संविधान दिवस पर हुआ भव्य आयोजन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री तिवारी ने कहा-
अधिकार एवं कर्तव्य एक सिक्के के दो पहलू संस्कार सिखायें हिंसा से दूर रहें जिस घर में माता-पिता की इज्जत होती है वहां बहुत बरकत रहती है श्री तिवारी
कबीर मिशन समाचार बड़वानी से अनिष भार्गव
बड़वानी 26 नवम्बर 2022/ हमें हिंसा नहीं अपनाना चाहिए। महिलाओं को और साथी छात्राओं को सम्मान से देखिये। हमारे संस्कार हमें सही राह दिखाते हैं। जिस घर में माता-पिता की इज्जत होती है, वह घर हमेशा बरकत करता है। वहां के बच्चे ऊँचे-ऊँचे मुकाम पर जाते हैं। आप सभी समाज में अपना योगदान दीजिए।
ये बातें संविधान दिवस के अवसर पर शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बड़वानी के स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं नेहरू युवा केन्द्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री आनंद कुमार तिवारी ने अधिकार एवं कर्तव्य एक ही सिक्के के दो पहलू विषय पर विचार व्यक्त करते हुए कहीं। उन्होंने भारत के संविधान के विभिन्न पहलुओं मौलिक अधिकार, मौलिक कर्तव्य, नीति निर्देशक तत्वों आदि की व्याख्या की। उन्होंने कहा कि संविधान कोई क्लिष्ट ग्रंथ नहीं है। हमारे माता-पिता बहुत संसाधन जुटाकर अपना पेट काटकर हमें पढ़ाते हैं। हमें उनकी उपेक्षा नहीं करना चाहिए।
इस भव्य आयोजन में जिला न्यायाधीश एवं सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण श्री अमित सिंह सिसोदिया, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती सीता कन्नौजे, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री दिलीप सिंह मुझाल्दा, प्राचार्य डाॅ. एन.एल. गुप्ता, डाॅ. बलराम बघेल सहित महाविद्यालय के प्राध्यापकगण एवं लगभग चार सौ विद्यार्थी उपस्थित थे। सर्वप्रथम संविधान के शिल्पी बाबा साहेब डाॅ. भीमराव आम्बेडकर जी के चित्र का पूजन-अर्चन किया गया। प्राचार्य डाॅ. गुप्ता ने स्वागत भाषण देते हुए अतिथियों का परिचय दिया।
कार्यक्रम का समन्वय कॅरियर सेल के कार्यकर्तागण प्रीति गुवलानिया, वर्षा मुजाल्दे, वर्षा मालवीया, स्वाति यादव, कन्हैया फूलमाली, सुरेश कनेश ने किया। अतिथियों को नेहरू युवा केन्द्र की ओर से प्रस्तावना की आकर्षक प्रतियां भेंट की गईं।
प्रश्नमंच का किया आयोजन
पूर्व सत्र में भारत का संविधान पर आधारित प्रश्नमंच का आयोजन किया गया। इसमें डाॅ. मधुसूदन चैबे ने विद्यार्थियों से सवंधिान पर आधारित पचास प्रश्न पूछे और उनकी व्याख्या की। उन्होंने बताया कि प्रस्तावना संविधान को समझने की कुंजी है। यह संविधान का अभिन्न भाग है। अनुच्छेद 32 संविधान के प्राण-तत्व हैं। यह अनुच्छेद डाॅ. आम्बेडकर जी का सबसे प्रिय अनुच्छेद था। इन प्रश्नों में संविधान सभा, संविधान के निर्माण की प्रक्रिया, उसमें हुए संशोधन आदि को कव्हर किया गया। कार्यकर्ता प्रीति गुलवानिया ने बताया कि आज से एक सप्ताह तक प्रतिदिन कार्यक्रम आयोजित करके संविधान के प्रति जागरूकता उत्पन्न की जाएगी। संचालन कार्यकर्ताद्वय वर्षा मालवीया एवं स्वाति यादव ने किया, जिसकी भूरि-भूरि सराहना की गई। आभार श्री नितेश कुमार सोनी ने व्यक्त किया। आयोजन में सहयोग सुभाष, खुशी अग्रवाल, यंशिका पाटीदार, वर्षा मेहरा, सुनील पूनम कुशवाहा, प्रितेश बिल्लोरे, वाजिद खान, दिलीप रावत, अंतिम मौर्य ने दिया।