चितोडगढ 21 सितम्बर
दलित, अनुसूचित जाति के 70 वर्षिय बुजुर्ग द्वारा बग़डावत बांछने पढने के दोरान साडू मांता को अपनी मां अपने समाज की मांता बता देने से खफा होकर गुजर समाज के लोगों ने बुजुर्ग 70-72 वर्षिय बुजुर्ग को डरा धमकाकर कि तुम्हारे साथ अब क्या किया जाऐ, तुम्हारी जात तो नीच है. हमारे गुजरों की तरह रहन सहन रखते हो कपडे पगडी पहनते हो, गुजर समाज की तरह जुते पहनते हो ऐसा करने पर सजा देगें
गांव कै बीच खडा करके सभी के सामने सिर पर जुते रखवाकर मांफी मॅगवाने जेसे विडीयो ओडिया,जिसमें अनाप स्नाप गाली गलोच से लगातार धमकी तथा दलित वर्ग के साथ अपमान जनक अशोभनीय कृत्य पर सालवी समाज नवयुवक समाज संस्थान चितोडगढ के जिलाध्यक्ष श्याम सालवी तथा पदाधिकारी देवेन्द्र दयाल सालवी तथा अन्य पदाधिकारीगण प्रकाश मेघवाल, इन्दमल काला, फोरू, शिव लाल, छोटू लाल आदि बडी संख्या में संख्या में रेली निकालते हूऐ नारे बाजी के साथ दलित वर्ग आदि लोग उपखण्ड बेंगू मुख्यालय पर उपस्थित होकर दलित बुजुर्ग को अपमानित करने आडीयो के अनुसार दलित वर्ग को गालियां देकर अपमानित करने, जातिय नफरत, ओर धमकियां दिये जाने वाले लोगों के विरूद्ध sc.st act के तहत तथा अन्य धाराओ में कार्रवाही की मांग की गई।
इस दोरान बडी संख्या में जागरुकजन विभिन्न संस्थाओ के पदाधिकारीगण सामाजिक कार्यकर्तागण आदि उपस्थित होकर लोकतंत्र में इस तरह की सोच रखने जातिय नफ़रत रखते हूऐ अपमान करने जेसी घटनाओ पर गहरा आक्रोश व्यक्त करते हूऐ दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध शीघ्र कार्रवाई की मांग की । यदि कोई किसी को सिकायत हे तो वह शिक़ायत कर सकता है. पुलिस ओर कोर्ट है न्याय के लिए न्यायालय है कोई भी खाप पॅचायती, तुगलकी फरमान की तरह से फैसला करते हूऐ सजा देने का दण्ड जुर्माना करने का हक अधिकार किसको किसने दिया है?
जो कोई भी कानून को हाथ में लेगा उनके खिलाफ सॅविधानिक कार्यवाही होगी।
इस सम्बन्ध में अखिल भारतीय सालवी सुत्रकार महासभा, मूकनायक पदाधिकारीगण शॅकल लार मैघवाल, सालवी बलाई महासभा, भारतीय दलित साहित्य अकादमी, अम्बेडकरवादी जन क्रान्ति मॅच राजस्थान, आदि द्वारा भी राज्य स्तर पर ज्ञापन भेजकर देकर, दोषी लोगों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की गई है। इस सबंध में समाचार लिखे जाने तक दस लोगों की गिरप्तारी होना तथा तीन को न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के समाचार है।
सालवी नवयुवक समाज संस्थान ने अपने ज्ञापन में लिखा कि पांच दिन में सभी अपराधीकरण जिन्होने दलित वर्ग को अनाधिकृत लगातार गाली गलोच, करते हूऐ अपमान कर रहे है. आडियो के अनुसार जांच की जाकर उन्हे गिरप्तार किया जावे। पांच दिन बाद बडा आन्दोलन किया जा सकता है । इस विषय पर इस घटनाक्रम में तेजी से समाचार बढ रहे है वहीं, दलित शोषित समाज में उंच नीच की मानसिकता से हो रही घटनाओ पर बडा आक्रोश व्याप्त है।
मदन सालवी ओजस्वी
जिलाध्यक्ष भारतीय दलित साहित्य अकादमी चितोडगढ राजस्थान