उज्जैन । उप संचालक कृषि श्री आरपीएस नायक द्वारा किसानों को रबी फसल की उत्पादकता बढ़ाने के लिये सलाह दी गई है कि
बीज व्यवस्थाः- फसलों के अच्छे उत्पादन/उत्पादकता हेतु शुद्ध बीज का होना बहुत आवश्यक है, इस हेतु किसान बीज विश्वसनीय स्थान से खरीदे साथ ही पक्का बील भी अवश्य लें। जिन किसानों के पास स्वंय का बीज उपलब्ध है वो बीज साफ कर/छानकर बुवाई करें।
- बीज दरः- अनुशंसित बीज दर का उपयोग उपयोग करें (गेहूं फसलः-100 किलोग्राम प्रति हेक्टयर, चना/मटर फसलः-80 किलोग्राम प्रति हेक्टयर .सरसो फसलः-4-5 किलोग्राम प्रति हेक्टयर)
- बीज उपचार:- बीज बुवाई से पूर्व फसलों का फफूंदनाशी से बीज उपचार अवश्य करें। चना फसल में उकटा रोग से बचाव हेतु कार्बोक्सिऩ थायरम के मिश्रण 3 ग्राम प्रति किलो या ट्राईकोडर्मा विरडी 5 ग्राम प्रति किलो के मान से, इसके पश्चात राईजोबियम एवं पी.एस.बी. कल्चर 5 ग्राम प्रति किलो के मान से उपयोग करें।
- खाद एवं उर्वरकः-मृदा स्वास्थ कार्ड की अनुशंसा अनुसार संतुलित एवं अनुशंसित खाद/उर्वरक का उपयोग करें। गेहूं एवं चना फसल में निम्नानुसार प्रति हेक्टेयर नत्रजन/फास्फोरस/पोटाश की आवश्यकता होती है। 5 टन गोबर की खाद अथवा 2.5 टन वर्मी कम्पोस्ट का प्रति हेक्टेयर का उपयोग करें।
गेहूं फसल सिंचित हेतुः- 120 किलो नत्रजन, 60 किलो फास्फोरस, 40 किलोपोटाश एवं 25 किलो जिंक सल्फेट
गेहूं फसल अर्द्धसिंचित हेतुः- 90 किलो नत्रजन, 60 किलो फास्फोरस, 40 किलो पोटाश एवं 25 किलो जिंक सल्फेट
चना/मटर/मसूर/सरसो फसल हेतुः- 20 किलो नत्रजन, 60 किलो फास्फोरस, 40 किलो पोटाश, पोषक तत्वों की सिफारिश मात्रा अनुसार प्रति हेक्टयर निम्नानुसार उर्वरकों का उपयोग किया जा सकता हैं।
गेहूं फसल सिंचित एवं अर्द्धसिंचित हेतु प्रति हेक्टयर (बोवनी के साथ आधार खाद/उर्वरक का उपयोग अवश्य करें):- - एन.पी.के. (12:32:16) 200 किलोग्राम एवं 25 किलो ग्राम जिंक सल्फेट।
- डी.ए.पी. 125 किलो ग्राम 75 किलो ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश 25 किलो ग्राम जिंक सल्फेट।
- एस.एस.पी. 400 किलो ग्राम यूरिया 50 किलो ग्राम़0 किलो ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश़ 25 किलो ग्राम जिंक सल्फेट।
उपरोक्त में से कोई एक का उपयोग बुवाई के समय ही आधार उर्वरक के रूप में उपयोग करें एवं यूरिया 200 किलो प्रति हैक्टेयर प्रथम एवं द्वितीय सिंचाई के समय उपयोग करें।
चना/मटर/मसूर/सरसो फसल हेतु प्रति हेक्टयर(बोवनी के साथ आधार खाद/उर्वरक का उपयोग अवश्य करें)- - एन.पी.के. (12:32:16) 200 किलो़ 25 किलो जिंक सल्फेट।
- डी.ए.पी. 125 किलो 75 किलो म्यूरेट ऑफ पोटाश 25 किलो जिंक सल्फेट।
- एस.एस.पी. 400 किलो यूरिया 50 किलो 50 किलो म्यूरेट ऑफ पोटाश़ 25 किलो जिंक सल्फेट।
उपरोक्त में से कोई एक का उपयोग बुवाई के समय आधार उर्वरक के रूप में उपयोग करें। जिले में सेवा सहकारी समितियां एवं निजी विक्रेताओं के पास पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध है। अधिक जानकारी के लिए आपके क्षेत्र के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यालय या संबंधित क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से संपर्क करें।