मध्य प्रदेश के सीहोर जिले की तहसील श्यामपुर के ग्राम पंचायत से श्यामपुर से बड़ा ही मामला सामने आया है नवोदय श्यामपुर में लगातार बारिश के चलते हुए नवोदय पर भीमा बंजारा का कच्चा घर टूट गया जिसमे 4 बच्चे भी दब चुके थे उनके साथ कच्चे मकान में बच्चो को मां भी दब चुकी थी गनीमत रही की वही घर के आसपास और भी घर होने से तुरंत पड़ोसी की मदद से उन सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया एवं बताया जा रहा है की बच्चो और महिला को मामूली चोटे भी आई है।
वही भीमा बंजारा का कहना है कि जिम्मेदार अधिकारयो ने अभी तक हमारे परिवार की कोई खेरखबर नही ली है जिम्मेदार अधिकारियों को कोई खेर खबर नहीं है हमने हल्का के पटवारी श्यामपुर को भी फोन लगाया है मगर प्रशासन सुनने को तैयार नहीं है भीम बंजारा ने कहा की मैं यहां पर रहकर मजदूरी करता हूं एवं 10 वर्षों से नवोदय पर स्थाई रे रहा हूं मैंने शासकीय योजनाओं का लाभ लेने के लिए ग्राम पंचायत श्यामपुर में भी कई बार मैंने अपने दस्तावेज पेश किया लेकिन सरकार की योजना का एवं आवास योजना का मुझे अभी तक कोई लाभ नहीं दिया गया भीमा बंजारा के द्वारा बताया गया कि पूर्व में भी सरपंच को कई बार आवेदन किया एवं वर्तमान सरपंच कोभी संज्ञान में दिया लेकिन हम गरीबों की कोई नहीं सुनता है आज मेरे पूरे परिवार की जान पर गाज सी गिर गई थी,
ओ तो भला हो पड़ोसियों का जो कि पड़ोसियों की मदद से मेरे परिवार की जान बचाने में सफल हुए,सवाल विधायक से लेकर मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री तक अपने भाषण में कहते हैं की हमारी सरकार गरीबों की सरकार है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती हैं जो आज भी को गरीबी तबके के लोग हे उन्हें योजनाओं का लाभ नहीं मिलता कही जगह तो गरीबो के नाम से आने वाली योजनाओं का लाभ धन्ना सेठ और गांव के बड़े लोग फायदा उठाते हैं और गरीब गरीब ही रह जाता हे जिसकी वजह से आए दीन ऐसे हादसे होते रहते हैं क्या सरकार और गांव के सरपंच की जवाबदारी नही बनती की जिस भीमां बंजारा का घर पूरी तरह टूट चुका है उसकी मदद कर सके।