आर.डी.एस.एकेडमी स्कूल घार में विज्ञान एवं प्रौधोगिकी विभाग भारत सरकार नई दिल्ली के सहयोग से परमात्मा सेवार्थ ग्रुप द्वारा आयोजित तीन दिवसीय विज्ञान जागरूकता कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुये डॉ. जीतेन्द्र सिंह सिकरवार अपने उद्यबोधन में कहा कि दुनियाभर में हर साल 27 मार्च का दिन वर्ल्ड थिएटर डे यानी विश्व रंगमंच दिवस के रूप में मनाया जाता है रंगमंच दुनिया भर में मौजूद अलग-अलग कलाओं, संस्कृति और परंपरा को लोगों तक पहुंचाने का बेहतरीन जरिया है। यह दिन थिएटर से जुडे कलाकारो के लिए खास होता है।
इस दिन उन्हें सम्मानित भी किया जाता है। कई लोग थिएटर का मतलब सिर्फ मनोरंजन स लगाते है। लेकिन साथ ही थिएटर का मतलब नाटको के माध्यम से सामाजिक समस्याओं के प्रति भी जागरूक करता है। इस दिन लोगो को यह बताया जाता है कि रंगमंचसमाज के विकास में बहुत जरूरी है।
डॉ. सीता सिकरवार ने कहा कि विश्व रंगमंच दिवस के रूप में मनाया जाने वाले रंगमंच दिवस जोनाट्य कला के महत्व पर जोर देने वाला एक वैश्विक उत्सव है। यह सरकारों, राजनेताओं आर संस्थानों को समाज के लिए थिएटर के मूल्य और आर्थिक विकास के लिए इसकी क्षमता को पहचानने के लिए अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है।
एवं विश्व रंगमंच दिवस के बाद एक दिन छोडकर विश्व पियानों दिवस आने वाला है। जिसे दुनिया भर में उत्साह के साथ मनाया जाता है पियानो से सबंधित गतिविधियों के लिए एक मंच प्रदान करता है। डॉ. कुसुम सिकरवार ने कहा कि रंगमंच सही वातावरण में मनुष्य के अंदर की आक्रामकता और तनाव को बाहर लाने में मदद करता है।
युवाओं को जीवन जीने का ढंग सिखाता है और कठिन से कठिन स्थिति में भी हार न मानने के लिए प्रोत्साहित करता है। रंगमंच अवसाद से कही दूर ले जाता है ये सकारात्मक ऊर्जा अच्छी जीवन शैली और अनुशासन के महत्व से आपको रूबरू कराता है।
हिन्दी में अव्यवसायिक रंगमंच का सूत्रपात 1868 में बनारस थिएटर के साथ हुआ बनारस में नेशनल थिएटर की स्थापना हुई भारतेन्दु के अंधेर नगरी का प्रथम मंचन नेशनल थिएटर में ही किया था। हिन्दी रंगमंच के विकास में भारतेन्दु नाटक मंडली 1906 की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है।
तीन दिवसीय विज्ञान मेले में छात्र-छात्राओ ने फिल्म शो, इक्स्टेम्परी, वाद विवाद प्रतियोगिता, क्विज प्रतियोगिता स्ट्रीट प्ले (नुक्कड नाटक), साइंस मॉडल प्रतियोगिताओं में भाग लिया जिसमें सभी विजयी प्रतियोगिताओं को पुरुस्कृत किया गया जिसमें साइंस मॉडल प्रतियोगिता में कशिश तोमर ने प्रथम पुरूस्कार, मिलन तोमर ने दूसरा पुरूस्कार, एवं राहुल जानवार ने तीसरा पुरूस्कार प्राप्त किया।
डिवेट प्रतियोगिता में प्रज्ञा सिकरवार ने प्रथम पुरुस्कार प्राप्त किया व आयुश कुशवाह ने दूसरा पुरुस्कार प्राप्त किया एवं इशिका छारी न तीसरा पुरूस्कार प्राप्त किया। विवज प्रतियोगिता में मुस्कान छारी ने प्रथम पुरूस्कार प्राप्त किया व सिद्वी ने दूसरा पुरुस्कार प्राप्त किया एवं माही शर्मा ने तीसरा पुरूस्कार प्राप्त किया। स्ट्रीट प्ले (नुक्कड नाटक) प्रतियोगिता में राशि सिकरवार ने प्रथम पुरुस्कार प्राप्त किया व ईश्वी सिकरवार ने दूसरा पुरुस्कार प्राप्त किया एवं ज्योति कुशवाह ने तीसरा पुरूस्कार प्राप्त किया।
उपरोक्त के अतिरिक्त सभी छात्र-छात्राओं को फिल्म शो दिखाकर सभी छात्र-छात्राओं को विज्ञान के महत्व को समझाया व इक्स्टेम्परी के माध्यम से किसी भी विषय का विश्लेषण कैसे करते है अवगत कराया एवं उपरोक्त के अतिरिक्त अन्य प्रतियोगिताओं में सामूहिक रूप से विजयी प्रतिभागियों को पुरूस्कार एवं मेडल प्रदान किये गये।
कार्यक्रम की अध्यक्षता संगीता शर्मा ने की तथा कार्यक्रम का संचालन राजेश परमार ने किया कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि के रूप में अशोक राठोर, विवके सिकरवार, रागिनी सिकरवार, भावना खटीक व प्रिया तोमर उपस्थित थे।