रिपोर्ट पवन सावले धार
मध्यप्रदेश नर्सिंग कॉलेज घोटाले की जांच के लिए रिश्वत लेने के मामले में मंगलवार को सीबीआई ने 10 नए आरोपी घोषित किए हैं। इनमें सीबीआई के ही डीएसपी और एक इंस्पेक्टर शामिल हैं। अब मामले में 4 सीबीआई अफसरों को मिलाकर आरोपियों की संख्या कुल 23 हो गई है। वहीं, सीबीआई इंस्पेक्टर राहुल राज को बर्खास्त कर दिया गया। वही धार से आशीष चौहान डायरेक्टर धार कॉलेज आफ एजुकेशन को भी गिरफ्तार किया है। ज्ञात रहे की श्री चौहान धार जिला भाजपा खेल प्रकोष्ठ में भी पदाधिकारी है।
सीबीआई डीएसपी तीन इंस्पेक्टर सहित 23 आरोपी गिरफ्तार
आशीष प्रसाद डीएसपी सीबीआई एसीबी भोपाल,राहुल राज इंस्पेक्टर सीबीआई एसीबी भोपाल,सुशील कुमार मजोका इंस्पेक्टर सीबीआई एसीपी भोपाल,ऋषिकांत असाटे इंस्पेक्टर सीबीआई भोपाल, जुगल किशोर शर्मा डायरेक्टर भास्कर कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग ग्वालियर,ओम गोस्वामी प्रत्यांश कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल कॉलेज इंदौर, अनिल भास्करन अध्यक्ष मलय कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग भोपाल, रवि भदोरिया चेयरमैन आईटी कॉलेज ऑफ़ मेमोरियल ऑफ़ नर्सिंग एंड फार्मेसी इंदौर,प्रीति तिलकवार इंदौर, वेद शर्मा इंदौर,जुबेर खान इंदौर, अशोक नागर झालावाड़,सचिन जैन भोपाल,राधा रमन शर्मा ग्वालियर,रोहित शर्मा ग्वालियर,कमल हिरानी साई बाबा कॉलेज इंदौर,आशीष चौहान डायरेक्टर धार कॉलेज आफ एजुकेशन धार,मुकेश गिरी गोस्वामी डायरेक्टर शुभदीप कॉलेजऑफ़ नर्सिंग इंदौर,मोहित निगोरे डायरेक्टर खरगोन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस खरगोन,गौरव शर्मा स्टाफ प्रत्याशा कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग इंदौर, राहुल शर्मा जयपुर,धर्मपाल गंगानगर राजस्थान,मोहम्मद तनवीर खानसीईओ पटेल मोटर्स इंदौर गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
अफसरों की रिश्वतखोरी की शिकायत के बाद सीबीआई की 7 कोर टीम और 3 से 4 सहायक टीमों ने भोपाल, इंदौर, रतलाम समेत राजस्थान के जयपुर में 31 ठिकानों पर छापेमारी की थी। कुल 2.33 करोड़ नकद, चार सोने के बिस्किट और 36 डिजिटल डिवाइस जब्त की गईं। आरोपियों से 150 से अधिक अनाधिकृत दस्तावेज भी मिले।
600 कॉलेज में से 308 की दी थी जांच रिपोर्ट
सीबीआई सूत्रों का कहना है कि इस मामले में अब पूरी जांच टीम ही संदेह के दायरे में आ गई है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर गठित जांच टीम ने 600 में से 308 नर्सिंग कॉलेजों की जांच रिपोर्ट दी थी। इस टीम ने रीवा के सरकारी कॉलेज को अनफिट करार दिया था। वहीं, कई ऐसे कॉलेज हैं, जो फिट नहीं थे और उन्हें फिट बता दिया था। अब दिल्ली के सीबीआई अधिकारी, भोपाल के अफसरों को पूरे मामले से अलग रखकर हर संदेही की जानकारी जुटा रहे हैं।
राहुल राज ही था मुख्य कर्ताधर्ता
सीबीआइ की जांच में सामने आया है कि इस पूरे मामले का कर्ताधर्ता सीबीआइ निरीक्षक राहुल राज ही था। वह दलालों के सीधे संपर्क में था। सीबीआइ की टीम निरीक्षण के लिए कब, कहां पहुंचने वाली है, इसका कार्यक्रम पहले ही दलाल के माध्यम से संबंधित नर्सिंग कालेज तक पहुंच जाता था।
मध्यस्थता कर रहे थे दो बड़े दलाल
