कबीर मिशन सामाचार/भिंड,
बंटी गर्ग /जिला व्यूरो चीफ,
भिंड/ जिले की अटेर तहसील के अंतर्गत आने वाली संकरी पंचायत के अंतर्गत आने वाला छोटा सा गांव जिसे आज भी लोग चमारन का पूरा नाम से जानते हैं गौर करने वाली बात तो यह है कि आजादी के 76 वर्षों बाद भी शासकीय दस्तावेजों में भी गांव का नाम संशोधन नहीं किया गया है जिसके चलते लोग आज भी चमारन का पूरा नाम से गांव को पुकारते हैं जो सुनने में बहुत ही भद्दा और जाति सूचक शब्द है गांव के नाम से लोगों को अपमानित होना पड़ता है ।
लोगों ने शासन प्रशासन से मांग की लेकिन गांव का नाम संशोधन नहीं किया गया गांव के लोग आज भी नरकीय जीवन जीने को मजबूर हो रहे हैंl मंगलवार को गांव में ऑल इंडिया दलित एक्शन कमेटी की टीम पहुंची टीम ने गांव वालों से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि आज भी गांव के लिए आम रास्ता नहीं है खेतों से होकर पगडंडी से गुजरना पड़ता है गांव में आज भी शासकीय शिक्षक बच्चों को सही से नहीं पढ़ते हैं और खाना भी गांव में नहीं बनता है ग्रामीणों ने टीम को बताया कि जल्द ही गांव का नाम संशोधित होकर अंबेडकर नगर होना चाहिए