हम अपने शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिये योग करते है वैसे ही हमें हमने विचारों को विवेकानंद की अध्यात्मिक संदेशों के माध्य्म से अपनाना चाहिये।
गायत्री परिवार से पधारे शहवाल पाठक ने कहा कि आज का प्रत्येक व्यक्ति हमेशा टेंशन में रहकर कार्य कर रहा है आज के भौतिक वादी जीवन को विवेकानंद की जीवन शैली से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है और युवाओं को समाज और देश हित में कार्य अपनी ऊर्जा के साथ कार्य करना चाहिये, आयोजित कार्यक्रम
में स्वागत ब्लॉक समन्वयक भाण्डेर शैलेंद्र लिटौरिया, राजकुमार वर्मा, शैलेंद्र खरे ने किया। कार्यक्रम के अंत में विकासखण्ड समन्वयक ज्योति गोस्वामी द्वारा कार्यक्रम में पधारे सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया गया।कार्यक्रम में नवांकुर संस्थाएं, प्रस्फुटन समितियों के प्रतिनिधि एवं मेंटर्स, सामाजिक कार्यकर्ता, सीएमसीएलडीपी छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।