पूरे प्रदेश में नर्सिंग कालेजों और सीबीआइ की टीम के बीच मध्यस्थता दो दलाल कर रहे थे। एक दलाल जुगल किशोर शर्मा ग्वालियर, रतलाम, मंदसौर और उज्जैन के कालेजों के बीच दलाली कर रहा था। उसका सहयोग अशोक नागर, रोहित शर्मा और राधा रमन कर रहे थे। दूसरा बड़ा दलाल ओम गोस्वामी था।
वह इंदौर, धार, खरगोन, मंडलेश्वर, रतलाम और मंदसौर के कालेजों के बीच दलाली कर रहा था। रवि भदोरिया, कमल इरानी, आशीष चौहान, मुकेश गिरि गस्वामी, मोहित निगोरे, गौरव शर्मा, वेद शर्मा, जुबेर शेख, प्रीति तिलकवार और तनवीर खान उसका सहयोग कर रहे थे।
जयपुर पहुंचाई जाती थी रिश्वत की राशि
सीबीआइ को पता चला था कि दलाल जुगल किशोर शर्मा राहुल राज के कहने पर रिश्वत की राशि राधा रमन शर्मा द्वारा जयपुर में राहुल शर्मा के यहां पहुंचाता था। राहुल राज का दोस्त धर्मपाल (निवासी गंगानगर राजस्थान) रिश्वत की राशि राहुल के नाम से एकत्रित करता था।
सुमा भास्करन ने दी थी 10 लाख की रिश्वत
सीबीआई की छापेमारी के दौरान सबसे पहले इंस्पेक्टर राहुल राज को 10 लाख रुपए लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। रिश्वत देने वाले 4 अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया था। इनमें नर्सिंग कॉलेज के मालिक अनिल भास्करन की पत्नी सुमा भी शामिल थीं।सुमा भास्करन मलय नर्सिंग कॉलेज की प्रिंसिपल हैं। सीबीआई ने दलाल के रूप में काम कर रहे ओम गोस्वामी, रवि भदौरिया और जुगल किशोर सहित तीन महिलाओं को भी गिरफ्तार किया है।
CBI इंस्पेक्टर के घर से सोने के बिस्किट मिले
CBI की एक टीम ने भोपाल में इंस्पेक्टर राहुल राज के प्रोफेसर कॉलोनी स्थित घर पर छापा मारा। तलाशी में 7 लाख 88 हजार रुपए नकद और 100-100 ग्राम के सोने के बिस्किट मिले। राहुल को अगस्त 2023 में उत्कृष्ट जांच के लिए केंद्रीय गृहमंत्री पदक से सम्मानित किया गया था। वे CBI के उन 15 अफसरों में शामिल थे, जिन्हें यह सम्मान मिला था।
वहीं, इंस्पेक्टर सुशील मजोका को मध्यप्रदेश पुलिस से डेप्युटेशन पर CBI, भोपाल भेजा गया था।
रिश्वत लेन-देन में करते थे कोडवर्ड का यूज
आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में कई खुलासे हुए हैं। आरोपी रिश्वत के लेन-देन में छाछ गिलास, अचार की बरनी जैसे विशेष कोडवर्ड का इस्तेमाल कर रहे थे। पैसा उठाने वाले को कैरियर, लाखों रुपए को अचार की बरनी और रुपयों की गिनती को किलो आम कहते थे।
2022 से सीबीआई कर रही जांच
बता दें, नर्सिंग कॉलेजों में अनियमितताओं की शिकायत के बाद यह मामला मध्य प्रदेश हाई कोर्ट तक पहुंचा था जहां की इंदौर बैंच के द्वारा इस मामले को जबलपुर बैंच को ट्रांसफर कर दिया गया था। इसके बाद हाई कोर्ट की जबलपुर बैंच द्वारा इस मामले को केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को सौंप दिया गया था। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश के आधार पर अक्टूबर 2022 में सीबीआई ने इस मामले की जांच शुरू की थी और सीबीआई द्वारा प्रारंभिक निष्कर्षों में राज्य भर के कई नर्सिंग कॉलेजों में व्यापक अनियमितताओं का पता चलने के बाद उच्च न्यायालय ने गंभीर चिंता व्यक्त की थी।
गिरफ्तार आरोपितों से दिल्ली में हो रही पूछताछ
आरोपितों को सीबीआइ पूछताछ के लिए दिल्ली लेकर गई है। पूछताछ और दस्तावेजों की जांच में अन्य आरोपितों के विरुद्ध प्रमाण मिलने पर इन्हें भी गिरफ्तार किया जा सकता है। साथ ही कुछ और नर्सिंग कालेज संचालकों और दलालों को आरोपित बनाया जा सकता है।